मेरे प्यारे दोस्तों का मैं अपनी हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) में अपनी दोनों टांगे खोल कर, अपनी चूत का दरवाजा आप सब के लिए खोल कर मैं साक्षी आप सभी का स्वागत करती हूं। इस रियल सेक्स स्टोरी (Real Sex Story) का शीर्षक चाचा जान और मेरी कामुक चूत की चुदाई (Kamuk Chut Ki Chudai) की कहानी है।
ये कहानी भी एक फॅमिली सेक्स स्टोरी (Family Sex Story) है जिसे नगमा जी ने लिखी है, और आगे नगमा ही अपनी आप बीती लिख रही है।
सलाम, दोस्तो मेरा नाम नगमा है, मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। और मैं एक मुस्लिम लड़की हूं। आप सब ने बहुत बार सुना होगा, हमारे धर्म में एक लड़की की पहली चुदाई खुद उसका बाप या फिर घर का ही कोई न कोई कर ही देता है।
तो दोस्तो मैं आपको अपनी फॅमिली की चुदाई की कहानी बताती हूं, कि ये बात एक दम सच्ची है। आगे की कहानी का मजा लीजिए……
आज मैं आपको अपनी जिंदगी की चुदाई की कहानी (Chudai Ki Kahani) बताने जा रहा हूं। मैंने अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ दो ही लंड अपनी चूत के लिया हूं।
तो चलिए फिर मैं अपनी ये सच्ची चुदाई की कहानी (Real Fuck Story) शुरू करती हूं। दोस्तो जब मैं छोटी थी, तो मेरे पापा जी हमें छोड़ कर इस दुनिया से चले गये थे।
उनके जाने के बाद घर में मेरी मम्मी और मेरे चाचा जान ही सिर्फ रह गए थे। और हम एक साथ रहते थे।
पापा के जाने के बाद चाचा जान ने मेरे पापा की जगह ले ली। वो मेरी मम्मी को अपनी पत्नी की तरह रखने लग गए थे।
अब वो पापा की तरह मेरी मम्मी के साथ एक अलग रूम में सोते थे, और मैं दूसरे रूम में अकेली सोती थी।
पहले तो मुझे कुछ समझ नहीं आया, पर जब मैं धीरे-धीरे जवान होने लग गया। तो मुझे सब कुछ समझ में आने लग गया।
मैं अब 19 साल की हो गई थी, मेरा फिगर 32-28-34 का हो गया था। मेरा मन भी अब सेक्स करने का होता था।
पर मुझे बाहर बॉय फ्रेंड बनाने से साफ साफ मना किया हुआ था। मेरी मम्मी मुझे फालतू में बाहर तक नहीं जाने देती थी।
इसलिए मैं भी उनसे काफी डरती थी, इसलिए मैंने बाहर अभी तक किसी लड़के से बात तक नहीं की थी।
फिर मैंने नोटिस किया कि मेरे चाचा जान मुझे कुछ अजीब नज़रों से देखते थे। मैं जवान हो गई थी, इसलिए मैं समझ सकती थी।
कि वो मुझसे क्या चाहते थे। वो मेरे मोटे बूब्स और मटकती मोटी गांड (Moti Gand) को बड़े ध्यान से और घूर घूर कर देखते थे।
सच कहूँ तो अब मेरा भी मन चुदने का होता था। फिर एक दिन अम्मी की माँ मतलब मेरी नानी का ऑपरेशन होना था।
इसलिए अम्मी उनके पास 20-25 दिनो के चली गई। मैं घर पर ही रहती थी, क्योंकि अब मेरी पढ़ाई खत्म हो गई थी।
अम्मी के जाने के बाद मैं सुबह सुबह घर में साफ सफाई कर रही थी। मैं झाड़ू लगा रही थी, तभी मैंने देखा कि चाचा जान मेरे सामने सोफे पर बैठे मेरे बूब्स देख रहे हैं। क्योकि मेरे बूब्स सूट में से साफ साफ नंगे दिख रहे थे।
वो मेरे बूब्सों को देख कर अपना लंड मसल रहे थे। जब मैंने उनको पजामे को देखा, तो उनके पजामे में उनके लंड ने टेंट बनाया हुआ था।
मैं समझ गई की चाचा जान भी मुझे चोदना चाहते हैं। पर वो शायद मम्मी से डर रहे हैं। इसलिए कुछ कर नहीं पाते थे।
फिर मैंने सोचा कि मैं बाहर तो चुद नहीं सकती, क्यों ना घर पर ही चाचा जान से मैं अपनी चूत की चुदाई करवा लूं।
इसलिए मैंने रात होने का इंतजार किया, रात को करीब 11 बजे मैं उनके कमरे में गई।
कमरे में जा कर देखा कि मेरे चाचा जान बड़े आराम से चादर ले कर सो रहे थे। वो काफ़ी गहरी नींद में सो रहे थे।
मैं उनके पास गयी और उनकी चादर को अपने हाथ से पकड़ कर उठा दी। मैंने देखा कि वो पूरे नंगे ही सोये थे, उनका लंड भी सोया हुआ था।
सोए हुए लंड को देख कर मेरे अंदर मस्ती सी छाने लग गई। मै नीचे झुक कर उनके लंड को चूसने लग गयी।
मैंने उनका पूरा लंड अपने मुँह में भर कर चुसाई कर रही थी। उनका छोटा सा लंड चूसने में मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था।
कुछ ही देर में उनका लंड खड़ा हो गया, मैं पहली बार लंड को देख रही थी। छोटा सा लंड मेरे एक बार चूसने से ही 7 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा हो गया था।
ये देख कर मैं काफी हैरान थी, पर जो भी था उनका लंड अब बहुत मस्त और तगड़ा लग रहा था।
फिर मैं जोर जोर से चुसने लग गई, इतने चाचा जान जाग गए। और मेरा सर पकड़ कर मेरा मुँह अपने लंड से चोदना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में उनके लंड का लावा मेरे मुँह में निकल गया। जिसे मैं सारा पी गई, लंड का पानी मलाई जैसा था।
पर उसका स्वाद मक्खन जैसा नमकीन सा था। पर बहुत ही मलाईदार था, मुझे उनका माल पी कर मजा आ गया।
मैं लंड अपने मुँह से निकला, लंड की मलाई लंड के ऊपर की तरफ लगी हुई थी। मैंने अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिया।
लंड का पानी निकलने के बाद लंड फिर से छोटा होने लग गया। मैंने देखा कि अब चाचा जान अपनी आंखें बंद करके लेटे हैं। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी आंखें खोली और मुझे देख कर वो चिल्ला कर बोले।
चाचा जान- अरे नगमा तू, मुझे निंद में लगा कि तेरी अम्मी मेरे लंड की चुसाई कर रही है।
मैं- तो क्या हुआ चाचा जान मैं भी उनकी ही बेटी हूं, मुझे लंड चुसवाने में क्या दिक्कत है?
चाचा जान – पर बेटा ये गलत है, अगर तेरी मम्मी को पता चल गया तो।
मैं- अरे मैं पता लगने दूंगी तब न उन्हें पता चलेगा।
ये कहते ही मैंने उनका लंड फिर से चूसना शुरू कर दिया। मैंने एक मिनट से भी कम समय में अपने चाचा जान का लंड फिर से चूस कर खड़ा कर दिया।
चाचा जान को पूरा जोश चढ़ गया और उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर लंड मेरे मुँह से निकल और मेरे होठों को चूम कर बोले।
चाचा जान- अच्छा तो बहन चोद तू मुझसे अपनी सील तुड़वाना चाहती है?
मैं – सील नहीं चाचा जान मुझे चोद चोद कर मजा दो, मैं आपसे यही चाहती हूँ।
चाचा जान – अच्छा तो ऐसी बात है, देख आज मैं तेरी चूत कैसे फटता हूँ और तुझे मजा देता हूँ।
ये कहते ही उन्होंने मुझे पकड़ा और बिस्तर पर पटक दिया। फिर उन्होंने मेरा कुर्ता और सलवार फाड़ दी।
फिर मेरी ब्रा को खींच कर बीच में से फाड़ दिया। उन्होंने मेरी पैंटी तक को नहीं बख्शा, चाचा जान ने मेरे जिस्म के ऊपर एक भी कपड़े को नहीं छोड़ा।
फिर वो भूखे जानवर की तरह मेरे दोनो बूब्स पर टूट पड़े। और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्सों को मजे से मसल रहे थे।
बूब्स मसलने के बाद मेरे बूब्सों को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया। मेरे दोनों बूब्सों को इतना चूसा कि मेरे गोरे बूब्स अब लाल हो चुके हैं।
उसके बाद उन्होंने मेरी दोनो टांगे खोली और मेरी चूत पर अपना मुँह लगा कर मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने और चोदने लग गये।
उनकी इस हरकत ने मुझे पागल कर दिया। मैं अपनी गांड को जोर जोर से उठा कर अपनी चूत उनसे चटवा रही थी।
जब मेरी चूत का पानी निकल गया, तो उन्होंने मेरी चूत का सारा पानी पी कर अच्छे से मेरी चूत को चाट कर साफ कर दिया, मेरी चूत चाट कर वो बोले।
चाचा जान – किसी बहन चोद ने सही कहा है, कुंवारी चूत का पानी अमृत जैसा होता है। अब तैयार हो जा मेरा लंड तेरी चूत फाड़ने वाला है।
ये कहते ही उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उनके लंड को जोर जोर से चूस कर गीला कर चिकना करने लग गई।
जब उनका लंड चिकना हो गया, तो उन्होंने मेरी गांड के नीचे एक तकिया रखा और मेरी चूत पर अपना मोटा लंड टिका दिया।
एक जोरदार धक्के से उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड उतार दिया। लंड अन्दर जाते ही मेरी चूत पूरी फट गई।
मेरी चूत में खून और मुंह से कराहने की आवाज निकल रही थी। पर मेरी चीखे और चिल्लाने की आवाज से उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था। वो जोर जोर से मेरी चूत की चुदाई करने में लगे हुए थे।
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने मेरी चूत में ही अपने लंड का पानी निकाल दिया और मेरे ऊपर ऐसी ही लेट गए।
मेरी चूत से खून और उनके लंड का पानी दोनो मिक्स हो कर निकल रहा था।
थोड़ी देर बाद मैं और चाचा जान बाथरूम में गए, और उन्होंने मेरी चूत को वहां पर भी चोदा। उस रात उन्होंने मुझे इतना चोदा कि मैं पूरी रात जन्नत के नजारे ले रही थी।
सुबह चाचा जान ने उठते ही मेरे मुँह को अपने लंड से चोदा और मुझे अपने लंड के पानी से ब्रश करवाया।
फिर वो अपने ऑफिस चले गए, मैं रात से ही नंगी थी। शाम तक मैं घर में अकेली नंगी रही थी। जब शाम को चाचा जान आए और उन्होंने मुझे नंगी देखा तो वो बोले।
चाचा जान- नगमा तूने अभी तक कपड़े क्यों नहीं डाले?
मैं- क्या करूं चाचा जान मुझे अपनी चूत में लंड लेने की इतनी आग लग रही है। कि मैं कपड़े डाल ही नहीं रही हूं, मेरा मन तो ये सोच रहा है। कि कब आप आये और मेरी चूत की चुदाई करके उसकी आग को शांत करे।
चाचा जान – पर आज मैं तेरी चूत नहीं तेरी गांड मारने के चक्कर में हूँ।
मैं- अरे आप जो मर्जी मारो, मैं अब पूरी की पूरी आपकी ही हूं, मेरी चूत मेरी गांड मारो या मेरा मुँह चोदो। मैं सबके लिए तैयार हूं।
मेरे मुँह से ये सब सुन कर चाचा जान ख़ुशी से झूम उठे। फिर वो खड़े हुए और मुझे अपनी गोद में उठा कर किचन में ले गए।
वहा उन्होंने पहले अपने सारे कपड़े निकाले, और फिर मुझे नीचे बिठा कर अपना लंड मुझे अच्छे से चूसवाया।
फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और मुझे झुका कर मेरी गांड को चाटा। फिर उस पर देसी घी लगा कर उसकी अच्छे से मालिश करी।
फिर मैंने भी देसी घी से चाचा जान के लंड पर अच्छे से मालिश की। मेरी गांड और उनका लंड पूरा चिकना हो गया था।
फिर वो मुझे बेडरूम में ले गए, जहां मैं घोड़ी बन गई। चाचा जान ने पीछे से मेरी गांड में लंड डालना शुरू कर दिया। मेरी गांड बहुत टाइट थी, इसलिए मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।
पर मेरे सर पर काम वासना इस कदर चढ़ी हुई थी, कि मुझे सब कुछ अच्छा लग रहा था। फिर उसके बाद मैंने बहुत दर्द सह कर अपने चाचा जान का पूरा 7 इंच लंबा लंड अपनी गांड में फिट करवा लिया।
जब मैंने पूरा लंड गांड ले लिया, तो चाचा जान ने अपनी मशीन शुरू कर दी। वो मेरे दोनो चूतड़ों को पकड़ कर जोर जोर से धक्के मार कर मेरी गांड की चुदाई में लगे रहे।
गांड मरवाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था, क्योंकि हर धक्के में लंड मेरी गांड को फटता हुआ अंदर जा रहा था।
उस रात चाचा जान ने मेरी गांड 2 बार और चूत को 1 बार चोदा। अब मेरे दोनों छेद चुदाई से खुल चुके थे।
इसलिए मैं 25 दिनों तक खूब जम कर अपनी कामुक चूत की चुदाई (Chut Ki Chudai) करवा रही थी। फिर मम्मी घर आ गई, अब मैंने चाचा जान को कह दिया।
कि वो रोज रात को ठीक 2 बजे बाथरूम में आ जाया करो। और वो रात को मम्मी को चोद कर जल्दी सुला देते थे।
फिर ठीक 2 बजे जब मम्मी गहरी निंद में होती। तभी वो बाथरूम में आते थे और हम दोनो घंटो तक जोरदार चुदाई का मजा लेते थे।
ये सब करीब 2 साल तक चला, मैं और चाचा जान चुदाई का एक छोटा सा भी मोका नहीं छोड़ते थे।
फिर मेरी शादी पक्की हो गई, दोस्तो आप यकीन नहीं मानोगे। मैंने शादी से पहले एक रात भी ऐसी नहीं छोड़ी जिस रात मैंने चाचा जान से बाथरूम में चुदाई ना कराई हो।
जिस दिन मेरी मेहंदी थी, मैंने चाचा जान का छोटा सा नाम अपने दाहिने बूब्स के निपल्स पर लिखा।
उस रात को मैं बाथरूम में पागल हो गई। और रातभर बाथरूम में बहुत जोरदार चुदाई हुई मेरी।
फिर मैं शादी के बाद सुसराल चली गई, मेरी पहली रात पर मैं अपने पति का इंतजार कर रही थी। मुझे लगा कि वो आएंगे और मेरा घूंघट ऊपर करके मेरा मुंह देखेंगे।
पर मेरा पति तो साला एक नंबर का ठरकी और चूत का प्यासा निकला। उसने मेरा घुंघट उठाने से पहले मेरा लहंगा ऊपर किया और सीधा दो उंगली मेरी चूत में डाल दी।
फिर उसने अपने सारे कपड़े निकले और अपने लंड से मेरा घूँघट ऊपर किया और जब मैंने आँखें ऊपर कीं। तो मैं उसके लंड को देख कर खुश हो गयी। क्योंकि उनका लंड चाचा जान के लंड से भी बहुत मोटा और तगड़ा था।
उसने लंड मेरे मुँह डाल दिया, मैं एक रंडी की तरह उसका लंड चूसने लग गई। फिर मैंने जोर जोर से लंड चूसना शुरू कर दिया। फिर उसने अपने लंड सारा पानी मेरे चेहरे पर निकल दिया।
थोड़ी देर बाद जब उसका लंड फिर से खड़ा हुआ तो उसने मेरी चूत और गांड को फाड़ कर रख दिया। मैं चिल्लाती मर गई, पर वो घोड़े जैसा इंसान मुझे कुतिया समझ कर चोद रहा था।
पर मैं इस बात से खुश थी, कि मुझे चुदाई के लिए भूखा नहीं मारना पड़ेगा। जब मैं घर वापस गयी तो मैं फिर से चाचा जान से चुदाई करने लग गयी। अब मेरा एक बच्चा है, पर साथ ही मेरे पास दो लंड है।
अब अगर मैं अपने सुसराल जाति हूं, तो वहा मुझे मेरा पति चोदता है। और अगर कभी अपने घर वापस आती हूं, तो मेरा चाचा जान मुझे चोदते है।
मैं आज भी दोनो साइड से चुदाई का जम कर मजे ले रही हूँ।
दोस्तो आपको मेरी चूत की चुदाई की कहानी (Chut Ki Chudai Ki Kahani) में मजा आया हो तो, प्लीज मुझे कमेंट करके जरूर बताना। धन्यवाद।