November 21, 2024
Chacha Ke Land Ki Chusai

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम साक्षी है, मैं आपके सामने अपने एक पाठक की हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Hindi Gay Sex Story) ले कर आयी हूँ। इस कहानी आप पढोगे की कैसे एक कामुक लड़के ने चाचा के लंड की चुसाई (Chacha Ke Land Ki Chusai) की और अपनी हवस को मिटाया।

आगे की रियल हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Real Hindi Gay Sex Story) मिंटू बता रहे है……

मेरा नाम मिंटू है, मैं दिल्ली के ऐरोसिटी में रहता हूँ। मेरी उमर 21 साल है, मेरा रंग गोरा है। और मेरा शरिर पतला सा है, मेरे शरिर पर एक भी बाल नहीं है। मैं लंड का बहुत बड़ा दीवाना हूं, और मुझे किसी भी बुज़ुर्ग या जवान के लंड से खेलना बहुत पसंद है।

मैं काफी बुजुर्ग लोगो जैसे चाचा, मां दादा जी की उमर के साथ रात गुजर चूका हूँ। मुझे बहुत मजा आता है।

मैं रात भर उनके लंड को सहलाता हूं, और अपने मुंह में ले कर उसे घंटो-घंटो चूसता हूं। फिर मैं लंड को गांड में ले कर अपनी गांड को उससे चुदवाता भी हूं।

ये बात कुछ महीने पहले की है, जब मैं कॉलेज से घर पर आया था। अब यहां आए मुझे 2 हफ्ते हो गए थे, पर अभी तक मुझे कोई लंड नहीं मिला था।

इसलिए मैं थोड़ा बेचैन रहने लग गया। आस पास किसी को कुछ बोल नहीं सकता था, और दरवाजे से किसी को अपने पास बुला भी नहीं सकता था।

क्योंकि मम्मी पापा हमेशा घर पर ही रहते थे। लंड ना मिल पाने कर वजह से मेरी मोटी गांड (Moti Gand) काफी तड़प रही थी।

इसलिए मैं जब भी कोई मर्द देखता था तो, मेरी नज़र सीधी उस की पैंट की तरफ जाती थी।

मेरा मन करता था, कि मैं सीधे उसके लंड को लपक लूं। पर मैं ऐसा नहीं कर सकता था।

एक दिन ऐसे ही मैं देर से सो कर उठा, तो मैंने देखा कि मम्मी पापा तैयार थे। जब मैंने पूछा कि आप कहां जा रहे हो?

तो वो बोले कि हम एक पास की शादी में जा रहे हैं, और हम शाम तक वापस आ जायेंगे।

इसका मतलब था, कि मैं करीब 6-7 घंटे अकेला रहने वाला था। ये सोच कर मैं खुश हो गया, और मैंने सोचा कि अब मैं किसी को बुला कर उसके साथ मस्ती करके अपनी हवस मिटा लूंगा।

मम्मी पापा जब शादी के लिए घर से निकल जायेंगे। तो मैंने एक दादा जी की उम्र के अंकल को फोन लगाया और मैं बोला कि हमारे पास 6-7 घंटे हैं।

आप जल्दी से मेरे घर आ जाओ मजे करेंगे। उस बुजुर्ग से मैं फेसबुक पर मिला था, वो थोड़ी ही दूर पर रहते थे।

इतने खास नहीं, पर इस इलाके में मेरा बस वो ही एक सहारा था। पर किस्मत कुछ और चाहती थी।

उन्होंने बोला कि वो काम में काफी बिजी है, और वो अभी नहीं आ पाएंगे। मैंने उन पर काफी जोर दिया पर वो माने नहीं।

वो मुझसे बोले – अभी मैं आ जाऊंगा तो मेरी नौकरी चली जाएगी। मैंने निराश हो कर फोन रख दिया, ऐसा लग रहा था कि किसी ने खड़े लंड पर जोर से लात मार दी हो।

मैंने सोचा अब कुछ होने को नहीं है, तो मैं ठंडे पानी से नहा कर अपने अंदर हवस की आग को शांत कर लूंगा।

फिर खाना खा कर मैं टीवी देखने लग गया। टीवी पर मैच आ रहा था, तो मैंने वो लगा लिया। पुरे 1 घंटे बाद किसी ने बाहर घर की घंटी बजाई।

मैंने सोचा कि कोई आस पड़ोसी होगा, और इसलिए मैं दरवाजा नहीं खोलूंगा। फिर दो तीन बार और घंटी बजी तो मैं गया और दरवाजा खोला तो, मैंने देखा सामने एक अंकल खड़े थे।

अब मैं अंकल का परिचय करवाता हूं। वो अंकल मेरे पापा के साथ काम करते हैं। उनका नाम है राहुल, उनकी उम्र 45 साल होगी।

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अंकल हमारे ही गांव के हैं, तो पापा उन्हें भाई बोलते हैं।

पापा के इस रिश्ते की वजह से हम उनको चाचा जी बोलते हैं। उनका रंग गोरा, घनी मुछे और हल्की दाढ़ी थी।

देखने में काफी स्मार्ट है, और वो मेरे रिश्तेदार है, इसलिए मैंने उनके बारे में कभी गलत नहीं सोचा था।

पर आज मेरे अंदर उठे लंड की प्यास ने मुझे उनको नई नजरों से देखने के लिए मजबूर कर दिया।

चाचा जी ने दरवाजे कर बाहर ही खड़े होकर पूछा – क्या हाल है, पापा कहां हैं?

सब ठीक है आइए अंदर बैठे बोल कर मैंने उनको अंदर सोफे पर बैठाया। वो अंदर बैठा गया तब मैंने बताया कि पापा मम्मी किसी की शादी में गए है। अभी 4-5 घंटे में आएंगे।

उन्हें बोला अच्छा और तुम अकेले हो। मैंने हां बोला तो वो बोले ठीक है, मैं ऐसे ही आया था।

पापा को बता देना शाम को मुलाक़ात होगी अब। इतना कह कर वो उठ कर जाने लगे और उनको जाते हुए देख मैं परेशान हो गया। और उनको रोकने के लिए जल्दी से बोल पड़ा।

मैं- कोई काम था क्या चाचा जी आपका?

चाचा जी – अरे नहीं मैं ऐसे ही घूमने निकला था।

मैं – तो बैठ जाइए चाचा जी, अभी तो आप आये हैं थोड़ा पानी पी कर जाइये ना प्लीज।

मैंने अनुरोध किया है कि तो वो बैठ गए और बोले – ठीक है पर चाय कॉफी मत बनना मेरे लिए।

मैं उनके लिए एक गिलास पानी और एक कटोहरी में नमकीन ले आया। वो अपना फ़ोन चला रहे थे।

मुझे थोड़ी घबराहट हो रही थी, पर सोचा अगर अभी कोई रास्ता नहीं निकाला, तो लंड का स्वाद चखने को नहीं मिल पाएगा।

अगर मम्मी पापा वापस आ गए तो फिर पता नहीं कब ऐसे अकेले रहने का मौका मिलेगा। मैं काफी हिम्मत जुटा कर बोला।

मैं- चाचा जी मैंने आपसे कुछ बात करनी थी।

उन्होंने फोन से नजर हटाई और मेरी तरफ देख कर बोले – हां बेटा बोलो क्या बात करनी है?

मैंने फिर बोलना शुरू किया – चाचा जी आप सारे रिश्तेदारों में मुझे आप सब से ज्यादा अच्छे लगते हो।

ये सुन कर वो थोड़ा सा मुस्कुरा दिये, और फिर मैंने बोला – आप मुझे सबसे स्मार्ट लगते हो, आप मेरे पापा से भी ज्यादा स्मार्ट हो।

मेरी ये बात सुन कर वो हंस दिए और पानी उठा कर पीने लगे। फिर मैंने बोला एक बात आप से बोलना चाहूंगा पर ये बात किसी को आप बताएंगे तो नहीं?

उन्होंने ग्लास नीचे रखा और मुस्कुरा कर बोले – हां बेटा तुम बोलो किसी को भी नहीं बताऊंगा।

फिर मैंने उनकी तरफ उनकी पैंट की तरफ देखा, और फिर मैंने धीरे आवाज में बोला।

मैं – आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, मैं बहुत टाइम से आप से बात करना चाहता था।

पर पापा के सामने मेरी कभी हिम्मत नहीं होती थी। चाचा जी मैं आपको बहुत पसंद करता हूं, और मैं आपको खुश करने के लिए कुछ करना चाहता हूं।

इतना कहते ही मेरे आंख भर आई और मुझे बहुत डरने। पता नहीं कैसे मैंने इतनी हिम्मत जुटा ली, और अब मैं नज़र नहीं मिला पा रहा था।

मेरी बात सुन कर चाचा जी हस दिए और बोले – करो क्या करना चाहते हो, मुझे खुश करने के लिए।

मैं कुछ नहीं बोला और सर नीचे किये हुए बैठा हुआ था। सच कहूँ तो मेरी गांड फट रही थी। पर इतने में फिर से चाचा जी बोले।

चाचा जी – अरे डरो मत क्या करना चाहते हो, तुम बताओ तो मुझे।

मैं – आप बातो की आप गुस्सा तो नहीं होंगे।

चाचा जी – नहीं।

फिर मैंने हिम्मत दिखाई और धीरे-धीरे उनके पास गया और उनके पैरो के पास घुटनो के बाल मैं बैठ गया।

वो मुझे ही देख रहे थे, फिर मैंने अपना हाथ उनको पैंट की ओर बढ़ाया और उसे खोलने लगा पर वो टाइट थी खुल नहीं रही थी।

चाचा जी – अच्छा ये चल रहा था तुम्हारे मन में।

मैं डर गया और तुरंट अपना हाथ हटा लिया और उनकी तरफ देख कर बोला।

मैं- आपने बोला था कि आप गुस्सा नहीं करोगे।

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अब मेरी आंखें भर गई थी उन्हें मेरी तरफ देखा, और उठे अपने पैंट का हुक खोला और फिर से बैठ गए, और वो बोले।

चाचा जी – करो कैसे खुश करना चाहते हो मुझे?

चाचा जी मुस्कुराते हुए बोले, मैंने उनका थोड़ा पैंट खोल, फिर उनकी मैंने काले रंग की चढ़ी को अलग किया।

फिर मैंने उनका लंड बाहर निकाला, उनका लंड सॉवला 6.5 इंच का था, और आस पास काले रंग की झाँटों से घिरा हुआ था।

मैंने उनका लंड हाथ में लिया, और सहलाना शुरू कर दिया। मुलायम लंड हाथों को लगते ही जैसे मैं सब भूल गया।

यहां तक मैंने ये भी नहीं सोचा कि वो लंड मेरे चाचा जी का है। मैंने थोड़ा सा और सहलाया फिर लपक कर उनका लंड मुँह में ले लिया, और फिर मैं लंड को जोर जोर से चूसने लग गया।

चाचा जी आआहह करने लगे, कहा मैंने उनकी तरफ देखा वो भी मेरी तरफ देख रहे थे।

मैंने अपनी नज़र हटाई और तेज़-तेज़ उनका लंड चूसने लग गया। अब उन्होंने अपना सर पीछे कर लिया, और हाथ दोनों सोफ़ा की बाजू पर रख लिए।

उनके लंड की महक बहुत प्यारी लग रही थी, और बार-बार उनकी झांटे मेरे नाक से टच होती, तो मुझे और अंदर से कुछ होता।

उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे मेरी सदियों की इच्छा पूरी हो रही हो। उनके मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी, बस लंबी लंबी सांस लेने की आवाज आ रही थी।

मैं उनके लंड से अपनी प्यास बुझा रहा था। कभी सहलाता और कभी अपने चेहरे पर रगड़ता।

फिर मुँह में ले कर जोर जोर से चूसता, उनका लंड फुल टाइट हो कर अब सीधा खड़ा था। और पूरा मेरे मुँह में नहीं आ रहा था।

फिर भी मैं जितना हो सके उतना मुंह में ले कर जोर जोर से चूस रहा था। दोनों हाथ उनके कमर पर डाल दिया।

अपना मुँह उनके लंड पर सीधे खोला कर ज्यादा से ज़्यादा लंड मुँह में लेने की कोशिश कर रहा था।

मुझे मजा आ रहा था, कि चाचा जी बोले कि अब वो झड़ने वाले हैं। मैंने बोला ठीक है और मैं लंड की चुसाई करता रहा और एक मिनट तक फुल स्पीड से मैं लंड चूसता रहा।

तभी चाचा जी ने अपने हाथ से मेरा सिर हटाने की कोशिश की, मैं इतना जोश था कि मैंने उनका हाथ हटा दिया। और फिर अगले ही पल उनका गरमा गरम माल मेरे मुँह में आ गया। मुझे उनके लंड की चुसाई (Land Ki Chusai) करके मजा आ गया था।

मैंने उसे चाट चाट कर साफ कर दिया, और फिर उनका लंड एक मिनट तक और चुसा जब तक वो ढीला नहीं हो गया। फिर मैं हट गया, और देखा चाचा जी लंबी लंबी सांसे ले थे।

वो मेरी तरफ ही देख रहे थे। फिर मैं उठा और अपना मुँह साफ़ करते हुए बोला एक मिनट में आता हूँ।

मैं गया और अपना चेहरा और मुँह धो कर वापस आया तो देखा, कि चाचा जी ने पैंट पहन ली है।

वो वापस सोफ़े पर बैठे थे। चाचा जी पानी पी रहे थे, मुझे देख कर वो मुस्कुरा दिये और बोले।

चाचा जी – लंड बहुत पसंद है ना तुम्हे ?

मैंने कुछ नहीं बोला, तो वो उठे और मेरे पास आये और अपना फोन खोल ले मुझे दिया और बोले।

चाचा जी – तुम मुझे अपना व्हाट्सएप नंबर दे दो और डरो मत ये सब मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा। और ना ही तुम भी किसी को कुछ बोलना।

मैंने हां में सर हिलाया फिर उनको अपना नंबर दे दिया और वो बोले – ठीक है अब मैं चलता हूं, बाद में बात होगी तुमसे।

मैंने हां बोला और अंदर ही अंदर खुश हो रहा था कि मुझे एक और बंदा मिल गया लंड चुसाई करने के लिए।

फिर मैंने भी अपना लंड हिला लिया उनको सोच कर और अपने लंड की प्यास को बुझा कर काफी अच्छा लग रहा था।

आपको मेरी ये हिंदी गे सेक्स कहानी कैसी लगी ये आप मुझे कमेंट करके ज़रूर बताना।

आपका अपना गंड़वा मिंटू।

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