हिंदी गे सेक्स स्टोरीज (Hindi Gay Sex Stories) पढ़ने वाले पाठको को मेरा यानी साक्षी का नमस्कार मैं आप सभी का दिल से स्वागत करती हूँ इस कहानी में। हमारी आज की कहानी का शीर्षक है: गर्मी की छुट्टियों में मेरी गांड की पहली चुदाई की कहानी (Gand Ki Pahli Chudai Ki Kahani)।
हेलो मेरा नाम शाहरुख़ है,मैं दिल्ली के महिपालपुर का रहने वाला हूँ। मैं एक 20 साल का काफी लड़का शरीफ था। मोटा सा जिस्म था और गांड और जांघें काफी मोटी थीं। बिल्कुल साफ और चिकना बदन था।
अब ये गे सेक्स कहानी मेरी पहली गांड चुदाई की है। मेरी गांड मेरे चाचा ने मारी, उनका नाम रसूल था।
उम्र 45-46 से ऊपर थी। वो भी काफी मोटे थे और उनका जिस्म बहुत बालों वाला था।
मैं रसूल चाचा के काफी करीब था लेकिन फिर वो दूसरे शहर में शिफ्ट हो गए। वो सिंगल थे और कभी शादी नहीं की थी।
हुआ कुछ यूं कि मेरी छुट्टियों में मैंने प्लान बनाया के ये छुट्टिया मैं चाचा रसूल के पास जाके गुजारूं।
परिवार को मनाया और चाचा के पास जाने के लिए रवाना हो गया।
अब चाचा के साथ शुरू के कुछ दिन बहुत सामान्य गुजरे। मुझे वो घुमाने ले जाते थे और हम अक्सर उसके पीएस 4 पर गेम खेलते थे। एक दिन रसूल चाचा ऑफिस के बाद बहुत थक गए थे तो सोने चले गए।
उन्होंने अपना फोन बाहर टेबल पर ही छोड़ दिया था। मैं बोर हो रहा था तो सोचा के उनके फोन को देखूं।
फोन में इधर उधर ढूंढा और चाचा की गैलरी में जब पहुंचा तो मेरी आंखें खुली रह गईं।
चाचा की गैलरी में काफ़ी नन्गे लड़को की तस्वीरें, गांड, और लंड की तस्वीरें थीं।
वीडियो में बहुत सारा गे पोर्न भरा हुआ था।
तब मैंने पहली बार गे पॉर्न देखा था। मैने जल्दी से काफी चीजे अपने फोन में ब्लूटूथ से डाल ली।
फिर मैंने उनके मैसेज देखे तो काफी प्यार के साथ सेक्स चैटिंग कर रखे थे चाचा।
चाचा ने अपने लंड की तस्वीरें भी भेजी थीं।
काफ़ी मैसेज में लड़के बता रहे थे उनको कितना मज़ा आया।
खैर उनका फोन देखने के बाद मैंने फोन वापस रख दिया।
पूरे दिन में चाचा से आंखें नहीं मिला पा रहा था।
मैं बस इंतजार कर रहा था कि कब अकेला रहूं और ये वीडियो जो कॉपी किया था वो देखूंगा।
अगले दिन जब चाचा ऑफिस गए तो मैंने वो सारी तस्वीरें और वीडियो देखीं।
मैं काफ़ी हॉर्नी हो रहा था और मेरा लंड भी ये सब देख के खड़ा हो रहा था।
मैंने आहिस्ता-आहिस्ता वीडियो पर मुठ मारना शुरू कर दिया।
फिर खुद पोर्न देखता था जब भी अकेला होता था और सिर्फ गे पोर्न देखता था।
मेरा आहिस्ता आहिस्ता मूड हो रहा था के चाचा का लंड देखूँ।
मेरे अंदर चुदाई के अरमान भी जाग रहे थे।
एक दिन जब चाचा ऑफिस गए तो मैंने उनके कमरे के दरवाजे का ताला खराब कर दिया।
अब जब भी चाचा आते थे और शॉवर के लिए जाते थे तो मैं उनके कमरे में जाता था और उनको देखता था।
चाचा शावर के वक्त वाशरूम का दरवाजा खुला छोड़ते थे।
पहली बार चाचा के खड़े लंड को देखा तो मेरी गांड में खुजली होने लगी।
उसे सिर्फ एक लंड ही मिटा सकता था।
मैं रोजाना चाचा को शॉवर में नहाते और मुठ मारते देखता था और खुद भी अपना लंड मसलता था।
मैंने आहिस्ता आहिस्ता चाचा की चुपके से रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया।
मैं ऐसी पोजीशन में देखता था कि मुझे लगा चाचा को कभी पता नहीं चलेगा लेकिन ये मेरी गलत फहमी थी।
वाशरूम के मिरर से चाचा को साफ दिख रहा था कि मैं उनको रोजाना देखता हूं और चाचा भी मुझे मजे से सब कुछ दिखाते थे।
एक दिन शायद चाचा का मूड हो गया और चाचा ने शॉवर के दौरन मुझे आवाज लगाई।
चाचा: अब सिर्फ देखोगे ही या अंदर आके मुझे ज्वाइन करोगे।
मैं: उम्म.. चाचा सॉरी..
चाचा: सॉरी छोड़ो कपरे उतारो और आओ मेरी बैक पे सबुन लगा दो।
मैं बड़ी शर्म से कपरे उतरके उनके साथ शावर में खड़ा हो गया।
मैने सबुन उठाया और उनकी बैक पे लगने लगा।
फिर चाचा मुड़ गए और मैंने उनके बालों वाली छाती पर सबुन लगाया। फिर नीचे उनके 7 इंच के लंड को स्किप करके टंगों पे सबुन लगया।
चाचा : लंड को भी तो साफ करो।
मैं: जी चाचा।
चाचा: नहीं, हाथों से नहीं, अपने मुँह से इसे साफ करो।
मैं चाचा की नियत समझ गया और मैं खुद भी उस वक्त इतना कामुक हो गया था कि मैंने घुटनो पे बैठा और मुंह खोला।
चाचा का लंड मुँह में लेने लगा, आहिस्ता-आहिस्ता मैंने पोर्न में चूसने को कॉपी किया और चाचा का लंड चूसा।
चाचा तो बोलने लगे के जैसे ये सब मैंने पहले किया हो।
मैंने चाचा का लंड 10 मिनट तक मजे से चूसा।
फिर मुझे चाचा ने उठाया और खुद घुटनो पर बेथ कर मेरा लंड चूसने लगे।
उफ्फ इतना मजा आया के कुछ मिनट में ही मैं उनके मुंह में झड़ गया और चाचा ने मेरा पूरा पानी पी लिया।
फिर मुझे चाचा ने मोड़ा और मेरी गांड को फैला दी।
फिर अपना मुँह मेरी गांड के बीच में घुसा दिया।
मेरे छेद पर उनकी जीभ लग रही थी उफ़ क्या मजा आने लगा।
चाचा भी जीभ अंदर घुसा रहे थे और मैं मजे में पागल हो रहे थे।
काफी देर तक गांड चाटने के बाद चाचा मुझे बेडरूम में ले गए।
मुझे वहां डॉगीस्टाइल में बिठा दिया।
मैं समझ गया अब क्या होना है, चाचा ने छेद पर थूका और लंड को सेट किया।
मेरी कमर पकरी और ज़ोर देने लगे।
मेरी टाइट गांड में उनके लंड का टोपा फाड़ता हुआ घुसा और मेरी दर्द की वजह से जोर से चीख निकल गयी।
लेकिन चाचा अब रुकने वाले थोड़ी थे।
चाचा ने मुझे कसकर पकड़ा हुआ था और आहिस्ता आहिस्ता लंड मेरी गांड में घुसेड़ रहे थे।
मैं: ऊ.. ऊ.. चाचा दर्द.. हो रहा है.. प्लीज़ रोको..
चाचा: चुप रंडी!
ये बोलके चाचा ने झटका दिया और पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया।
मैं ज़ोर से चीखा और आँखों से आंसु भी निकल आया।
चाचा पर दर्द का कोई असर नहीं किया बस मेरी गांड की चुदाई करते रहे।
आहिस्ता-आहिस्ता स्पीड बढ़ती गई और मेरी गांड को जानवरों की तरह चोद रहे थे।
शुरू के 5-7 मिनट मुझे दर्द हुआ लेकिन अब मेरी गांड खुल गई तो दर्द भी कम हो गया।
अब उनका लंड गांड में अन्दर बाहर महसूस हो रहा था और मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बताऊँ।
थोरी देर बाद चाचा ने पोजीशन चेंज की और मेरी टांगें उठा कर चोदने लगे।
वो साथ-साथ मेरे स्तन भी चूस रहे थे।
उफ्फ क्या मजा आ रहा था, मेरे होठ भी चूस रहे थे।
मेरी गांड पे थप्पड़ भी मार रहे थे, मुझे इतना मजा आया के मेरे लंड से भी पानी निकल गया।
चाचा: ये देख तेरा पानी निकल गया… पक्का गांडू लग रहा है तू मुझे।
मैं: नहीं चाचा.. मम्म.. आआअहह.. मेरा पहली बार है..
चाचा: पहले पता होता तो अब तक तुझे चोद चोद के अपनी रंडी बना दिया होता।
मैं: मैं आपकी रंडी हूँ… प्लीज़ मुझे चोदो… और तेज़.. आआह.. मम्म… ऊ…
चाचा: मैं झड़ने होने वाला हूं कहां लेगा?
मैं: मुहं में… मम्म… प्लीज़ चाचा…
चाचा ने स्पीड से मेरी गांड चुदाई की 5 मिनट में फिर लंड निकला और मेरे मुँह में डाल दिया।
मेरे मुँह में अपना गर्म और गाढ़ा सफ़ेद वीर्य निकल दिया और मैं एक रंडी की तरह पूरा रस पी गया।
मैं चुदाई से बहुत थक गया था।
लेकिन चाचा नहीं, चाचा ने थोड़ा ब्रेक लिया और फिर से चोदा, फिर एक और बार, फिर एक और बार।
मुझे तो याद भी नहीं उस दिन चाचा ने कितना चोदा बस इतना याद है मैंने कितना एन्जॉय किया और कैसे में उनकी रंडी बन गया..
बस वो दिन है और आज का दिन में लंड के बिना नहीं रह पाया।
चाचा ने मेरी बहुत गांड मारी और अपने दोस्तों से भी चुदवाया।
मुझे गे पार्टियों में ले जाते थे। मुझे चाचा ने बहुत मजा दिया।
फिर में घर आया तो चुदाई को बहुत मिस किया। मैं पहले तो अजनबियों से मिलता था और चुदवाता था।
आज मेरा एक बॉयफ्रेंड है वो भी चाचा की उमर का क्योंकि मुझे थोड़े उम्र वाले अंकल ही पसंद है।
उसका लंड 7.5 इंच का है और बहुत मोटा है।
तो दोस्तों ये थी मेरी पहली गांड चुदाई की कहानी। जिसे मेरे चाचा जी ने मजे से चोदा।
उम्मीद है आपको मेरी देसी गे सेक्स कहानी (Desi Gay Sex Kahani) पसंद आई होगी। प्लीज कमेंट करके मुझे जरूर बताए। धन्यवाद।