मेरे प्यारे साथियो उम्मीद करता हूँ की आग सब लोग ठीक ठाक होंगे और हिंदी गे सेक्स कहानियो (Hindi Gay Sex Stories) का आनंद ले रहे होंगे। मैं साक्षी आपके मजे को और बढ़ाने के लिए एक और गे सेक्स कहानी लेकर आई हूँ और हमारी इस कहानी का शीर्षक बेस्ट फ्रेंड के अंकल के साथ मेरी पहली गे चुदाई की कहानी (Pahli Gay Chudai Ki Kahani) है।
दोस्तों आज की गे कहानी के लेखक मिन्टू है और अब आगे की कहानी उन्ही के शब्दों में लिखी गयी है।
हेलो दोस्तो, ये मेरी पहली गे सेक्स स्टोरी है। आज की ये गे चुदाई की कहानी मेरी रियल लाइफ की कहानी है।
वैसे तो मैं गे नहीं हूं, पर मुझे अपने से बड़े लोग स्पेशली अंकल साथ सेक्स करने में बहुत मजा आता है।
जो कि 30-35 साल के ऊपर हो, आज की ये कहानी मेरी पहली गे चुदाई मेरे पड़ोसि अंकल के साथ छत पर हुई चुदाई की है।
तो अब देसी गे सेक्स कहानी को शुरू करते हैं।
मेरा नाम मिन्टू है, मेरी उम्र 22 साल है, और मैं दिल्ली के महिपालपुर में रहता हूँ।
ये बात तब की जब मेरी उमर 19 साल का था, मेरी हाइट नॉर्मल है।
मेरा रंग थोड़ा भूरा है, हम अपने पुराने मकान में रहते हैं।
सर्दी के समय में मैं अक्सर सुबह जल्दी उठ कर छत पर पढ़ने के लिए जाता था।
हम घर पर चार लोग हैं पापा, मम्मी, मैं और मेरी बहन।
मैं अकेला ही काफी देर तक छत पर पढ़ता रहता था।
हमारे मोहल्ले में बहुत सारे घर हैं, उसमे से एक हमारे घर के पास वाला घर है।
जहां मेरा बेस्ट फ्रेंड रहता है, मैं अक्सर उससे मिलने जाता रहता था।
हम साथ में कॉलेज में जाते थे और पढ़ाई करते थे।
उसके अंकल जिनका नाम संजीत था वो और उनकी पत्नी भी मेरे दोस्त के साथ रहते थे।
उसके अंकल की उम्र करीब 38-40 साल की थी।
उनकी शादी के बाद भी उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ था, मैं अक्सर मेरे दोस्त के घर जाता था।
अंकल से भी मेरी अच्छी बात होती रहती थी, उसके अंकल अपने परिवार से थोड़ा अलग रहते थे।
वो सिर्फ सोने और खाने के लिए परिवार के साथ रहते थे, बाकी समय वो लोग अलग ही रहते थे।
अंकल की हाइट मुझसे सिर्फ थोड़ी सी बड़ी थी, और वो थोड़े से काले भी थे।
उनकी गांड काफी मोटी और गोल थी, उनकी छत पर कुछ बाल भी थे।
उनके हाथ काफी मोटे थे, वो नहाने और तैयार होने के लिए अपनी छत पर अलग से बाथरूम का इस्तेमाल करते थे।
वहीं पर त्यार हो कर वो अपने काम पर जाते हैं, फिर वो छत पर ही रहते थे।
वो सोने नीचे चले जाते थे, उनकी छत पर एक कमरे में भी जिसमें पुराना सामान भी पड़ा हुआ था।
उसमें काफी सारा पूराना समाना और एक पुराना सा बिस्तर भी पड़ा हुआ था।
उनकी छत पर बैठने के लिए भी एक दो जगह थी, जहा बैठ कर मैं और मेरा दोस्त काफी बार बातें करते थे।
हमारा घर उनके घर के एक दम पास वाला था, हम उनकी छत पर आसानी से आ जा सकते थे।
मैं और मेरे चचेरे भाई के साथ कभी-कभी छत पर सॉकर खेलता था, तो बॉल उनके वहा जाने पर जब मैंने वो लेने जाता था।
तो मैंने उनको काफ़ी बार नहाते हुए देखा था, वो बाथरूम का दरवाज़ा खुला रखते थे।
जिस कारण से मैं उनकी छत पर जा कर उन्हें नहाते हुए देख सकता है।
मैंने जब उन्हें पहली बार देखा तो मैं हैरान रह गया।
उनके काले से बदन पर थोड़े से बाल थे, पर उनके अंडरवियर में उनका लंड मुझे कुछ खास नहीं दिखा।
मेरा मन तो पहली बार में उन्हें चोदने और उसका लंड देखने का हो गया।
एक बार उन्होंने अपने बाथरूम में मुझे अंदर बुलाया और अपने बदन पर मुझसे सबुन लगवाया।
तो मैंने उस दिन पहली बार उनके जिस्म को इतने करीब से देखा और उस पर साबुन लगा दिया।
उनके जिस्म पर हाथ फेरते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया था।
मुझे लगा कि अंकल को पता चल गया है कि मेरा लंड खड़ा हो गया है।
पर वो कुछ नहीं बोले तो मुझे लगा शायद वो नहीं समझेंगे, इसलिए वो मुझे कुछ नहीं बोले।
फिर मैं वहा से चला गया, मैं छुट्टियों में अपनी छत पर ही खेलता था।
और जान बूझ कर कई बार बाल अंकल के छत पर गिरा देता था, ताकि मैं जहां जा कर एक बार अंकल का लंड देख सकूं।
पर मैं उनके अंडरवियर में रखा हुआ उनका लंड कभी नहीं देख पाया।
मेरा बहुत मन था कि मैं उनका लंड देखूं , पर मैं कभी उन्हें ऐसा बोल नहीं पाया।
मुझे डर था कि अगर मैंने बोला तो वो मेरे घर पर बता देगा। इसलिए मैंने उन्हें कभी कुछ नहीं बोला।
मैंने काफी बार उन्हें मोबाइल में ब्लू फिल्म देखते हुए देखा था, और मेरा कमरा उनके कमरे की दीवार के एक होने के कारण। रात को काफी बार मैंने उनके कमरे से अजीब अजीब आवाजें भी सुनीं।
पर मैंने सोचा कि जो खुद अपना बच्चा नहीं कर पाया, वो साला मुझे क्या चोदेगा।
वो तो अपनी पत्नी को मजे से नहीं चोद सकता था, तो वो मुझे क्या चोदेगा।
हमारी पड़ोसन कई बार कहते थे, कि वो किसी रंडी को चोदते हैं, पर मुझे इस समय सब की कोई जानकारी नहीं थी।
एक बार जब मैं अपने दोस्त के यहाँ गया तो वो वहा पर नहीं था, वहा पर उसके अंकल बैठे हुए थे।
मैं- अंकल वो कहां है?
अंकल- वो काम से गया है, अभी आने वाला है।
मैं – तो मैं फिर बाद में आता हूँ।
अंकल- कुछ काम है क्या?
मैं- अभी काम तो नहीं है, बस ऐसे ही आया था।
अंकल – तो यहीं बैठ कर उसका इंतज़ार कर लो, वो अता ही होगा थोड़ी देर में।
मैंने सोचा मैं फ्री ही हूं, तो मैं यहीं पर बैठ कर उसका इंतजार करता हूं।
मैं- ठीक है अंकल।
मैं करीब 15-20 मिनट तक बैठा रहा, और उनके घर उस दिन सिर्फ अंकल और उनकी पत्नी थी। उनकी पत्नी किचन में थी और मैं और अंकल हॉल में बैठे हुए थे।
मैंने काफी अंकल को देखा तो वो मुझे ही घूर रहे थे, और फिर वो बिच बिच में मोबाइल में कुछ देखने लग जाते थे।
वो बार बार मेरे लंड की तरफ देखते थे और फिर अपने मोबाइल में कुछ देखने लग जाते थे।
कुछ देर में मैंने देखा कि उनकी पैंट में एक तंबू सा बन गया है।
जिसे वो बार बार अपने हाथ से दबा रहे थे, और उसे सहला भी रहे थे।
मैं समझ गया कि वो ब्लू फिल्म देख रहा है, पर मुझे ये समझ नहीं आ रहा था कि वो बार बार मुझे क्यों घूर रहा था।
जब तक मैं कुछ समझता मेरा दोस्त आ गया, और मैं उसके साथ चला गया।
एक बार जब मैं छत पर अकेला बैठा हुआ था, तब अंकल ने मुझे आवाज लगाई तो मैं उनके वहां पर गया।
वो मुझसे मोबाइल का कुछ पूछ रहे थे, मैं उनके मोबाइल को देख रहा था।
तो मुझे एक फोल्डर में जाना पड़ा, उस फोल्डर को ओपन करते ही मैंने देखा कि उसमें काफी सारी ब्लू फिल्में और गे सेक्स वीडियो थी।
ये देख कर मैं शॉक हो गया, तो मैंने उन्हें मोबाइल वापस कर दिया।
फिर उन्होंने अपने मोबाइल पर एक वीडियो प्ले किया, जिसमें मेरी उम्र के दो लड़के आपस में चुदाई कर रहे थे।
मैंने अपना मुँह दूसरी तरफ कर दिया, और तभी अंकल ने मेरे हाथ में एक इस्तेमाल किया हुआ कंडोम रख दिया।
मैं- ये क्या है?
अंकल – तुझे नहीं पता ये क्या है?
मैं- नहीं अंकल, ये कुछ गुब्बारे जैसा लग रहा है।
अंकल- हां ये गुबारा ही है, इसे फूला दे।
मैं- ठीक है।
मैंने फुलाने की कोशिश की तो उसमें जो पानी था वो मेरे मुँह आ गया। तो मैंने उसे छोड़ दिया।
मैं- ये क्या डाला है इसमें आपने अजीब सा?
अंकल- ये मेरा पानी है।
मैं – मतलब?
अंकल- ये मेरे लंड का पानी है।
मैं एक दम से शॉक हो गया, अंकल ये मुझसे क्या करवाना चाहते हैं। और इससे ज्यादा मैं इसलिए चौंका था, कि मैं सोचता था कि अंकल का पानी निकलता ही नहीं है।
वो शायद बाप नहीं बने हैं, फिर ये पानी कहाँ से आया। फिर मैं अपने मन में बोला – भाग यहां से पता नहीं ये क्या करने की कोशिश कर रहे हैं, भाग भाई भाग।
मैं जाने लगा तो अचानक से उनका हाथ मेरे कंधे पर आ गया, और उन्होंने मुझे रोका और अपने पास बिठा लिया। अचानक खिंचने की वजह से मेरा पैर मुड़ गया था, तो मुझे दर्द हो गया था।
इसलिए मैं वहीं बैठ कर अपने पैरो को देख रहा था, और तभी अंकल बोले – क्या हुआ है?
मैं- अंकल लगता है कि मेरा पैर मुड़ गया है।
अंकल – मुझे दिखा मैं सही कर देता हूँ।
मैं- आपको आता है ये?
अंकल- दे तो सही।
मैंने अपना पैर उनकी गोद में रख दिया, और उन्होंने मेरे पैरो पर थोड़ी मालिश किया और वो ठीक हो गया। फिर अचानक से उन्होंने मेरे पैरो के ऊपर हाथ लगाना शुरू कर दिया।
फिर वो धीरे-धीरे अपना हाथ मेरी जांघो तक ले गए, और मुझे अब बहुत दर लग रहा था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि ये क्या हो रहा है।
मैं ना कुछ कह नहीं सकता था, और ना ही उन्हें कुछ बोल सकता था। फिर मैं हिम्मत करके बोला- अंकल आप ये क्या कर रहे हो?
अंकल- रुको अभी सब सही हो जाएगा।
मैं- मैं ठीक हूं अंकल।
अंकल – अभी और मस्त हो जायेगा तू बस देखता जा।
मैं समझ गया था, अंकल अब कुछ करने वाले हैं। पर मैं चिल्ला भी नहीं सकता था, क्योंकि मैं कहीं ना कहीं अंकल से चुदना चाहता था। पर मुझे पता नहीं था कि अंकल भी यही चाहते हैं।
दोस्तो आगे की रियल हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Real Hindi Gay Sex Story) मैं आपको अगले भाग बताऊंगा, अगर आपको मेरी ये कहानी पसंद आयी है। तो कमेंट करके मुझे बता सकते है। धन्यवाद।