November 21, 2024
Aunty Ki Moti Gand

हिंदी सेक्स कहानी के पाठको को मेरा यानि साक्षी का नमस्कार।

मैं आप सभी के लिए आंटी की चुदाई की कहानी लेकर आयी हूँ इस कहानी का पात्र राहुल है। आगे की कहानी राहुल बता रहे है। 

हेलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मैं आज पहली बार readxxxstories.com पर अपनी सच्ची कहानी लिखने जा रहा हूँ।

आज तक मैंने यहां बहुत कहानियां पढ़ी हैं और फिर मैंने सोचा, अपनी कहानी भी आप लोगो के साथ साँझा करू। इस कहानी में मैं आपको बताऊंगा की कैसे मुझे मेरे जन्मदिन पे गिफ्ट में Aunty Ki Moti Gand और उनकी चूत को चोदने को मिली।

पहले मैं आपको जरा अपने बारे में बता दूं। मेरा लंड 7.5 इंच का है, जिसे देख कर कोई भी लड़की चुदने को तैयार हो जाती है।

मैं 22 साल का हूं और अभी बी.टेक कर रहा हूं। मेरी हाइट अच्छी है और मैं गोरे रंग का लड़का हूं और इसी वजह से बहुत सी लड़की मुझ पर मरती है।

लेकिन मुझे ज्यादा दिलचस्पी भाभी और आंटियां में होती है। बड़ी औरतों की बात ही कुछ अलग होती है।

उनको देख के अलग ही नशा चढ़ता है। अब मैं ज्यादा टाइम ना लेते हुए, अपनी कहानी शुरू करता हूं………

जो इस देसी हिंदी सेक्स कहानी को पढ़ रहे हैं, वो अपनी चूत को मसले और अपने-अपने लंड को रगड़ना शुरू कर दे और कहानी का पूरा आनंद ले।

तो ये बात तब की है, जब मैं 19 साल का हुआ था। तो जैसा कि आप लोग जानते हैं, कि मुझे भाभी और बड़ी औरत पसंद है।

तो मैं readxxxstories.com पर दिन में कई बार आंटी की चुदाई की कहानियाँ (Aunty Sex Stories) पढ़ता रहता था और मुझे ये बहुत अच्छा लगता था।

तो हुआ कुछ ऐसा, कि मेरी एक कामुक आंटी है। मैं उनको बहुत पहले से पसंद था और सेक्स कहानियां पढ़-पढ़ कर मुझे उनके लिए बहुत गंदे ख्याल आने लगे थे।

आंटी थी भी पूरी तरह से गदराई हुई माल, वो एक-दम गोरी थी और उनकी चूचियां इतनी बड़ी थी, कि मानो खुद कह रही हो, कि आके मुझे आज़ाद कर दो। और मेरे साथ खेलो।

उनकी गांड का तो कोई जवाब ही नहीं था, उनकी मोटी गांड (Moti Gand) बिल्कुल उभरी और फूली हुई थी और मन तो करता था, जाके अभी जोर से रगड़ना और दबाना शुरू कर दूं।

तो मेरे जन्मदिन के दिन मेरे घर में पार्टी थी और मैं अब 19 साल का हो गया था। सब लोग पार्टी पर आये थे और सब नये कपड़े में आये थे।

मगर मेरा तो मन सिर्फ मेरी आंटी को देखने का था, जो अभी आई नहीं थी। फिर कुछ मिनटो बाद अचानक मैंने देखा, काले रंग की साड़ी में आंटी की एंट्री हुई और मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं।

वो एक दम सेक्सी लग रही थी, बिल्कुल बम जैसी। उनकी साड़ी इतनी टाइट थी, उनकी पूरी बॉडी के शेप का पता लग रहा था।

उन्हें देख कर मेरा तो मन कर रहा था, कि अभी जाके उनको कस कर जकड़ लू और उनकी घपा-घप आंटी की चुदाई (Aunty Ki Chudai) शुरू कर दूं।

मगर ये तो सिर्फ मेरे ख्याल में ही हो सकता था। खैर आंटी एंटर हुई और वो गांड मटकाते हुए मेरे करीब आई और मुझे गाल पे किस करते हुए कहने लगी-

आंटी: उम्महह! जन्मदिन मुबारक हो बेटा। आज के दिन का आनंद लो।

मैं: धन्यवाद आंटी।

ये कह कर फिर वो दूसरे लोगो से मिलने के लिए आ गई। लेकिन मैं तो पूरे समय सिर्फ उनको ही घूर रहा था।

उन्होंने भी कई बार मुझे उनको घूरते हुए नोटिस किया था। मैंने सोचा था, कि उन्हें पता नहीं चलेगा, कि मैं उन्हें घूरता हूं, मगर बाद में मुझे पता चला था, कि उनको सब पता था। खैर अपनी आंटी की सेक्स कहानी आगे बढ़ते है।

फिर कुछ देर के बाद मैंने केक काटा और सबको खिलाया और सबने मुझे भी केक खिलाया और आंटी ने पूरा केक मेरे मुँह पर और टी-शर्ट पे लगा दिया।

मैं तो मनो की जैसे पुरे केक में लिपट गया था। फिर हमारी पार्टी ख़त्म हुई और सब लोगो ने मुझे उपहार दिए। लेकिन आंटी ने मुझे कोई गिफ्ट नहीं दिया। फ़िर मैंने उनसे पूछा-

मैं: आंटी मेरा गिफ्ट कहा है?

आंटी: बाद में दूंगी तेरा गिफ्ट, अभी पार्टी ख़त्म तो होने दे। अभी तू ये सब गिफ्ट खोल के देख।

तो मैंने भी ओके बोला (और मन में सोचने लगा की लगता है आज आंटी की चुदाई करने को मिल जायगी) और बाकी गिफ्ट्स खोलने लगा। मगर मेरे दिमाग में चल रहा था, कि आंटी मुझे ऐसा क्या गिफ्ट देने वाली थी, जो सब के सामने नहीं दे सकती थी।

खैर मैंने सब गिफ्ट खोले और सब लोगो को ‘थैंक यू’ कहा और फिर सब अपने घर चले गए। फिर घर में सिर्फ मेरी फैमिली और आंटी रह गईं। आंटी अचानक ही मेरी माँ (निशा) को बोलने लगी की-

आंटी: निशा मैं राहुल को आज अपने घर लेके जाउंगी। मेरे घर पे आज कोई नहीं है, तो मैं अकेली घर पे नहीं रह सकती।

माँ: ठीक है ठीक है, ले जा। पर सुबह जल्दी भेज देना उसको।

फिर माँ ने मुझे कहा-

माँ: तू अपनी आंटी के घर चले जाना, आज वो अपने घर में अकेली है और वो अकेले रहने से डरती है, इसलिए तुझे जाना होगा।

मुझसे तो इसकी कोई उम्मीद ही नहीं थी, कि आंटी मुझे अपना घर बुलायेगी। मैं बिल्कुल हैरान था और मेरे मन में ख्याल भी आ रहा था, कि आंटी के साथ घर में अकेले रहने का अच्छा मौका था।

फिर मैंने माँ को ‘ठीक है’ कहा और मैं आंटी के साथ उनके घर चला गया।

आंटी का घर दो कदम की ही दूरी पर था, तो हम वहा जल्दी ही पहुंच गए। फिर हम घर के अंदर आ गए और आंटी ने कहा-

आंटी: तू यहां सोफे पर बैठ जा और टीवी देख। तब तक मैं अपने कपडे बदल कर आती हूँ।

फिर आंटी अपनी मस्त गांड मटकाते-मटकाते अपने कमरे में चली गई। क्या कयामत लग रही थी वो चलते हुए।

मैंने भी मन में सोच लिया था, कि आज जो भी हो जाए, मैं आंटी की मटकती गांड की चुदाई (Gand Ki Chudai) कर के ही रहूँगा।

कुछ देर के बाद आंटी कमरे से बाहर आई और मैंने जब आंटी को देखा, तो देखता ही रह गया।

आंटी पारदर्शी नाइटी में बहार आई और अंदर उसने काले रंग की डिजाइनर ब्रा और पैंटी पहन ली थी।

उनको देख कर मेरा मुँह खुला का खुला ही रह गया। मुझे पता भी नहीं चला, कि कब आंटी वहां पर आके बैठ गई। आंटी ने मुझे एक झटका दिया और कहा-

आंटी: राहुल उठो, कहा खो गए?

मैं: कुछ नहीं आंटी, बस ऐसे ही।

आंटी उस वक्त मुझे कुछ बड़ी ही कातिल अदाओं से देख रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे की वो मुझे खा जाएगी।

फिर मैं उनको दोबारा घूरने लगा और घूरते-घूरते मैं उनके बिग बूब्स (Big Boobs)तक पहुंच गया और ये बात आंटी ने नोटिस कर ली। फिर आंटी ने मुझसे पूछा-

आंटी: राहुल तुम ऐसे क्या घूर रहे हो?

मैं: कुछ नहीं आंटी, बस आपको देख कर यकीन नहीं हो रहा। आप बहुत ही खूबसूरत लग रही हो।

आंटी: धन्यवाद बेटा। तेरे लिए ही तैयार हुई हूं आज।

मैं: ओह धन्यवाद आंटी, मगर मेरा गिफ्ट कहा है?

आंटी: आजा चल मेरे कमरे में, वही तेरा गिफ्ट रखा है मैंने।

फ़िर आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और हम दोनो उनको कमरे में चले गये।

अभी के लिए बस इतना ही, फिर कमरे में आंटी ने मुझे क्या गिफ्ट दिया और वाहा क्या हुआ, ये जानने के लिए अगले हिस्से का इंतजार कीजिए।

मैं कोशिश करूंगा, जल्दी से जल्दी अगला भाग आप लोगो के साथ साँझा करू। तब तक के लिए मजे कीजिए और खुश रहिए और हिंदी सेक्स कहानियां (Hindi Sex Stories) पढ़ते रहिए।

अगर आप लोगों को आंटी की चुदाई की कहानी अच्छी लगी हो, तो कमेंट में मुझे बता सकते हो। धन्यवाद।

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