November 24, 2024
Tharki Teacher Se Chut Chudai

हेय डिअर आप सब कैसे हो।आज में आप के लिए फिर से अपनी सच्ची Hindi Sex Story लाई हु,

जो आप के लंड को तड़पा देगी मूठ मरने को और आप रह भी नहीं पाओगे बिना मुठ मारे।ये हिंदी सेक्स कहानी (Hindi Sex kahani ) प्रिय की है, आज की कहानी में आप पढोगे की कैसे ठरकी टीचर से चूत चुदाई ( Tharki Teacher Se Chut Chudai )करवा के घर वालो से मिलने से रोका आपने टीचर को।  

तो जान कहानी शुरु करते है, 

मेरा नाम प्रिय है और मैं दिल्ली के vasant kunj के रहने वाली हु।

मेरी ये कहानी कॉलेज टाइम के बारे में है। आप सब लोग तो अच्छे से जानते ही हैं, मैं तो कॉलेज से ही चुदक्कड़ थी।

चुदाई में नंबर 1, और पढ़ाई में 0. तो फिर क्या होना था,

मैं फेल हो गई। और मेरा ख़ूबसूरत संजय सर गणित के टीचर ज़्यादा ही गुस्सा हो गया। मैं लगातर तीसरी बार जो फेल हुई थी।

उसने मुझे स्टाफ रूम में बुलाया। मैं समझ गई थी, कि इस बार तो संजय सर घर पर जाएंगे ही जाएंगे।

और मेरी ख़ूब पिताई होने वाली थी। मुझे समझ ही नहीं आ रहा था, मैं क्या करती हूं।

तभी याद आया कि और दोस्त लोग बोलते थे, कि संजय सर है तो ठरकी।

तो मैंने सोचा कि चलो आज इसकी भी ठरक मिटा देती हूं। मुझे लगा संजय सर है, तो लंड तो साले का क्या होगा।

लेकिन मजबूरी थी, और समय पर गधे को बाप बनाना पड़ता है।

तो मैंने अपनी शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोले, और चूचियों को थोड़ा सेट करके ऊपर उठाया, ताकि उसको मेरी बड़ी चूचियां ( Big Boobs ) कुछ दिख सके।

मैंने अपनी स्कर्ट भी थोड़ी ऊपर खींच ली, ताकि संजय सर मेरी गोरी-गोरी टैंगो पर ही मर जाए।

तो संजय सर को पूरा घायल करने के इरादे से मैं स्टाफ रूम में चली गई।

अंदर घुसते ही संजय सर ने मेरी क्लास लेनी शुरू कर दी। मैं भी चुप-चाप सुनने का नाटक करती रही, और फिर अचानक मैंने ड्रामा किया जैसे कि नीचे कुछ गिर गया और उसको उठाने के लिए मैं झुकी।

बस वही पर  संजय सर की नज़र मेरी बहार नज़र आती चूचियों पर गयी। और मैं समझ गई, कि संजय सर तो गया काम से।

फ़िर संजय सर बोला: आराम से बैठ जाओ।

और मैं पेर पर पेर रख कर बैठ गई, ताकि उसको मेरी पूरी गोरी-गोरी तांगे दिख सके।

अब बस मैंने जान लिया था, कि संजय सर तो गया काम से। वो अब बोलते-बोलते हाफने सा लगे थे, और बेचारे को समझ भी नहीं आ रहा था कि क्या बोले।

फिर मैंने कहा: सर आई एम सॉरी, बट प्लीज मेरे घर पर मत जाओ। चाहो तो आप मुझे मार लीजिये, लेकिन घर मत जाना।

संजय सर बोला: जाना तो घर ही है, पर अभी नहीं जा सकता। इसके लिए जो कहूँगा वो करना पड़ेगा।

मैंने कहा: सर कुछ भी, आप चाहो तो मार लो।

वो बोला: मुझे तुम्हें नहीं मारना, पर हां तुम्हारी जरूर मारूंगा।

मैं तो सोच कर ही आयी थी। तो मैंने सोचा, ये गया संजय सर मोरे जाल में फस गए।

फिर मैंने उसको कहा: सर क्या मारोगे?

तो वो बोला: इशारा तो मैं भी समझ गया हूं। संजय सर हूं मैं, इतना चूतिया नहीं हु, की समझ भी नहीं सकू। तुम मुझे घर ना जाने के बदले अपनी चूत देना चाहती हो।

मैंने कहा: सर, जैसा आप कहें।

तो वो बोला की: अरे तो अभी तक ये चड्ढी क्यों डाल रखी है बहन की लोड़ी?

कब से तेरे गुलाबी चूत ( Gulabi Chut ) देखने की कोशिश कर रहा हूँ। बस ये तांगे दिख रही है, तेरी चूत दिखा।

मेरे को बस सुनना ही था, और मेरी पैंटी तो गई साइड में। फ़िर मुख्य बोली-

मुख्य: सर, पहले ही कह देती हु। लो देखो मेरी चूत को.

और ये कह कर मैंने कुर्सी पर अपनी तांगे पूरी फेला ली। वो बस मेरी चिकनी चूत को ही देखता रहा।

फ़िर वो बोला: हाये एक भी बाल नहीं अभी तक आया। या साफ रखती हो?

मैंने कहा: सर, ज्यादा को बाल नहीं रखती, इसलिए अच्छे से साफ करती हूं। मस्त लगती है ना चिकनी चूत. तो अभी आप मेरे चूत चुदाई ( Chut chudai ) करने के बाद घर तो नहीं जाओंगे ना?

संजय सर बोला: बहन की लोड़ी, वही से चूत दिखेगी या इधर आके  कुछ करेगी? चूत देगी तो घर नहीं जाऊंगा. देख मेरा लंड कैसे चलेगा।

मैंने मन ही मन में सोचा, संजय सर का लंड क्या खड़ा होगा। चूतिये  से कुछ होना तो है नहीं और आज तो उंगली ही करनी पड़ेगी।

लेकिन करना तो था ही. ये सोचते हुए जैसे ही मैं उसके पास गई, हे भगवान! संजय सर का लंड तो एक दम मोटा था.

उसका लंड पूरा खड़ा था, एक-दम मजबूत। मैं तो एक-दम से खुश हो गई, और झुकते ही उसके लंड चुसाई ( Land Chusai ) शुरू कर दि। संजय सर तो जैसे मेरी अदा पर मर ही गया।

संजय सर : आआ बहनचोद..आराम से चूस. ये लंड है मेरा, कोई सॉफ्टी नहीं. और बहन की लोड़ी ये तेरी चूचियां कौन निकलेगा बाहर।

पहले इन्हें बाहर निकाल.

मैंने तो एक सेकंड भी नहीं लगाया और मेरी शर्ट और ब्रा निकाल दी। फ़िर मुख्य बोली-

मैं: देखो सर, मेरी मोती-मोती चूचियां आप ही के लिए हैं। आपका लंड कितना मोटा है सर, इसको चुस लू?

वो बोला: साली रंडी, क्या ये मुँह मारने के लिए थोड़े ही खड़ा किया है। 

ये कहते हुए उसने चूचियां पकड़ी, और मैंने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया। वो मुझे माँ-बहन की गालियाँ दे रहा था, पर उसकी गालियाँ भी उस घंटे ऐसी मस्त लग रही थी।

मैं पूरी मस्ती से उसका लंड चुस रही थी। उसके बाद उसने और अधिक को बेंच पर रख दिया, और टैंगो के बीच में आ गया।

फिर वो बोला: माँ की लोड़ी, अब देख तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ।

मैंने भी कहा: हा सर, फाड़ डालो मेरी चूत को। बहुत तंग करती है ये।

ऐसे बोलते-बोलते उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।

हे भगवान! कितना लम्बा था उसका। मेरे को तो लगा जैसी चूत में घुस कर मेरे  मुँह तक ही आ गया हो। और वो तो बस शुरू हो गए थे, और मेरी चूचियों को पकड़ के धक्के मारे जा रहा था। वो बोले जा रहा था-

संजय सर : तेरी माँ की चूत साली, तू पढ़ती नहीं है। ले मरर आज तेरी चूत फाड़ डालूँगा बहन की लोड़ी।

और ये कहते हुए वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। और मेरे गीली चूत ( Gili Chut ) से पानी कब निकल गया पता नहीं ,पर मजा बहुत आ रहा था , लेकिन संजय सर का  ख़तम ही नहीं हो रहा था। फिर कहा-

मैं: बस सर अब मत करो.

पर वो तो मारे जा रहा था मेरी चूत।

संजय सर : बहन की लोड़ी मैं बताऊंगा चुडवाना किसको कहता है।

उस दिन संजय सर एक बार ख़त्म हुआ, और मैं 3 बारताल झड़ गई थी। संजय सर ने अपने लंड से मेरी चूत को प्यास को शांत कर दिया था। ख़तम होने के बाद, मैंने उसके लंड को फिर प्यार से चूसा,

और वो बहनचोद का लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने सर के हाथ जोड़ कर बोला-

मैं: सर, आज नहीं प्लीज़, मेरी चूत पर तरस खाओ। फिर कभी कर लेना.

ये सुन कर संजय सर हंसने लगा और बोला: बहन की लोड़ी, तूने आज तक बस बच्चों से चुदवाई थी। मर्द तो अब मिला है तेरे को.

संजय सर वाकयी ठरकी था। वो साला चूतिया मना भी नहीं, और बस अपना खड़ा लंड दिखा कर बोलने लगा-

संजय सर : जान मेरा ये खड़ा है, तो कैसे जाने दूं। चल तू झुक जा, चूत ना सही तो तेरी मोटी गांड ( Moti Gand ) मार लेता हूँ।

उस दिन संजय सर ने मेरी चूत और गांड की खूब चुदाई की। मेरी तो साले ने मार-मार कर हालत ख़राब कर दी। आज तक कोई और हाथ नहीं जुड़वा पाया था,

लेकिन वो तो संजय सर था लेकिन उसने और हाथ जुड़वा दिये।

लेकिन मजा भी बहुत आया. oyo  तुम क्या कर रहे हो? अपने खड़े लंड को मुँह क्यों मार रहे हो? मैं हूं ना, मेरी चूत मारो, मेरी गांड की चुदाई ( Gand Ki Chudai ) करो।

इधर आ जाओ, मैं तुम्हारा लंड चूसूंगी। तुम्हारा लंड  सिर्फ और सिर्फ मेरी चूत मारने के लिए है। तुम मुँह मारोगे तो मेरी चूत कोन मरेगा? मैं हूँ ना तुम्हारी चुदक्कड़ रांड, चिकनी रसीली चूत और मोटी चूचियाँ वाली।

दोस्तों स्टोरी को लाइक और कॉमेंट करना तो बनता है 

अपनी नई कहानी के साथ फिर मिलूंगी readxxxstories.com पर,

ऐसी और xxx कहानी के साथ। 

तब तक के लिए चुदक्कड़ रांड की तरफ देखें मुआआह्ह्ह्ह। ये तुम्हारे लिए नहीं, तुम्हारे लंड के लिए था। बेचारा खड़ा है और कब से तड़प रहा है।

By Dear…………..

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