November 23, 2024
Desi Bhabhi Ki Chudai 3

readxxxstories.com पर हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी पाठको का दिल से स्वागत है। मैं साक्षी एक बार फिर से आपके लिए हिंदी देसी सेक्स स्टोरी (Hindi Desi Sex Story) लेकर आई हूँ। इस कहानी का शीर्षक सेक्सी देसी भाभी की चुदाई 3 (Desi Bhabhi Ki Chudai 3) की कहानी है।

आगे की हिंदी चुदाई की कहानी (Hindi Chudai Ki Kahani) आपको इस कहानी के पात्र रिषभ जी बताएंगे…….. कहानी का मजा लीजिए।

हेलो दोस्तो, मैं रिषभ दिल्ली से हूँ, आप सबका एक बार फिर से मेरी देसी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ। मेरी ये कहानी “गाँव की सेक्सी देसी भाभी की चुदाई की कहानी” का तीसरा भाग है।

इस भाभी सेक्स स्टोरी (Bhabhi Sex Story) मैं आप पढेंगे, कि कैसे मैंने अपनी भाभी को पटाया और उनके साथ संबंध बना कर भाभी की चूत की चुदाई की।

तो चलिए कहानी को आगे बढ़ाते है……

जैसा कि अभी तक आप लोगों ने पढ़ा है, मैंने भाभी को चाय बनाते समय अच्छे से रगड़ा और पीछे से उनकी गांड पे लंड सता के खूब मजे के लिए।

इस भाभी की चूत ने तो पानी छोड़ दिया, पर मेरा लंड अब भी वैसे ही खड़ा था। जब भाभी फिर से चाय लेकर आईं, तो मैंने भाभी को चोदने का प्लान बना लिया था।

उर्वसी भाभी ने मुझे चाय दी और फिर जब चाय थोड़ी कम गरम हो गई, तो मैंने चाय अपनी जांघों पे लंड के पास नीचे गिरा दी। फिर मैं एक्टिंग करने लगा, जैसे मैं बहुत जल गया हूं।

मैं : आअहह.. भाभी बहुत जल रहा है यार, भाभी मैं अपना लोअर उतार देता हूँ। आप प्लीज अपने हाथों से सहला कर ठीक कर दो ना।

उर्वसी भाभी : क्या देवर जी, किधर ध्यान था आपका? देखिये जल गये ना आप।

ठीक है, आप अपनी लोअर उतारिए, मैं ठंडा पानी ले आती हूं। ताकि आपकी थोड़ी सी मालिस कर सकू।

मुझे भाभी की चूत (Bhabhi Ki Chut) लेने का प्लान कामयाब होता दिखने लगा।

जैसी ही भाभी पानी लेने गई, मैंने अपनी लोअर उतार दी। अब मैं नीचे से सिर्फ अंडरवियर में था। भाभी ठंडा पानी लेकर आई और मैंने बोला-

मैं: भाभी आप सोफे के नीचे बैठ कर, आराम से ठंडा पानी मेरी जांघो में लगा दो। ताकी मेरी जलन ख़तम हो जाये।

भाभी ने वैसा ही किया और वो ज़मीन पर बैठ गयी। फिर उन्हें मेरे लंड के नीचे जाँघ पे बोतल से पानी गिरा दिया।

और अपने नाज़ुक हाथों से मेरी जाँघ सहलाने लगी। अब भाभी के नीचे बैठने से मुझे भाभी की क्लीवेज भी अच्छे से दिख रही थी।

भाभी के यू सहलाने से मेरा लंड अब खड़ा होने लगा था। फ़िर भाभी बोली-

भाभी : कुछ आराम मिला देवर जी?

मैं : हा भाभी, पर अभी भी थोड़ी सी जलन हो रहा है। ऐसे ही सहलाती रहो आप।

अब भाभी ने भी मेरे खड़े होते लंड को देख लिया और भाभी के नरम हाथों के कमाल से अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था। भाभी अब बड़े ध्यान से मेरी अंडरवियर में बने तंबू को देख रही थी।

मैने भाभी से बोला: भाभी थोड़ा ऊपर भी जलन हो रही है।

भाभी बोली: ज्यादा जलन हो रहा हो तो निकाल लो उसको भी। उसकी भी मालिश कर दूँ?

ये सुन कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और मैंने झट से अंडरवियर उतार कर फेंक दी। फ़िर मैं बोला-

मैं : बहुत जलन हो रही है भाभी।

फ़िर मैं भाभी के हाथ में अपना लंड पकड़ाते हुए बोला-

मैं: देखो ना भाभी कितना गरम है?

भाभी की भी धीरे से आह निकल गई और वो बोली-

भाभी: हा गरम तो बहुत है, पर अब से इसकी सारी गरमी मैं ठंडी कर दूंगी, मेरे प्यारे देवर जी।

और ये बोलते हुए भाभी मेरे लंड को ऊपर-नीचे हिलाने लगी। मुझे अपनी उर्वसी भाभी के नरम हाथों का एहसास अपने लंड पर बहुत अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर के बाद ही भाभी ने बोला-

भाभी: ये ऐसे नहीं ठंडा होगा, इसको मुँह में लेकर गीला करना पड़ेगा।

इतना बोल कर भाभी ने मेरे काले भुजंग लंड को अपने प्यारे से मुँह में ले लिया और मेरा लंड चुसने लगी।

मैं अब सातवे आसमान पे था, जिस तरह से मेरी भाभी मेरे हथियार को चूस रही थी, मुझे बहुत मजा आ रहा था।

अब भाभी के मुँह से सुर्रप्प… सुर्र्रप.. ऊउउउघ्घ… की आवाज़ आ रही थी। भाभी को लंड को पूरा मुँह में लेकर काफी दर्द हो रहा था।

कभी वो पूरा लंड अपने हलक तक अंदर लेकर वैसे ही 8-10 सेकंड रहता था, तो कभी पूरा लंड बाहर निकल कर केवल जीभ को लंड के टोपे के चारो तरफ गोल-गोल घुमाती।

भाभी के इतने मजे से लंड चुसने की वजह से, थोड़ी देर में ही मैं झड़ने को हो गया। फिर मैंने भाभी को बोला-

मैं: भाभी मेरा होने वाला है।

पर फिर भी भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसती रही और मैंने अपना पानी भाभी के मुँह में ही निकाल दिया। वो बड़े मजे से मेरा पूरा का पूरा पानी गटक गई। और मेरे लंड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

फिर मैं सोफे पर ही पीछे हो कर थोड़ा लेट गया और भाभी से बोला-

मैं: आज तो मजा आ गया यार भाभी।

भाभी बोली: अभी तो सारी रात खूब मजे दूंगी आपको, मेरे प्यारे देवर जी।

ये बोल कर भाभी ऊपर आ कर मेरी गोदी में बैठ गई और अपने रसीले होठों को मेरे होठों से लगा दिया।

मैंने भी भाभी का पूरा साथ दिया और भाभी का रसपान करने लगा। अब हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुंह का रस पी रही थी।

साथ के साथ अब मैं अपनी प्यारी भाभी के जिस्म पर अपने हाथ फिराने लगा था।

भाभी की मस्त गदराई हुई मोटी गांड (Moti Gand) से लेकर उनकी पतली कमर तक मेरे हाथों ने अच्छे से उन्हें मसला।

फिर मैंने किस छोड़ कर भाभी को उठाया और एक झटके में भाभी का ब्लाउज फाड़ दिया।

इससे भाभी की ब्रा-लेस हो गयी और उनकी काली जामुन जैसी चुचिया कबूतरो की तरह आजाद हो गई।

फिर मैंने भाभी की साड़ी को हटा दिया, जो पहले से ही आधी उतर चुकी थी।

फिर मैंने भाभी का पेटीकोट और पैंटी भी उतार दी और अपनी प्यारी भाभी को पागल कर दिया। उसके बाद मैंने अपने भी कपड़े उतार दिये और नंगा हो गया।

फिर मैंने एक नज़र सोफे पर लेटी अपनी प्यारी उर्वसी भाभी की तरफ डाली। वो सच में एक हूर की परी लग रही थी।

उनके चूचे, चूत, पेट सब कुछ कातिलाना था। फिर मैंने ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए भाभी की टांग फेलाई और अपने लंड पर थूक लगा कर भाभी की चूत पर सेट कर दिया।

15-20 मिनट से मस्ती करने की वजह से भाभी की बुर पानी छोड़ रही थी और पूरी गीली हो रखी थी।

फिर मैंने भाभी की आँखों में देखते हुए एक ज़ोर के धक्के के साथ अपना लंड भाभी की चूत में डाल दिया।

अब मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया था, जिससे भाभी का दर्द और मजा दोनों मिलने लगा और भाभी की आआह्ह्ह.. निकल गई।

फिर एक दो धक्के में मैंने अपना पूरा लंड भाभी की तड़पती हुई गीली चूत के अंदर कर दिया।

उसके बाद मैंने भाभी के दूध भरे चूचे पकड़ कर, उनको चोदना शुरू कर दिया।

भाभी की चुचिया बहुत मुलायम थी और उनको दबाने से थोड़ा-थोड़ा दूध भी निकल रहा था। और इधर भाभी भी मस्त गरम सिस्कारिया भर रही थी।

भाभी: आअहह मेरे राजा, उम्म.. ऐसे ही चोदो, आअहह.. और तेज़ चोदो अपनी भाभी को आअहह…..

मैं भी भाभी की चुदाई का पूरा मजा लेकर उनकी बुर की चुदाई (Bur Ki Chudai) कर रहा था। मेरे हर एक धक्के के साथ भाभी की चुचिया मस्त उछाल मार रही थी।

मेरा लंड अब भाभी की चूत में किसी गाड़ी के पिस्टन की तरह चल रहा था। उस पर से भाभी की गरम सिस्कारियों से मेरा जोश और भी बढ़ रहा था।

अब मैं भाभी को फुल स्पीड में किस करते हुए मैं अपनी उर्वसी भाभी को पेले जा रहा था।

इस बीच भाभी एक बार झड़ भी चुकी थी, जिसकी गवाही उनका अकड़ा हुआ जिस्म और आंखें दे चुकी थी।

अब हर धक्के के साथ कमरे में फच फच की आवाज गूंज रही थी। फिर यहीं कोई 15 मिनट में मेरा भी माल निकलने वाला था।

मेरे लंड की फूलती हुई नसों से भाभी को भी इसका अंदाज़ा हो गया था। तब उन्होंने खुद ही कहा-

भाभी: माल अन्दर ही छोड़ देना देवर जी।

और मैंने भी 5-10 जोरदार धक्के के साथ अपनी प्यारी सी भाभी की चूत अपने माल से भर दी।

फिर हम दोनो देवर भाभी की चुदाई का खेल कुछ देर वैसे ही एक दूसरे की बाहों में नंगे सोते हुए गुजरा।

उसके ठसो देर के बाद एक बार फिर से मेरा लंड खड़ा होने लगा भाभी समझ गयी की एक और राउंड की तैयारी शुरू होने वाली है।

उसके बाद भाभी ने फिर से मेरे लंड की चुसाई (Land Ki Chusai) होने मुँह में लेकर शुरू कर दी और मेरे लोडे को पूरा खड़ा कर दिया।

मैंने भाभी को जमीन पे लिटाया और एक फिर से उनकी जोर शोर से बुर की चुदाई करनी शुरू कर दी।

इस बार की चुदाई पहली बार की चुदाई से काफी देर तक चली और भाभी दो बार झड़ चुकी थी, और मैंने एक बार फिर भाभी की चूत में अपने लंड का पूरा पानी छोड़ दिया।

तो ये भाभी की चुदाई की कहानी (Bhabhi Ki Chudai Ki Kahani) मेरी भाभी के साथ पहले सेक्स की है। उम्मीद करता हूं, कि आप सबको पसंद आएगी। धन्यवाद।

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