October 12, 2024
Aunty Ki Moti Gand 2

नमस्कार दोस्तों, मैं साक्षी मैं आपके सामने राहुल जी की कहानी जन्मदिन पे गिफ्ट में Aunty Ki Moti Gand 2 और उनकी चूत को चोदने को मिली का अगला भाग ले कर आई हूँ। 

हेलो दोस्तों, मैं आपका राहुल आपके सामने फिर हाजिर हुआ। आशा है कि आप सब ने इस आंटी सेक्स स्टोरी (Aunty Sex Story) का पहला हिस्सा पढ़ लिया होगा।

अगर आप ने अभी तक इस कहानी का पहला भाग नहीं पढ़ा है तो आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते है “Aunty Ki Moti Gand“, ताकि आपको कहानी पूरा मजा आए।

जैसा कि आप लोगों ने पिछले हिस्से में पढ़ा था, कि कैसे आंटी ने मुझे उनके घर ले लिया और फिर वहां जाके उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुला लिया। तो इस कामुक हिंदी की कहानी में पढ़े, कि उसके आगे क्या हुआ।

जैसे ही आंटी और कमरे में आई, तो आंटी ने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैं ये देख कर सोचने लगा, कि कुछ तो गड़बड़ थी। फिर मैंने आंटी से पूछा-

मैं: आंटी आपने कमरा लॉक क्यों किया है?

आंटी: अरे बेटा, इसीलिये किया है, ताकी तुझे गिफ्ट अच्छे से दे सकू।

और ये कहते ही आंटी ने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और आहिस्ता-आहिस्ता मेरे ऊपर चढ़ने लगी। 

मैं ये देख कर शॉक था, मगर मुझे ख़ुशी भी थी, कि मुझे तो कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी और यहाँ तो आंटी की चूत के अंदर पहले से ही आग लगी हुई थी। मगर फिर भी मैंने आंटी से पूछा-

मैं: आंटी ये क्या कर रहे हो आप? ये सब सही नहीं है।

आंटी: बेटा ज्यादा शरीफ मत बनो, मुझे पता है कि तुम मेरी चूत की चुदाई करना चाहते हो और मैंने तुम्हें कई बार मेरी चूचीयो को घूरते हुए देखा है और मोती गांड (Moti Gand) भी।

तो मेरे सामने ज्यादा शरीफ मत बनने की कोशिस मत करो और आज मुझे अपनी रंडी बना कर मेरी चूत की गर्मी को शांत कर दो।

मैं आंटी को इतना बोल्ड देख कर एक्साइटेड हो गया था और मैंने शर्म को साइड पे रखा और झट से आंटी पर टूट पड़ा।

मैंने आंटी को नीचे लिटा दिया और खुद उनके ऊपर चढ़ कर उनके नरम रसीले लाल होठों को चूमने लगा।

क्या मुलायम और रस से भरे हुए आंटी के होठ थे। मैं तो उनको खाये जा रहा था और आंटी भी फुल रिस्पॉन्स दे रही थी और काट भी रही थी। इससे मैं और उत्तेजित हो गया। 

फिर करीब 5 मिनट की चुम्मा-चाटी के बाद, आंटी ने मेरे कपड़े निकालने शुरू कर दिए। फिर मैंने भी आंटी की नाइटी निकाल फेंकी।

नाइटी निकलते ही अंदर का नजारा मानो जन्नत का था। बड़ी-बड़ी चूचिया (Big Boobs) मानों कह रही हो, कि हमें आज़ाद कर दो।

मैने भी समय बर्बाद ना किया? झट से उनकी ब्रा को खींच कर फाड़ दिया। फिर आंटी ने कहा-

आंटी: अबे बहनचोद साले, ये ब्रा क्यों फाड़ी?

मैं: अबे रंडी, अगर ऐसा नहीं करुंगा तुझे मजा नहीं आएगा।

ये कह कर हम दोनों हसने लगे और फिर मैं उसकी चूचियो पे झपट पड़ा। क्या कमाल की मुलायम और नरम चूचिया थी आंटी की। मैं तो उनकी चूचियों में ही खो गया था।

मैं लगतार उनको चूसे जा रहा था और काटे जा रहा था। आंटी भी ज़ोर-ज़ोर से सिस्कारियाँ आह आह आअह्ह्ह्ह करके ले रही थी।

आंटी: आआअहह राहुल, बहनचोद क्या मस्त बुर की चुसाई करता है तू। आआहह.. और मजे से चूस बेटा, आआहह.. आज अपनी आंटी की चूचियों का पूरा चूस ले।

फ़िर क्या था, मैं और ज़्यादा चुसने और काटने लगा। फ़िर 10 मिनट उसको चुसने के बाद, मैं नीचे की तरफ बढ़ा और नीचे जाकर उनकी पैंटी को भी झट से निकाल दिया। 

अब आंटी की उत्तेजना चरम सीमा पर थी और आंटी बार-बार कह रही थी-

आंटी: मादरचोद बेटे, अब मुझसे और सहा नहीं जाएगा। प्लीज डाल दे अपने लंड को मेरी चूत में और बुझा दे इसकी बरसों की प्यास को मेरी बुर की चुदाई (Bur Ki Chudai) करके।

मैंने सोचा कि क्यों ना आंटी को और तड़पाया जाए और मैंने तभी अपना मुंह उसकी चूत पे रखा और रसीली गुलाबी चूत (Pink Pussy) को चाटने लगा। 

क्या मस्त खुशबू थी आंटी की कामुक और बिना झांटो वाली चूत की, मानो जैसे मैं जन्नत में पहुँच गया था।

मैं चूत को ऐसी चाट रहा था, जैसे मैंने आज तक कभी कुछ खाया ना हो और अब मैं उनकी चूत के बीच में काटने भी लगा। इसपे आंटी ने कहा-

आंटी: आआहह.. बेटे, और ज़ोर से आआह.. चूस और ज़ोर से आह.. चूस और दर्द से चूस, बहनचोद मादरचोद साले।

मैं गालियां सुन कर और उत्तेजित हो गया, मैं और ज्यादा और बेरहमी से उनकी चूत की चटाई करने में लग गया।

कुछ देर के बाद आंटी जोर से आअहह आह्ह की सिस्कारियां लेके मेरे मुँह पर ही झड़ गई और मैंने चूत का पूरा अमृत पी लिया। 

फिर आंटी ने मुझे अपनी तरफ़ खींचा और मेरा कच्छा निकाला और मेरे 7.5 इंच के लंड को आज़ाद कर दिया।

जैसी ही आंटी ने मेरा इतना बड़ा और मोटा लंड देखा, तो आंटी चौंक के कहने लगी-

आंटी: अरे बाप रे! राहुल तेरा तो कितना बड़ा है, मैं इसको कैसे लूंगी?

मैं: आंटी अभी देखो आप इसको कैसे लोगी इसको।

ये कहते ही मैंने आंटी के मुँह में अपना लंड ठूस दिया और ज़ोर-ज़ोर से उनके मुँह की चुदाई करने लगा।

क्या मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था, जैसे मैंने आज सब कुछ पा लिया था। आंटी कमाल लंड की चुसाई कर रही थी।

फिर 10 मिनट तक लंड चुसाई के बाद, मैंने आंटी को उठाया और बिस्तर पर पटक दिया। मैंने उनकी टांगे फेलाई और चूत पर अपना लंड सेट किया।

फिर मैंने एक धक्का मारा, मगर लंड फिसल गया, क्योंकि मेरा लंड मोटा था और आंटी की चूत छोटी और टाइट थी।

फिर मैंने एक और धक्का मारा तो मेरा लंड चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया और आंटी ने ज़ोर से चीख मारी।

मैंने उनके होठों पर अपने होठों को रख दिया और उन्हें किस करने लगा और नीचे से आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारता रहा।

फिर कुछ देर में मैंने किस करने बंद कर दिया और ज़ोर-ज़ोर से घपा-घप धक्के मारने लगा। आंटी भी मजे से चुदवा रही थी और सिस्कारिया ले रही थी।

आंटी: आआहह.. आहह.. राहुल आआहह.. और ज़ोर से, और ज़ोर से, आज अपनी आंटी की चूत चुदाई (Aunty Ki Chut Chudai) करके उसका भोंसड़ा बना दे।

बहुत आग है इस चूत में, मिटा दे इसकी प्यास आअहह.. बहनचोद साले और ज़ोर से चोद न ढीला पड़ गया क्या तेरा लंड।

मैं ये सुन कर और ज़ोर से आंटी की चुदाई (Aunty Ki Chudai) करने लगा और 5 मिनट के बाद में आंटी अकड़ने लगी और वो झड़ गई।

मैं उन्हें लगतार चोदता रहा और 10 मिनट बाद मैं भी उनकी प्यासी चूत में झड़ गया। फ़िर मैं उसके ऊपर लेट गया।

हम दोनों थक चुके थे और हल्की आवाज में आंटी ने कहा-

आंटी : राहुल आई लव यू! क्या चुदाई करता है तू। मुझे मजा आ गया, आज से मैं तेरी रंडी हूं और तू जब चाहे मुझे चोद ले और जहां तू चाहेगा वहां चोद सकता है। तेरे जैसा लंड तो मैं रोज़ अंदर लूंगी।

फिर मैंने आंटी से कहा ऐसी बात है तो अब मुझे अपनी गांड की चुदाई करने दो तभी मैं तुम्हारी दुबारा चुदाई करूँगा।

पहले तो आंटी ने आनाकानी की लेकिन फिर तैयार हो गयी और मेरे सामने घोड़ी बन गयी। मैंने भी अपना हथियार निकाला और आंटी की मोटी गांड पर रख दिया। 

फिर मैंने एक जोर का धक्का दिया मेरे लंड का टोपा ही अंदर घुसा, क्योकि आंटी की ये पहली गांड चुदाई थी। 

आंटी को दर्द हुआ लेकिन आंटी मेरा साथ दे रही थी और दर्द को झेल रही थी, फिर मैंने एक और जोर के झटके में लंड को आंटी की गांड की गहराई में पूरा उतार दिया और उनकी आंटी की गांड चुदाई (Aunty Ki Gand Chudai) करने लगा। 

10 मिनट आंटी की गांड मारने के बाद मैंने अपने लंड का पानी आंटी की गांड में ही छोड़ दिया और फिर उनके बगल में सो गया।     

फिर आंटी ने मुझे करीब 10 मिनट तक किस किया और मुझे भी मजा आ रहा था। उसके बाद उस रात मैंने आंटी की 2 बार और चूत चुदाई (Chut Chudai) करके उनको संतुष्ट किया। 

लेकिन अगले दिन सुबह मैं जब घर गया था, तब मैंने देखा, कि मां मुझसे ठीक से बात नहीं कर रही थी और कुछ अजीब सी निगाहों से मुझे देख रही थी।

मुझे लगा, कहीं मां ने तो नहीं देख लिया, आंटी और मुझे चुदाई करते हुए…

इसी के साथ आज का हिस्सा यहीं ख़तम होता है। क्या मेरी माँ को सब कुछ पता लग गया है? और उसके बाद क्या होता है?

ये सब जानने के लिए अगला हिस्सा जरूर देखिये। आज की आंटी सेक्स कहानी (Aunty Sex Kahani) में इतना ही….. ख़ुश रहिये अपने लंड और चूत को सहलाते रहिये। धन्यवाद।

उम्मीद करता हूं आपको मेरी Hindi Sex Story अच्छी लगेगी। अगर लगी हो, तो कमेंट करके मुझे जरूर बताए। 

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