नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी लोग, मैं साक्षी आप सभी का readxxxstories.com पर हार्दिक स्वागत करती हूँ। मैं आपके लिए एक मस्त Family Sex Story लेकर आई हूँ, हमारी आज की इस कहानी का शीर्षक Anokhi Chudai Ki Dastan 1 ।
इस हिंदी सेक्स स्टोरी के लेखक राकेश है और अब आगे की कहानी राकेश के शब्दों में है……..
मेरा नाम शाहीन है, अभी मैं दिल्ली के Aerocity में एक बड़ी कंपनी में मैनेजर हूं। मेरे साथ मेरी दूसरी पत्नी, सानिया बेगम रहती है। ये कहानी मेरी पहली पत्नी फातिमा की है, जिसने मुझे हमारी शादी के कुछ महीने बाद ही छोड़ दिया।
उसने मुझे इसलिए छोड़ा कि मैं उसे चोद कर खुश नहीं करता था, तो कहना गलत होगा। वो हर रात मुझसे खूब मस्ती से चुदवाती थी।
जब मैं 26 साल का हुआ, तो मुझसे 4 साल छोटी बहन निदा शादी करने की जिद करने लगी। एक दिन मेरी बहन से मिलने उसकी एक सहेली हमारे घर आयी।
मैंने उसको पहली बार ही देखा था। पहली झलक में वो मुझे बहुत पसंद आ गई। मैंने इशारों से निदा को बुलाया और कहा-
मैं: निदा, तू चाहती है ना कि मैं शादी कर लूं? मेरी शादी अपनी इस सहेली से करवा दो।
निदा: भाई, तुझे तो मालूम है कि तेरी ये बहन रंडी है, और रंडी की सब सहेलिया भी रंडी ही होती है। इसके मासूम और खूबसूरत चेहरे पर मत जा। एक साथ दर्जनों मर्दों को संभालती है।
मैं: एक को संभाले या दर्जनों को, मुझे तेरी इसी रंडी सहेली से शादी करनी है। आज जितना बोलेगी तेरी बुर चूस दूँगा, चोदूँगा। जा बोल माँ को कि मुझे तेरी बहन के साथ तेरी इसी सहेली को चोदना है।
निदा: कैसा बहनचोद भाई है!
मैंने देखा कि निदा ने अपनी सहेली से कुछ कहा और फातिमा ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और आंखें झुका लीं।
कुछ दिन बाद हमारी शादी हो गई। शादी की चौथी रात फातिमा को चोदने में मेरी गांड फट गई। बिलकुल ही कोरी माल थी, उसने कहा कि मुझसे पहले उसको किसी ने छुआ भी नहीं था। पहली रात हमने तीन बार चुदाई की, लेकिन उसकी ही शर्त पर।
मैं कभी उसके कपड़े नहीं उतारूंगा, ना कभी लंड चुसवाने की कोशिश करूंगा, और ना कभी उसकी चूत में अपना मुंह ही लगाऊंगा। ना ही कभी उसको झांट साफ करने के लिए कहूंगा। इसके अलावा मैं जितनी बार चाहूं उसको चोद सकता था।
भगवान का शुक्र है कि उसने ये शर्त नहीं लगाई कि हमेशा अँधेरे में ही चुदाई होगी।
मैं जिस तरह से चाहता था, उसको पूरा नंगा करके, और ओरल मस्ती के साथ चुदाई नहीं कर सकता था। फिर भी मैं इसे ही बहुत खुश था, कि जब चाहू चूची दबा सकता था, चूचियों को चूस सकता था, और जितना चाहु उसकी बुर में लंड पेल सकता था।
इस तरह कुछ महीने गुजर गए। मैंने अपने खास सहयोगियों को अपनी समस्या बताई। उसने मुझे कुछ कैप्सूल दिए, और बोली कि अगर फातिमा को व्हिस्की या रम के साथ एक कैप्सूल खिला दू, तो फिर वो किसी तरह का विरोध करने की स्थिति में नहीं रहेगी, और किसी घटिया रंडी से भी घटिया तरीके से चुदाई करेगी।
हम दोनों के अलावा घर में एक लड़का था सोहिल, जो उसके ही गांव का था। एक शनिवार की रात मैंने उसको बहुत रिक्वेस्ट की, तो वो व्हिस्की पीने को तैयार हो गई।
उसने कहा: शादी की एक रात पहले सब सहेलियों ने पार्टी की थी, जिसकी सब ने और आपकी बहन निदा ने भी व्हिस्की पी थी।
मैंने व्हिस्की में सोडा मिलाया, और उसको बर्फ के टुकड़े लाने को कहा। जब तक वो बर्फ के टुकड़े लाती, मैंने एक गिलास में वो कैप्सूल डाल दिया। हमने 2 गिलास बनाये थे।
लेकिन फातिमा जिद पर अड़ गई कि पहले मैं उसके गिलास से सिप लू, और उसके होठों को चुसते हुए उसके मुंह में डालू। मैंने सोचा कि फातिमा की व्हिस्की के गिलास में फातिमा के ही मुंह में जाएगी। ये सोच कर मैं मान गया।
जिस ग्लास में कैप्सूल था उस ग्लास से एक बड़ा घूंट व्हिस्की का मैं मुँह लेता था, और उसके होठों को चूमते हुए उसके मुंह में डाल देता था। इस तरह मैंने फातिमा को तीन बड़े पेग पिलाया। मैंने दो ही पैग लिए।
जल्दी ही फातिमा को नशा चढ़ने लगा। मैं उसको बाहों पर उठा कर मास्टर बेडरूम में ले गया, और पैरो से ही दरवाजे को कसकर धक्का दिया। मैं बिस्तर पर उसके कपड़े खोलने लगा।
फातिमा: मुझे मेरी हालत के हिसाब से चोदना है तो चोदो, नहीं तो मुझे सोने दो।
साली ने तीन बड़े पेग पिए थे, वो भी कैप्सूल के साथ, फिर भी उसको आस-पास की पूरी खबर थी। और उस रात भी मुझे ना कपड़ा खोलने दिया, और ना ही लोडा चूसा। लेकिन उसके ऊपर नशा चढ़ गया था। मेरे ऊपर भी नशा था।
रोज की तरह चुदाई होने लगी, और फातिमा हर धक्के पर सिसकारी, जोर से सिसकारी मारने लगी। उसकी जोर से सिसकारी की आवाज तो मुझे उत्तेजित कर ही थी, बाहर सोए नौकर सोहिल की भी नींद खुल गई।
उसने इधर-उधर देखा, तो उसको मालूम हो गया कि औरत की मस्त सिसकारी, आह, उफ, बहुत मजा आ रहा है, कि आवाज कहां से आ रही थी।
सोहिल उठा और हिम्मत करके बेडरूम के दरवाजे को धक्का दिया। दरवाज़ा खुल गया, सोहिल ने और हिम्मत दिखाई, और धीरे-धीरे दरवाजा खोल कर कमरे के अंदर आ गया। रूम में लाइट ऑन थी, उसने दरवाजे को फिर से बंद कर दिया।
सोहिल ने देखा कि उसके साहब बिलकुल नंगे थे। फातिमा की साड़ी और पेटीकोट कमर तक उठ गई थी। लाइट में फातिमा की गोरी, चिकनी जांघ चमक रही थी।
वो जवान था, गांव में रहता था, और गांव में सेक्स की बातें काफी खुलकर होती हैं। सोहिल पहली बार चुदाई देख रहा था। उसने देखा कि साहब फातिमा की गोरी और गोल-गोल चूचियों को दबाते हुए अपना लंड उसकी बुर में पेल रहे थे।
सोहिल मुँह में बदबदाय: उफ्फ, दीदी की जाँघें और चूचियाँ कितनी सुंदर हैं और मोहक हैं।
दोनो नशे में चुदाई कर रहे थे। उन्हें खबर नहीं हुई कि एक जवान लड़का बहुत ही नजदीक से उनकी चुदाई को देख रहा था। सोहिल अपनी जगह पर खड़ा होकर चुदाई देखता रहा। ना उसने कोई आवाज़ की, और ना ही फातिमा को छूने की कोशिश की।
वो थोड़ा और नज़दीक आया। अब वो आराम से शाहीन के लौड़े को फातिमा की बुर के अंदर बाहर होते देख रहा था। सोहिल को बहुत गर्मी लगने लगी, फातिमा की मस्ती भरी सिस्कारियां उससे और गर्म करने लगी।
चुदाई देखते-देखते उसने अपने कपड़े खोल डाले। सोहिल नंगा हो गया, अपने आप उसका हाथ अपने लंड पर गया। उसने लंड को धीरे से सहलाया। इससे पहले सोहिल ने कभी मुठ नहीं मारी थी। उस समय भी उसने मुठ नहीं मारी, और सिर्फ हौले-हौले सहलाया।
उसने मन में कहा: मेरा लोडा शायद साहब के लोडे से लम्बा और मोटा भी है, मैं भी अपनी मालकिन फातिमा दीदी के साथ ऐसा ही करुंगा, जैसे साहब कर रहे हैं।
उसको ये मालूम था कि जब मर्द का लौड़ा औरत की बुर के अंदर घुसता है, और अंदर-बाहर होता है, तो बहुत मजा आता है। उसने अपने गाँव में फातिमा के बारे में भी सुना था कि बाबू जी गाँव की बहुत सी औरतों और लड़कियों को चोदते थे।
सोहिल के घर के सभी मर्द और औरत के बाबू जी के लिए काम करते थे। सोहिल को नहीं मालूम था, लेकिन फातिमा बढ़िया से जानती थी, कि उसके बाबू जी और दोनों काका सोहिल की बहन और उसकी माँ को नियमित रूप से चोदते थे।
फातिमा ने कई बार ऐसी चुदाई देखी थी। उसने देखा था कि चुदाई के समय ना कोई औरत अपने पूरे कपड़े खोलती थी, ना कोई लोडा चुसती थी, और ना ही कोई मर्द औरत की बुर चाटने की बात करता था।
फातिमा ने जितनी भी औरतों की चुदाई देखी थी, उसने देखा था कि सभी औरतों की झांटें थीं। और गांव की औरतों की चुदाई की वही पिक्चर उसके दिमाग में बैठ गई थी।
निदा और फातिमा दोनों स्कूल से ही सहेलियाँ थीं। लेकिन निदा मॉडर्न ख्यालों की थी, और फातिमा गजब की खूबसूरत थी। निदा की शादी हो चुकी थी, और वह अपने पति की हर बात मानती थी। पूरी नंगी होकर चुदवाती थी, लोडा भी चूसती थी, और चूत भी हमेशा चिकनी रखती थी।
दोनों सहेलियों में सेक्स की बातें अक्सर होती थीं, और फातिमा ने निदा से कहा था, कि उसका भाई बढ़िया चुदाई करता था, और वह बहुत खुश थी। उस समय तक फातिमा का कोई एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर नहीं था।
लेकिन निदा शादी के पहले और बाद में भी दूसरे के साथ भी चुदाई का मजा लेती थी। निदा को अपने भाई शाहीन की पर्सनैलिटी को बहुत पसंद करती थी। शाहीन को मालूम था कि उसकी बहन एक आदमी के साथ सेक्स पर विश्वास नहीं करती थी।
शाहीन ने उसको आश्वासन दिया था कि बहन के अफेयर्स के बारे में कभी किसी से कुछ नहीं कहेगा। और ये आश्वासन पाने के बाद निदा अपनी चुदाई की बातें विस्तार से शाहीन से शेयर करती थी। निदा चाहती थी कि भाई उसकी जवानी में दिलचस्पी दिखाए, उसको चोदने की बात करे।
लेकिन भाई ने कभी अपनी बहन को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं। पर दोनों भाई बहन आपस में ही नहीं अपनी माँ रुबीना के साथ भी खुल कर सेक्स, चूत, लंड की बातें करते थे।
और यहां सोहिल नंगा होकर अपनी खूबसूरत मालकिन फातिमा की चुदाई देख रहा था। फातिमा की मस्ती भरी सिसकारी तभी बंद हुई जब शाहीन ने धक्का मारना बंद किया और बुर में रस गिरा दिया।
फातिमा: ओह शाहीन, आज तो चुदाई में बहुत ही ज्यादा मजा आया, बीच-बीच में ऐसे ही शराब पिला कर चोदो। बहुत बढ़िया लगा, अब थोड़ी देर सो जाओ, मैं फिर लूंगी।
शाहीन: हा रानी, बहुत ही ज्यादा मजा आया, तुम बहुत ही मस्त माल हो।
शराब और कैप्सूल का जो असर हुआ था वो दोनो की आवाज से ही मालूम हो रहा था। लेकिन दोनों में से किसी को भी होश नहीं था कि कमरे के दरवाजे के पास घर का नौकर सोहिल खड़ा था। उसका लोडा अपने मालिक की बेटी की बुर में घुसने के लिए तड़प रहा था।
सोहिल ने कमरे में घुसकर दरवाजे को कसकर धक्का दिया था। सोहिल को इंतज़ार करने का फल मिला। चुदाई ख़तम होने के कुछ ही देर बाद सोहिल को दोनों की नींद में खर्राटे की आवाज आने लगी। शाहीन का लोडा बिल्कुल ढीला हो गया था, और फातिमा की चूचियां लय में ऊपर नीचे होने लगी थी।
दोस्तों आज की Real Hindi Sex Story में इतना ही, आगे की कहानी मैं आप सब के साथ जल्दी ही सांझा करूंगा।
तब तक Hindi Sex Stories पढ़ते रहे और अपने लंड को मसलते रहे। धन्यवाद।
कहानी का अगला भाग: Anokhi Chudai Ki Dastan 2