नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों मैं साक्षी आपके लिए एक और मजेदार हिंदी सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ, आज की कहानी पड़ोसन भाभी की चुदाई की है। जिसका शीर्षक होली में मिली पड़ोसी भाभी की तड़पती चूत (Bhabhi Ki Tadapti Chut) है।
आगे की कहानी प्रमोद के शब्दों में लिखी गयी है, कहानी का मजा लीजिए।
ये xxx सेक्स कहानी मेरे और मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी की है, भाभी की उम्र 29 साल है और वो दिखने में एक दम कड़क माल है।
मैंने होली वाले दिन भाभी को कैसे चोदो, आज ये ही मैं आपको अपनी इस भाभी की चुदाई की कहानी में बताऊंगा।
दोस्तो मेरा नाम प्रमोद है, मैं दिल्ली के करोल बाग में रहता हूँ, और मेरी उम्र 24 साल है। मैं देखने में ठीक-ठाक हूं, और मेरा लंड 7 इंच लंबा है और 3 इंच मोटा है।
मेरी भाभी दिखने में एक दम कड़क माल है, और भाभी के बड़े बड़े बूब्स, मस्त मोटी गांड, और उनकी पतली सी कमर है। वो एक हाई सोसायटी में रहने वाली खुले विचारो वाली मस्त आइटम है।
वो जब वहां रहने आई थी, तभी से मैं उसे चोदना चाहता था। पर मुझे कोई मोका नहीं मिल रहा था, वैसे तो उनका परिवार अच्छा चल रहा था।
भैया एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, पर उन्हें शराब पीने की बहुत गंदी आदत थी। वो दिन भर काम करते थे और शराब को पी कर घर आ कर सो जाते थे।
जिसकी भाभी को भी वो सुख नहीं मिल रहा था, जो एक पत्नी को अपने पति से मिलता है।
मैंने इसी मोके का फ़्यादा उठाया, और होली के दिन मैं भाभी के घर उनको रंग लगाने गया। मैंने आज पूरा मन बना लिया था, अगर मौका मिला तो मैं भाभी की चुदाई कर ही दूंगा। और आज शायद मेरी किस्मत भी मेरा साथ देने वाली थी।
मैं घर पर गया, तो मैंने देखा कि भाभी किचन में कुछ काम कर रही थी। भैया बाहर बैठे शराब पी रहे थे, और उन्हें इतनी शराब पी ली थी कि वो कभी भी अब लुढूक सकते थे।
मैंने भैया को रंग लगाया कर उन्हें हैप्पी होली कहा, और फिर मैं भाभी के पास किचन में चला गया। उस दिन भाभी ने हल्के नीले रंग की साड़ी पहनी थी, और उनका ब्लाउज काफी डीप नेक वाला था।
जिससे उनके बूब्स मुझे साफ दिख रहे थे, मैं उनके पीछे गया और उनके पीछे से चिपक गया। अब मैं उनके गालों पर रंग लगाते हुए हैप्पी होली बोलने लग गया।
वो अचानक हुई हरकत से घबरा सी गई, और पीछे होने लग गई। पर मैं उनके पीछे था, और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था। जिससे मेरा लंड अब भाभी की गांड की दरार में लग रहा था।
जिसका भाभी को भी एहसास हो गया था। फिर वो मुझसे दूर हुई और उसने मुझे भी रंग लगा कर विश किया। मैं भाभी से वहीं पर बात करने लग गया।
भाभी- आज तुम अपने दोस्तों के साथ होली नहीं खेलोगे क्या?
मैं- नहीं आज मैं सिर्फ अपनी भाभी के साथ होली खेलूंगा।
भाभी- नहीं अब तुमने मुझे रंग लगा दिया है, अब मैं तुम्हें और रंग नहीं लगाने दूंगी।
मैं- आप नहीं लगेंगे दोगी, तो मैं आपको जबरदस्ती लगा लूंगा। भाभी आज होली है, तो बुरा मानने वाली कोई बात नहीं है।
भाभी- अच्छा ऐसी बात है क्या? तो चलो तुम भी मुझे अब रंगा लगा कर दिखाओ।
ऐसा बोलते ही भाभी किचन से बाहर भर गई, फिर मैं भी उनके पीछे भाग कर उन्हें रंग लगाने लग गया। अब वो भाग रही थी, और मैं उन्हें पकड़ रहा था। भैया तो दारू पी कर टुन्न हो गए थे।
इस पकड़म पकड़ाई में मेरे हाथ में भाभी की साड़ी आ गई, तो मैंने उन्हें खींच कर निकाल दी। अब भाभी ब्लाउज और पेटीकोट मैं थी।
भाभी क्या मस्त माल लग रही थी, भाभी को इससे गुस्सा आ गया। पर फिर भी उनको कुछ खास रिएक्ट नहीं किया। अब वो फिर से भगाने लग गई, और अब की बार मैंने उनको पकड़ लिया और मैं उन्हें रंग लगाने लग गया।
अब वो मुझे छुटाने की कोशिश करने लग गई। इसी पकड़ पकड़ाई में मेरा हाथ भाभी के बूब्स पर चला गया। मैं मोका पाते ही उनके बूब्सों को दबाने लग गया।
दोस्तो क्या बताऊ इतने मुलायम बूब्स मैंने आज तक प्रेस नहीं किये हैं। भाभी को मेरी इस हरकत पर गुस्सा आ गया, और वो मुझसे दूर हो गई।
भाभी- तू ये सब करने आया है? रुक मैं अभी तेरे भैया को सब कुछ बताती हूँ।
मैं – सॉरी भाभी वो रंग लगाते हुए जब मेरा हाथ गलती से चला गया था।
भाभी- चल कोई बात नहीं, पर आगे से ध्यान रखना।
फिर भाभी भैया के पास बैठ गई और शराब की बोतल को हाथ में ले कर बोली- तू पिएगा?
मैंने हां कर दी, और मैं भाभी के सामने सोफ़े पर बैठ गया। भाभी हाई सोसाइटी की थी, इसलिए वो शराब और नशे सब कुछ करती थी। पर वो शराब बहुत ही कम पीती थी, इसलिए उन्हें जल्दी ही नशा चढ़ गया।
अब वो 2 मोटे पैग पीते ही बिस्तर पर लेट गई, और भाभी को पूरा नशा चढ़ गया। भाभी मुझसे हंस कर बोलीं- एक सिगरेट लगा दे प्लीज।
जब मैंने भाभी को पूरा नशे में देखा, तो मेरे अंदर की कामवासना जग गई। मैंने अब सिगरेट पीना शुरू कर दिया, और भाभी की उंगली में फसा दिया।
भाभी बड़े ही स्टाइल के साथ धुओं के छल्ले बनाने लग गई, भाभी इस टाइम बिना साड़ी के सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में सिरगेट पी रही थी।
वो इस समय पूरी बड़ी रंडी लग रही थी, मैंने भाभी को उठाया और बोला – चलो भाभी, मैं आपको आपके कमरे में सुला देता हूं।
भाभी ने मेरे गले में अपनी बाह डाली और मेरे जिस्म से झूल गई। मैंने उन्हें अपने गोद से उठा कर उन्हें अपने कमरे में ले लिया, और वहां जाते ही मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया।
मैं- अब मैं आपको रंग लगा लूं।
भाभी नशे में थी, पर फिर भी वो मुझे मना कर रही थी। मैंने अब अपनी पॉकेट से रंग निकाला और मैं भाभी के पास आ कर बैठ गया।
पहले मैंने थोड़ा सा रंग भाभी के गालों पर लगाया, और फिर गले पर और फिर ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स और आखिर में उनके गोरे पेट पर रंग लगाने लग गया।
भाभी नशे में होने के करण वो सिर्फ ना नुकर कर रही थी। पर उन्हें इतनी ताकत नहीं थी कि वो मुझे रोक पाती।
भाभी अब नशे में बोलीं- सारा रंग तू मेरे कपड़ों पर लगा रहा है, लगाना है तो मेरे अंदर जिस्म पर लगा ना।
मैंने इस मोके का फ़्यादा उठाया, और उनकी ये बात सुनते ही मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए। अब भाभी सिर्फ टू पीस बिकनी में मेरे सामने पड़ी थी।
दोस्तो मैं आपको अब बता नहीं सकता कि भाभी उस समय कैसी लग रही थी। अब मैंने देर ना करते हुए भाभी पर हमला बोल दिया, और मैं उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनके बूब्स पर रंग लगाते हुए उन्हें दबाने लग गया।
अब मैंने उन्हें किस करने लग गया, और मैं पागलों की तरह उनके बूब्ज़ को चूस रहा था। भाभी को शायद बहुत टाइम से भैया ने चोदा नहीं था। इसलिए उनकी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, और भाभी भी बहुत जल्दी गर्म हो गई।
मैंने उनकी ब्रा को निकाल दिया, और उनके बूब्सों को मैं बारी बारी से चूसने लग गया। मैंने एक हाथ उनकी पैंटी के अंदर डाल कर उनकी चूत पर रख दिया, और मैं उनकी चूत को मसलने लग गया।
इसे अब भाभी मचलने लग गई, तभी मैंने एक दम से अपनी बीच की उंगली भाभी की चूत में डाल दी। इससे भाभी की सिसकियाँ निकलने लग गयी, और भाभी की चूत पूरी गीली हो गयी।
अब भाभी को चढ़ी शराब नशा और मजा देने लग गया था। उनके ऊपर हवस अब सर पर चढ़ गई थी। मैंने नीचे से उनकी पैंटी को निकाल कर उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया।
मैं अब उनकी चूत पर अपनी जीभ चला रहा था, इससे भाभी पागल हो गई और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लग गई। करीब 10 मिनट तक चूत चुसवाने के बाद भाभी का जिस्म एकादम से अकड़ने लग गया।
कुछ ही पलो में भाभी की चूत ने अपना पानी निकाल दिया, जिसे मैं चाट-चाट कर पूरा साफ़ करने लग गया। भाभी अब एक दम थक कर निहाल हो गई थी।
अब मैं खड़ा हुआ और मैं अपने सारे कपड़े निकाल कर पूरा नंगा हो गया। अब तक भाभी भी होश में आ चुकी थी, और भाभी मेरा 7.5 इंच का लंड देख कर शॉक हो गई।
भाभी – ओह माय गॉड तुम्हारा लंड तो काफी बड़ा है।
मैं अपना लंड हिला कर बोला – क्यों क्या हुआ भाभी, बड़ा लंड देख कर डर गयी?
भाभी मेरा लंड देखते हुए बोली- हां तेरे भैया का लंड तो इससे भी आधा है।
अब वो मेरा लंड हाथ में ले कर सहलाने लग गई, और मैं बोला – चलो अब इसे चूसो भी।
भाभी ने मना किया, तो मैंने उन्हें थोड़ा जोर दिया और फिर भाभी मेरा लंड चूसने लग गई। मुझे भाभी से लंड चुसवाने में काफी मजा आ रहा था।
भाभी भी मेरे लंड को पूरे मजे से चूस रही थी, कुछ ही देर में भाभी मेरी गेंदों को सहलाते हुए मेरे लंड को अपने गले में लेने लग गई।
मैं भी मजे में भाभी के चुचो को दबा रहा था, भाभी की आंखों में चुदास की वासना अब साफ दिख रही थी। फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
अब वो मेरा लंड काफी मजे से चूस रही थी, और मैं उनकी चूत को लगातार चाट रहा था। करीब 10 मिनट के इस रोल प्ले के बाद मैं फिर से खड़ा हो गया।
अब मैंने भाभी को घोड़ी बनने के लिए कह दिया था, भाभी की चूत में अब खुजली हो रही थी। अब वो भी मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही थी।
इसलिए मैंने अपना लंड उनके पीछे सेट किया और तभी वो बोली – प्लीज थोड़ा धीरे से डालना, मैंने आज तक इतना मोटा लंड नहीं लिया है।
मैं- ठीक है।
मैंने लंड को उनकी चूत के छेद पर फिराया, तो वो बोली – यार तुम्हारा लंड तो सच में काफी मोटा है, तेल लगा लो या क्रीम लगा लो प्लीज।
मैं- ठीक है।
फिर मैं किचन से तेल ले कर आया, और मैंने भाभी की चूत पर खूब सारा तेल लगाया। अब मैंने भाभी की चूत पर अपना लंड रखा और अपना टोपा भाभी की चूत में डाल दिया।
मेरा लंड काफ़ी मोटा था, इस वजह से भाभी को दर्द हो रहा था।
भाभी- आअहह आहा दर्द हो रहा है यार।
मैं- थोड़ा झेलो भाभी और उसके बाद तो मजे ही मजे आने वाले हैं।
मैंने अब दोनों हाथो से भाभी की कमर को कस कर पकड़ लिया, और अपनी पूरी ताकत से मैंने भाभी को धक्का मारा। तेल की वजह से मेरा लंड भाभी की चूत में अंत तक फिसलता हुआ चला गया।
भाभी की जोरदार चीख निकल गई, और भाभी की आंखों से अब आंसू आ गए। इधर मुझे ऐसा लगा कि मेरा लंड किसी गरम भट्टी में फंस गया है।
उनकी चूत एक दम कसी हुई थी, एक पल के लिए तो मुझे ऐसा लगा कि भाभी की चूत एक दम सील पैक है। पर भाभी की चूत चुदी हुई थी, तो उनकी चूत से खून नहीं निकला।
अब तक छोटा लंड लेने की वजह से भाभी की चूत पूरी तरह से खुली नहीं थी। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर तक फंस गया था, भाभी दर्द के मारे छटपटा रही थी।
अब वो मुझसे छूटने का प्रयास कर रही थी, पर मैंने भाभी को कस कर पकड़ रखा था। फिर कुछ देर तक मैं ऐसे ही रुका रहा, तो मेरे लंड ने अब उनकी चूत में अपनी पूरी जगह बना ली थी।
भाभी को अब दर्द कम होने लग गया, और उनकी गांड अब खुद हिलने लग गई। अब मैंने भी धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिये। अब मैं भाभी की कमर को छोड़ कर उनके बूब्सों को मसलने लगा था।
भाभी आह आह करते हुए चुदाई में मेरा साथ दे रही थी, कुछ ही देर में मेरा लंड अब आसानी से अंदर बाहर होने लग गया। अब रूम में चप चप चुदाई की मस्त आवाज़ गूंज रही थी।
करीब 15 मिनट तक इसी पोज़िशन में चुदाई के बाद मैंने भाभी को सीधा लिटा दिया। अब मैं उनके ऊपर आ कर एक ही बार में अपना पूरा लंड डालने लग गया।
भाभी भी अब आह आह करते हुए मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ले रही थी। करीब 20 मिनट तक धक्का पेल चुदाई के बाद भाभी दो बार झड़ गई।
अब मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने कुछ लम्बे लम्बे धक्के मारे और मैंने अपना सारा पानी भाभी की चूत में निकाल दिया। अब मैं भाभी के ऊपर ही गिर गया।
इसके बाद मैंने भाभी की गांड मारी, और भैया को हमारे बारे में पता चल गया।
फिर क्या हुआ, ये मैं आपको अपनी इसी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Stories) के दूसरे भाग में बताऊंगा।
दोस्तों अगर आपको मेरी ये देसी भाभी की चुदाई की कहानी (Desi Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani) पसंद आई हो तो मुझे कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।
मैं कोशिश करूंगा की इस कहानी का दूसरा भाग मैं आप लोगो के साथ जल्दी-से-जल्दी सांझा करू। तब तक हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi Sex Stories) पढ़ते रहिये।