हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi Sex Stories) के पाठको का readxxxstories.com पर बहुत-बहुत स्वागत है, मैं साक्षी अरोड़ा आप सभी के लिए एक और सेक्सी और मजेदार हिंदी सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ हमारी आज की कहानी का शीर्षक ट्रैन में मिली कामुक आंटी के साथ गैंगबैंग (Aunty Ke Sath Gangbang) है।
इस कहानी के मुख्या पात्र गुलशन है जिन्होंने ये हिंदी सेक्स कहानी (Hindi Sex Kahani) लिखी है, आगे की कहानी गुलशन जी आपको सुनाएंगे, कहानी का मजा लीजिए……..
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम गुलशन है। मेरी उम्र 21 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ। मैं दिल्ली के महिपालपुर में रहता हूं। मेरी हाइट 5’8″ है और लंड मेरा 7.5 इंच है।
तो चलिए अब ज्यादा बातें करें बिना मैं आप सब को अपनी आंटी की चुदाई की कहानी बताता हूं।
कुछ महीने पहले मैं और मेरे दो दोस्त सचिन और राजू के साथ अपने गाँव बिहार घूमने जा रहे थे।
वो दोनों भी मेरी ही उम्र के है, राजू की हाइट 5’3″ है और सचिन की 5’6″ है, हम दोनों काफी पुराने दोस्त हैं। राजू का लंड 6.5 इंच का है और सचिन का 7.5 इंच का है।
हम तीनो ट्रेन से जा रहे थे, 23 घंटे का सफर था, और हम खूब मस्ती मज़ाक कर रहे थे। आस-पास वाले लोग भी हम तीनों की मस्ती देख कर हस रहे थे। ऐसे ही करते-करते कई घंटे बीत गए।
बातें करते हुए मेरी नज़र सामने वाली सीट पर गई। वहा पर एक सेक्सी सी कामुक आंटी बैठी थी।
जब मैंने आंटी को देखा, तो मेरी नज़र उस पर ही टिक गई। वो हमारी तरफ ही देख रही थी। उसके कपड़े देख कर लग रहा था, कि वो भी बिहार से ही थी, क्योंकि उसने साड़ी पहनी हुई थी।
आंटी 35-36 साल के आस-पास लग रही थी। उसका साइज तकरीबन 34-32-36 का होगा, और वजन 60 किलो के आस आस होगा।
मुझे ऐसी सेक्सी और कामुक आंटियां बहुत पसंद हैं जिनके बड़े-बड़े चूतड़ होते हैं। उसकी त्वचा बड़ी साफ थी, हालांकि वो ज्यादा गोरी नहीं थी।
जब मैंने आंटी को हमारी तरफ देखते हुए देखा, तो मैं उस पर लाइन मारने लग गया। मैं बीच-बीच में उसको इशारा दे रहा था, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था।
उसका शरीर देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था। लेकिन अभी तक मेरे दोस्तों को ये नहीं पता था, कि मैं उस पर लाइन मार रहा था। वो अपनी बातों में व्यस्त हैं।
फ़िर ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी, और मैं नीचे कुछ लेने के लिए जाने लगा। जब मैं उसके पास से गुजरा, तो वो बोली-
वो औरत: क्या आप मेरे लिए एक पानी की बोतल ला देंगे।
मैं: जी जरूर आंटी।
फिर उसने मुझे स्माइल पास की। मैं समझ गया था कि वो भी मुझे लाइन दे रही थी। नहीं तो इतने लोगों के बीच में से उसने मुझे ही क्यों पानी की बोतल लाने के लिए बोला। फिर मैंने नीचे उतर कर पानी ले लिया।
बचे हुए पैसे वापस देने से पहले, मैंने उससे एक 10 का नोट लिया, और उस पर अपना नंबर लिख दिया था।
फिर मैंने उसको पानी की बोतल और बाकी के पैसे दे दिए, और जाके अपनी सीट पर बैठ गया। अब हमारी इशारे-बाजी और तेज़ हो गई थी।
मैंने फिर उसको इशारा करके नोट पर लिखे हुए नंबर के बारे में बताया। उसने अपना पर्स अपने चुचो में छुपा के रखा हुआ था। उसने पर्स निकाला कर उसमें से नोट निकाला, और उसने मेरा नंबर ले लिया।
उसके पास छोटा कीपैड वाला फोन था। इससे मुझे क्लियर हो गया कि वो किसी गांव से थी। फिर उसने मेरा नंबर डायल किया।
मैंने फोन उठाया, और हमारी बात शुरू हुई। वो हिंदी और बिहारी में बोल रही थी, लेकिन मैं आपको हिंदी में बताऊंगा।
आंटी: हेलो।
मैं: हेलो, हांजी क्या हाल है।
आंटी: ठीक है आप बताओ।
मैं: मैं भी ठीक।
आंटी: तुम बहुत स्मार्ट और खूबसूरत हो।
मैं: आप भी बहुत सेक्सी और हॉट हो।
आंटी: अच्छा।
मैं: जी हाँ।
आंटी: चलो फिर मेरे घर, मैं तुम्हें मजा दूंगी।
मैं: कहां है आपका घर?
उसका घर पास के ही गांव में था, उसके पति की मौत हो चुकी थी काफी साल पहले, और अब घर में वो और उसके बूढ़े सास-ससुर ही थे। उसका एक बेटा था, जो इंडिया से बाहर पढ़ता था।
आंटी: बताओ आओगे मेरे साथ?
मैं: मेरे दोस्त भी है मेरे साथ।
आंटी: उनको भी ले चलो, मैं तुम तीनों को मजा दूंगी।
उसकी ये बात सुन कर मैं समझ गया था कि आंटी बहुत भूखी थी, कई दिनों से आंटी की चुदाई नहीं हुई है।
फिर मैंने अपने दोस्तों से इस बारे में बात की। उन्होंने भी जब आंटी को देखा, तो उनको भी आंटी कामुक लगीं। फिर हम सब आंटी के साथ जाने के लिए तैयार हो गए।
कुछ ही घंटे बाद आंटी का स्टेशन आया, और उसने मुझे इशारा कर दिया। फिर हम बाहर आये, और वो रिक्शा पर बैठ गयी।
उसने मुझे फोन पर उसकी रिक्शा फॉलो करने को कहा। हम तीनों भी एक रिक्शा पर बैठ गए, और उसको फॉलो करने लगे।
फिर एक घर के आगे आंटी का रिक्शा रुका, और आंटी घर का गेट खोल कर अंदर चली गई। हम थोड़ी दूर ही रुक गए। फिर आंटी की कॉल आई।
उसने कहा: गेट खुला है। चुप-चाप अंदर आओ, और दूसरी तरफ की सीड़ियां चढ़ कर ऊपर चले जाना। ऊपर एक कमरा है, अंदर जाके मेरा इंतज़ार करना।
फिर हम तीनो घर के अंदर ऊपर के कमरे में चले गए। हमें नीचे से आवाज आ रही थी।
आंटी अपने सास-ससुर को बोल रही थी, कि वो थकी हुई है, और ऊपर जा रही है आराम करने के लिए। ये बोल कर वो ऊपर आ गयी।
हम तीनो कमरे में तैयार बैठे थे, आंटी जैसे ही अंदर आई, हम तीनो खड़े हो गए। फिर मैं आगे बढ़ा, और आंटी को जाके अपनी बाहों में भर लिया।
क्या गुदगुदा बदन था उसका। जब मेरी जाँघें आंटी की मोटी जाँघें के साथ टच हुई, तो मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।
फिर मैंने आंटी को किस करना शुरू कर दिया, और वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं साथ में उसका एक बूब भी दबाने लग गया।
मुझे किस करते देख कर राजू आंटी के पीछे चिपक गया, और उसकी मोटी गांड (Moti Gand) पर अपना लंड रगड़ने लगा।
सचिन भी आंटी का दूसरा बूब दबाने लग गया। फिर हम तीनों ने मिल कर आंटी को ऊपर से नंगा कर दिया।
अब वो सिर्फ पेटीकोट में थी, आंटी बिस्तर पर बैठ गई, और राजू और सचिन उसका एक-एक दूध चुसने लग गए। मैं आंटी के होठों को चूस रहा था।
फिर राजू उनकी चूची चुसते हुए पेटीकोट भी निकालने लगा। हमने आंटी को बिस्तर पर लिटाया, और उनका पेटीकोट भी उतार दीया।
अब वो नंगी हमारे सामने बिस्तर पर पड़ी थी। उसका शरीर देख कर तो हम तीनो के लंड में हलचल होने लगी।
हम तीनों ने भी अपने कपड़े उतार दिये। सबसे पहले मुझे उसको चोदना था, तो मैं जल्दी से उसकी टांगो के बीच आया, और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ते हुए अंदर डाल दिया।
आंटी की हल्की आह निकली, और मैं अपना लंड अंदर-बाहर करके उसको चोदने लग गया।
राजू ने अपना लंड आंटी के मुँह में दे दिया, और सचिन के लंड को वो अपने हाथ से हिला रही थी।
मुझे आंटी को चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। उनकी चूत बहुत गरम थी, मैं उनके बूब्स को भी दबा रहा था, और उनको चोद रहा था।
फिर राजू बोला: मुझे भी चोदने दे यार।
ये सुन कर मैंने अपना लंड चूत से निकाला, और आंटी के मुँह में डाल दिया। अब राजू आंटी की चूत की चुदाई (Aunty Ki Chut Ki Chudai) का मजा ले रहा था।
फिर हमने पोजीशन बदली, और राजू नीचे हुआ और आंटी को ऊपर कर लिया। सचिन आंटी के पीछे से आया, और उनको चोदने लगा।
आंटी समझ गई कि वो उसकी गांड मारने वाला था, तो वो चुदते हुए आगे हो गई। फिर सचिन ने अपने लंड पर तेल लगाया, और लंड आंटी की गांड में दबाने लग गया।
5-6 बार जोर का धक्का देने पर लंड पुच की आवाज से अंदर चला गया। अब आंटी के दोनों छेदो में लंड थे।
फिर मैंने आगे जाकर आंटी के मुँह में लंड डाल दिया। अब हम तीनो पूरे मजे से आंटी को चोद रहे थे।
फिर सचिन ने आंटी की गांड पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, जिसके उनके मुँह की आवाज़ तेज़ हो गई।
लेकिन मुंह में लंड होने की वजह से आवाज़ दब कर ही रह गई। हम तीनो ऐसे ही एक-एक करके बार-बार आंटी के सारे छेदो को चोद रहे थे।
हमने आंटी को तब तक चोदा, जब तक हमारा मन भर नहीं गया। जब हमारी चुदाई ख़तम हुई, तो आंटी बिस्तर पर नंगी बेसुध होके पड़ी थी।
फिर हम सब ने अपने-अपने कपड़े पहने, और आंटी को वही लेटा हुआ छोड़ कर घर से बाहर आ गए।
उसके बाद हम स्टेशन पर चले गए, और हमने अगली ट्रेन पकड़ ली। थोड़ी देर बाद मुझे आंटी का फ़ोन आया। वो बोली-
आंटी: मुझे आज सालों बाद चुदाई करवाने में इतना मजा आया है। जब कभी दिल करे, मेरे पास आ जाना अपनी प्यास बुझाए।
दोस्तों इस देसी सेक्स कहानी (Desi Sex Kahani) का मजा आया हो तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद।