December 7, 2024
Gand Chudai Ki Kahani

आप सभी पाठको का Hindi Gay Sex Stories की दुनिया में बहुत बहुत स्वागत है, मैं साक्षी आप सभी के लिए एक और नई गे सेक्स कहानी लेकर आई हूँ और इस कहानी का शीर्षक रूममेट के साथ पहली Gand Chudai Ki Kahani है।

आगे की देसी गे सेक्स कहानी मनोज के शब्दों में लिखी गई है, कहानी का मजा लीजिए।

मेरे प्यारे दोस्तो, आप सभी को प्यार भरा नमस्कार, मेरा नाम मनोज है। मैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 26 साल है। मैं दिल्ली में एक कंपनी में डाटा अनलिसिस्ट हूँ, मेरा रंग गेहूवा है और मैं दिखने में हैंडसम भी हूं।

ऐसा मुझसे लड़कीया कहती है, जिसने मुझे देखा है। मैं काफी टाइम से सोच रहा था कि मैं अपनी एक घटना को गे सेक्स कहानी के रूप में आप सब के साथ शेयर करूं। पर मुझे कभी मोका नहीं मिला था। पर आज मुझे मोका मिल गया है।

मैं कई बार लड़कियों और भाभियों के साथ चुद चूका हूँ, पर मैं आज अपनी लाइफ की पहले लड़के के साथ सेक्स की कहानी शेयर करने जा रहा हूं। जो मेरे साथ आज से पांच साल पहले घटी थी।

मेरी गे सेक्स स्टोरी एक दम सच्ची है, जो मेरे साथ हुई थी।

बात आज से पांच साल पहले की है, जब मैं दिल्ली में शिफ्ट हुआ था और कंपनी के एक दोस्त घर में ही रहता था। उस समय मैं अपने कमरे में अकेला ही रहता था।

इसलिए मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करने में कोई दिक्कत नहीं होती थी। हम दोनों काफी देर तक बातें करते-करते सो जाते थे।

पर कुछ ही दिनों के बाद एक लड़का मेरे साथ उसके रूम में शिफ्ट हो गया, वो मेरा जूनियर था। उसने अभी हाल ही में किसी कंपनी को ज्वाइन किया था। उसका नाम अरविन्द था, और देखने में बहुत स्मार्ट था।

वो अभी अभी इंटर्नशिप करके आया था इसलिए उसकी उम्र 20-22 की थी। मुझे उससे मिल कर काफ़ी अच्छा लगा, क्योंकि वो काफ़ी मज़ाकिया अंदाज़ और मिलनसर का था। वैसे भी मैं अकेला रहता था, जो मुझे अच्छा नहीं लगता था।

मेरी अंदर एक अच्छी बात है, कि मेरे अंदर ईगो नाम की चीज नहीं है, मैं सबसे एक जैसा ही व्यवहार करता हूं। चाहे वो मेरा सीनियर हो या मेरा जूनियर हो। इसलिए हम दोनों बहुत जल्दी ही एक दूसरे से घुलमिल गए।

पर मेरी परेशानी अब शुरू हुई, उस लड़के के होने के कारण मैं अपनी गर्लफ्रेंड से अच्छे से बात नहीं कर पा रहा था। मुझे बार बार कॉरिडोर में जा कर बात करनी पड़ती थी।

मैंने एक बात नोटिस की, कि जब मैं रात को घंटो-घंटो फोन पर बात करता था। और जब मैं वापस आता था, वो तब तक सोता नहीं था। मेरी डेली लाइफ ये ही थी, कि मैं सुबह कंपनी फ़िर रूम और रात भर गर्ल फ्रेंड से बात करना।

हम दोनों का अंजानपन और कंपनी में सीनियर और जूनियर अब दोस्ती में बदल चुकी थी। हम दोनो को करीब एक सप्ताह साथ रहते हुए हो गया था। हम लोग रोज की तरह खाना खा कर अपने कमरे में आ गए, और मैं रोज की तरह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बातें करने के लिए कॉरिडोर में चला गया।

जब मैं वापस आया तो वो अरविन्द अभी भी सोया नहीं था। अगले दिन रविवार होने की वजह से हमें भी नींद नहीं आ रही थी, तो हम दोनों आपस में बातें करने लग गए।

अरविन्द- सर मैं आजमगढ़ का रहने वाला हूं, और वैसे आपकी शादी हो गई है क्या?

मैं- नहीं यार अभी नहीं हुई।

अरविन्द- तो सर, आप इतनी रात तक किससे बात करते हो?

मैं- अपनी गर्ल फ्रेंड से ,

अरविन्द- इतनी देर तक?

मैं- हा।

अरविन्द – सर, आप हो ही इतने अच्छे की आपको पाने के बाद कोई दूसरे के बारे में सोचेगा भी नहीं।

मैं- ऐसी कोई बात नहीं है।

अरविन्द- सर, आपने उसके साथ सेक्स किया है?

मैं – हां।

अरविन्द- कितनी बार?

मैं – भाई मैंने कभी गिनती नहीं की, पर जब भी मोका मिलता है तो मैं उसे छोड़ता नहीं हूं।

और इसी तरह हमारी बातें सेक्स टॉपिक पर आ गयीं।

मैं- अच्छा तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या?

अरविन्द- नहीं सर।

मैं- क्यों झूठ बोल रहा है, कोई तो होगी।

अरविन्द – सर मुझे लड़कियों में कोई लड़का ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है।

मैंने अपना सर पकड़ लिया और मैं सोचने लगा, कि साले ये कैसे-कैसे लोगे होते हैं किस आदमी के साथ फस गया।

मेरे मन में तब तक कोई उसके लिए कोई गलत भावना नहीं थी, और मैं आगे कुछ नहीं बोला। इतने में ही वो समझ गया कि मुझे ये सब पसंद नहीं है।

उसे लगा कि मैं गुस्सा हो गया हूं, और अब वो इस बात से डर रहा था कि मैं ये बात कंपनी में ना बता दूं तो मुझसे डरते हुए बोला – क्या हुआ सर?

मैं- कुछ नहीं।

अरविन्द- फिर आप कुछ बोल क्यों नहीं रहे?

मैं गुस्से में बोला – आज के बाद तुम मुझसे बात मत करना।

वो इतना डर गया था, कि अब वो मेरे पैर पकड़ कर मुझसे माफ़ी मांगने लग गया।

अब मैं भी नॉर्मल हो गया था और मैंने बोला – वैसे तूने अभी तक कितनों के साथ किया है?

अरविन्द- मैंने एक लड़के को अपने घर पर बुलाया था, मैंने अभी उसका लंड ही चूसा था। तभी मेरे भाई ने मुझे देख लिया और मेरी चुदाई बीच में ही रह गई। उसके बाद सर मुझे कभी कोई मोका ही नहीं मिला।

ये बात करते हुए उसने मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया, मुझे अजीब सा लगा। मैं गुस्सा होने लग गया, क्योंकि इससे पहले मैंने किसी लड़के को किस तक नहीं किया था, तभी तक सिर्फ मैंने लड़कियों को ही चोदा था।

फिर हम दोनों चुप चाप सो गए, हम दोनों कुछ दिनों तक चुप रहे। पर फ़िर से वो अपनी बातों में मुझे बताने लग गया। अब मैं भी मान गया, क्योंकि कॉलेज के दिनों में ऐसे लोगो के बारे में बहुत सुना हुआ था।

फिर हम दोनों पहले जैसे ही रहने लगे, दिसंबर का आखरी दिन था और हम लोगो ने प्लान किया था कि आज हम पार्टी करेंगे। हमारे साथ कंपनी के हमारे मैनेजर भी आये हुए थे।

उनके साथ आज मैंने कुछ ज्यादा ही पी ली थी, और फिर वो बोले – यार आज तुमने कुछ ज्यादा ही पी ली है, अब तुम आराम करो और अब हम चलते हैं।

फिर वो सब लोग चले गए, नशे की वजह से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मैं सो गया। पर कुछ समय बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ गीलापन महसूस हुआ। मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि अरविन्द मेरा लंड चूस रहा है।

पर नशे में होने की वजह से मैं कोई विरोध भी नहीं कर पा रहा था। अब वो मस्ती में मेरे लंड को मुँह में ले कर लॉलीपॉप की तरह चूस रहा था, और वो मुँह से तरह तरह की आवाजें निकाल रहा था।

पर मैं भी आखिर कब तक बर्दाश्त करता, क्योंकि मैं भी एक जवान लड़का हूं। मेरी जवानी जाग गयी थी, और अब मैं निंद से भी जग गया था।

मैं- ये क्या कर रहे हो यार?

अरविन्द – सर मैं आपसे अपनी गांड मरवाना चाहता हूँ, प्लीज़ आज मुझे मना मत कीजिये।

अब मुझे भी अच्छा लग रहा था, मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं एक लड़का हो कर एक लड़के के साथ सेक्स करूंगा।

अब वो मेरे गालों पर चुंबन करने लग गया, फिर वो मेरी गर्दन से ले कर मेरे पुरे जिस्म पर चुंबन करने लग गया। उसके बाद वो मेरे होठों को चूसने लग गया, पहले तो मुझे बहुत अजीब लग रहा था।

पर बाद में मुझे भी मजा आने लग गया, और मैं भी उसे किस करने लग गया। बाद में हम फ्रेंच किस करने लग गए, वो मेरी जीभ को चूसने लग गया और मैं उसकी जीभ को चूस रहा था।

अब मैं भी पूरी तरह जोश में आ गया था, अब मैं भी उसका साथ देने लग गया था। अब मैं उसको एक लड़की की तरह मसलने लग गया था, वो बेकाबू होता जा रहा था।

अरविन्द- सर, अब मुझे और मत तड़पाओ और अपना मूसल जैसा लंड मेरी गांड में डाल दो। मेरी गांड की आग को आज आप बुझा दो।

मेरा लंड भी अब पूरी तरह से कड़क और टाइट हो गया था, जो अब दर्द कर रहा था।

मैं- चल अब हो जा तैयार अपनी प्यास बुझाने के लिए।

मैंने अपने लंड पर थूक दिया और उसको उल्टा लेटने को कह दिया। उसने ऐसा ही किया और फिर उसकी गांड के छेद पर मैंने अपना लंड रखा और हल्का सा ढका मारा, पर मेरा लंड फिसल गया।

मैंने पहली बार किसी लड़के की गांड देखी थी, वो एक दम टाइट और गुलाबी रंग की थी। जिसको देख कर मेरा क्या किसी का भी मन डोल सकता था। लंड फिसलने की वजह से मुझे अब विश्वास हो गया था कि इसकी गांड अभी तक कुंवारी है।

अब मैंने उसको सीधा किया और उसकी दोनों टांगो को मैंने अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी गांड के छेद पर सेट कर दिया। फिर मैंने एक धक्का मारा पर मेरा लंड फिर से फ़िसल गया।

पर अब मैंने थोड़ा और जोर से धक्का मारा, तो मेरे लंड का टोपा उसकी गांड के छेद में चला गया। वो एक दम से चिल्ला उठा, मैंने उसे कस कर पकड़ा हुआ था।

क्योंकि वो दर्द की वजह से ऊपर हो रहा था, पर मैंने उसे होने नहीं दिया। अब वो दर्द की वजह से रोने लग गया।

अरविन्द- आहह आह मैं मर जाऊंगा, मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

पर मैं चुदाई में माहिर था, इसलिए मुझे उसके दर्द की कोई फ़िकर नहीं थी।

मैं – जानू थोड़ा सा सेहन कर लो, उसके बाद सिर्फ और सिर्फ मजा ही मजा है।

मैं 5 मिनट तक उसके ऊपर लेटा रहा, और जब वो नॉर्मल हो गया तो मैंने एक कस कर धक्का मारा। जिसका मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया, अब वो और जोर जोर से रोने लग गया।

पर मैं उसकी इस हालत में भी उसे किस कर रहा था, फिर धीरे धीरे वो शांत होने लग गया। शायद अब उसका दर्द कम होने लग गया, फिर मैंने अपना लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।

अब वो भी मजे ले रहा था, और अब वो बहुत जोर जोर से आहें भर रहा था।

अरविन्द- आह आह आह सर और जोर से आज आप मेरी गांड का भोसड़ा बना दो।

अब मैं और जल्दी-जल्दी धक्के मारने लग गया, अब वो भी अपनी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रहा था। काफ़ी देर तक गांड मारने के बाद मेरे लंड का सारा पानी उसकी गांड में निकल गया।

मैं काफी देर तक उसके ऊपर झड़ कर लेटा रहा, हम दोनो काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे। जब मैं सुबह उठा तो मैंने देखा कि पूरी बेडशीट खून से भरी हुई थी।

मुझे समझने में देर नहीं लगी कि ये खून अरविन्द की काँवरी गांड का है। मैंने उसको उठाया और बेडशीट को बदल दिया, फिर हम दोनों नहा धोकर नाश्ता करने चले गए।

उस समय अरविन्द से ठीक से चला तक नहीं जा रहा था, मैंने मेडिकल स्टोर से दर्द निवारक ला कर दी।

दोस्तो उस दिन मैंने अपनी लाइफ की पहली गांड चुदाई की थी, मुझे कसम से बहुत मजा आया था। उतना मजा मुझे आज तक किसी लड़की को चोद के नहीं आया था।

फिर क्या था उसके साथ मैंने पूरा एक साल मजा किया, और अब मैं मुंबई आ गया हूं। इसलिए अब उसका और मेरा साथ छूट गया है, पर अभी भी मुझे उसकी और उसकी गांड की याद आती है।

दोस्तो आपको मेरी ये पहली गे चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।

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