October 12, 2024
चाची की चूत की खुजली मिटाई

सोनू यानि मैं आप सब का अपनी मेरी इस पहली चाची की चुदाई कहानी में आप सब का स्वागत करता हूँ। मैं अपना 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड खड़ा करके आप सबका स्वागत करता हूं। कहानी शुरू करने से पहले मैं बता दूं कि ये कहानी एक दम सच्ची है। और मैंने चाची की चूत की खुजली मिटाई

चाची की चुदाई मेरी पहली हिंदी सेक्स कहानी जो मेरे पहले सेक्स की है, अगर आप सब को मेरी ये पहली कहानी पसंद आएगी। तो कसम से कह रहा हूं, अपनी लाइफ की अब तक की पूरी चुदाई की कहानी आपको जरूर बताऊंगा।

आज की तारीख में मैं एक चूत का भूखा बन चुका हूँ। मुझे हर हफ्ते एक बार चूत को चोदने की आदत बन चुकी है।

ये आदत मुझे मेरी पड़ोस वाली मनोरमा चाची ने लगाई है। आज मेरी ये कहानी भी यहीं है, क्योंकि मैंने अपनी चाची को चोदा

मेरी उम्र उस समय 21 साल थी, मैं देखने में मस्त लड़का था। मैं एक हंसमुख इंसान हूं। क्योंकि जो भी मुझसे मिलता है, वो मेरा ही बन कर रह जाता है। मेरे घर के बगल में ही मेरी एक चाची रहती है।

उसका नाम मनोरमा है, उसकी उम्र 38 साल है। पर देखने में अभी भी 25 साल से ज्यादा नहीं लगती थी।

चाचा ने उनके बूब्स चूस चूस कर और मसल कर बहुत बड़े कर दिए हैं। साथ ही उनकी बड़ी सी गांड भी बाहर निकल दी है। पर मेरे चाचा अभी तक बाप नहीं बन पाये।

पर मेरी चाची एक बहुत ही मस्त औरत है। जिसको चोदने के सपने आस पास के सब लंड देखते हैं। मेरा चाची के घर आना जाना लगा रहता था, मैं जब मर्जी उनके घर आ जा सकता था। क्योंकि वो मुझे अपना ही लड़का मानती थी। 

चाची की चूत की खुजली मिटाई | चाची की चुदाई

चाचा तो मुझे अपने बेटे की तरह मानते थे, और चाची मुझे माँ वाला प्यार देती थी। एक दिन की बात है, मैं कॉलेज के लिए लेट हो गया था।

मेरी शर्ट अभी तक सूखी नहीं थी। मेरे घर में वॉशिंग मशीन नहीं थी, इसलिए मैंने सोचा कि मैं जल्दी से चाची के घर जा कर सुखा लाता हूं।

मैं जल्दी जल्दी भाग कर चाची के घर पर गया। उनकी वॉशिंग मशीन बाथरूम में पड़ी होती है।

मैंने जल्दी से बाथरूम का दरवाजा खोला तो मैंने देखा की। अंदर चाची पूरी नंगी फर्श पर बैठ कर अपनी चूत में उंगली मार रही थी।

जेसे ही उन्हें मैंने देखा उन्होंनेअपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपा लिया, और अपनी दोनों टांगे बंद करके अपनी चूत छुपा ली।

चाची की चुदाई

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उस समय मैं 5 सेकंड ही रुका। और चाची के पूरे नंगे जिस्म को देख कर मैं कुछ नहीं बोला। और मैंने अपनी आंखे निचे कर ली। 

मेरी गांड फट गई थी, इसलिए मैंने बिना कुछ बोले वहां से निकल लिया। उस दिन के बाद मैं कुछ दिन चाची के घर नहीं गया।

ना जाने क्यों चाची के सामने जेन में भी मेरी गांड फट रही थी। आख़िर एक दिन ख़ुद मेरे घर आई और मेरे पास आ कर वो बोली। (चाची की चूत की खुजली मिटाई)

चाची – सोनू बेटा क्या हुआ? अब तुम घर आते ही नहीं?

मैं- कुछ नहीं हुआ चाची बस ऐसे ही।

चाची – मुझे बच्चा मत समझो, मुझे सब पता है। देखो ऐसा होता रहता है, तुम डरो मत मैंने किसी को उस दिन के बारे में नहीं बताया।

मैं- पर चाची।

चाची – अरे पर वर कुछ नहीं, भूल जाओ उस बात को। मैंने तुमसे कहा ना, ऐसा होता रहता है। डरो मत ठीक है।

फिर मैं हिम्मत करके बोला – वे चाची आपको बहुत खुजाली होती हैं शायद।

चाची – हां क्या करूं, तेरे चाचा मिटा नहीं पाते ना इसलिए।

उस दिन के बाद मेरे और चाची के बीच में सेक्स की बातें होने लग गईं। चाची और मैं अब खुल कर चूत लंड की बात कर रही हूँ।

चाची ने मुझे बातो ही बातो में बताया कि वो कभी माँ बन नहीं पाती। क्योंकि चाचा के लंड में वो दम नहीं है, जिसे वो कभी बाप बन पाये।

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पर ये बात कभी चाचा जी को नहीं बताती, क्योंकि मैं नहीं चाहती कि चाचा को ये पता चले। क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करती है.

इसलिए वो अभी तक लोगो से बांझ बांझ का ताना सुनती आ रही है। उनकी ये सारी बातें सुन कर मैं हिम्मत करके बोला।

मैं – चाची क्या मैं एक बार फिर से आपकी नंगी चूत के दर्शन कर सकता हूँ?

चाची – नहीं सोनू हम दोनों की ये बातें सिर्फ बातें ही रहने दो तुम प्लीज़।

मैं – पर चाची मैं सिर्फ आपके भले के लिए कह रही हूं। क्योंकि इससे आपकी खुजाली शांत हो जाएगी, और साथ ही आप माँ बन भी बन जाएँगी। जिसे आप अब लोगो के और ताने नहीं सुनेंगे। (चाची की चूत की खुजली मिटाई)

मेरी ये बात सुनते ही चाची एक दम शांत हो गई, और फिर वहां से बिना कुछ कहे चली गई। चाची फ़िर से कुछ दिन मुझसे नहीं बोली, पर एक अचानक से उसने मुझे अपना घर बुलाया और मुझसे बोली।

चाची – तुमने जो कहा वो ठीक है, आज रात तैयार हो कर आना ठीक है।

मैं- रात को अभी क्यों नहीं चाची?

चाची – क्योंकि आज रात तेरे चाचा घर से बाहर जा रहे हैं।

मैं – पर मैं रात को कैसे आऊंगा, आपके घर मेरे घर वाले कहा आने देंगे।

चाची – तुम उसकी फ़िकर ना करो, मैं हूँ ना।

ये कह कर चाची ने मुझे मेरे गाल पर किस किया और मुझे वहां से भेज दिया। मुझे रात का इंतज़ार नहीं हो रहा था, मैंने शाम को अपने लंड को शेव कर लिया।

रात ठीक 8 बजे मैंने देर तक सेक्स करने वाली गोली खा ली। फिर रात को डिनर करने के बाद मेरे पापा मेरे पास आये और बोले।

पापा- सुन बेटा आज रात तू, अपनी चाची के पास सोजा।

मैं अंजान बनते हुए बोला – क्यों चाचा कह गए?

पापा- अरे उसे किसी काम से बाहर जाना पड़ गया है। अभी उसका फोन आया है, तू जा तेरी चाची अकेली है घर पर। उसे डर लगता है, चल आज रात वही सो जाइयो। (चाची की चूत की खुजली मिटाई)

मैं- ठीक है पापा.

मैं बाहर से तो उदास हो रहा था। पर अंदर ही अंदर मैं ख़ुशी के मारे नाच रहा था। फिर मैं चाची के घर में चला गया। जेसे ही मैं अंदर आया, तभी मैंने दरवाजे को अंदर से बंद लिया।

चाची बेडरूम में मेरे इंतज़ार में बैठी थी। चाची ने मुझे देखा और उठ कर मुझसे लिपट गई, फिर उन्होंने मुझे दूध दिया और अपने हाथों से पिलाया।

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फिर मैंने चाची के होठों को अपने होठों में कस कर पकड़ा और जोर जोर से मैं उनके होठों को चूसने लग गया।

किस करते-करते मैं उनके बूब्स को भी मसल रहा था। फ़िर चाची ने मुझे कस लिया और वो मेरे चूतड़ों को मसलने लग गयी।

कुछ ही देर हम दोनों एक दूसरे के कपड़े निकालने लग गए। हम दोनों पूरे नंगे हो गए, चाची मेरे लंड को देख रही थी। और मैं चाची के बूब्स और खूबसूरत चूत को देख रहा था। (चाची की चुदाई)

चाची – हाय सोनू तेरा लंड तो सच में एक मर्द का लंड लग रहा है। आज की रात तो लगती है, हसीन होने वाली है।

मैं – हसीन नहीं बहुत ज्यादा हसीन होने वाली है।

ये कहते ही मैंने चाची को उठा कर बिस्तार पर पटक दिया। उसके बाद मैं उनको ऊपर चढ़ा कर उनके बूब्स को पागलों की तरह चूसने लग गया।

चाची मुझसे बड़ी मस्ती में अपने दोनों बूब्स चूसवा रही थी। उसके बाद उन्हें मुझसे अपनी चूत चाटने के लिए कहा।

मैं नीचे गया और उनकी दोनों टांगे खोल कर मैं उनकी चूत को चाटने लग गया। मुझे उनकी चूत का स्वाद पसंद नहीं आ रहा था.

क्योकि मैं पहली बार किसी की चूत चाट रहा था और उसका स्वाद ले रहा था। उसके बाद मैं उठा कर किचन से मक्खन ले कर आया।

मैं चाची की गर्म चूत पर मक्खन रखा, चूत की गर्मी के कारण मक्खन पिंघालने लग गया। फिर मैं बड़े आराम से उनकी चूत को चूसने लग गया.

कुछ ही देर बाद चाची पूरी गरम हो गई। उसने मेरा सर अपनी चूत में दबा दिया और फिर मेरे मुँह के ऊपर अपनी चूत का सारा पानी निकाल दिया।

मैंने उनकी चूत का सारा पानी पिया और चाट-चाट कर चूत को साफ कर दिया। अब चाची की बारी थी, चाची ने मुझे खड़ा किया।

वो घुंटो के बाल बैठ कर मेरे लंड को चूसने लग गयी। वो मेरे लंड को एक लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। जब मेरा लंड चिकना हो गया.

तो चाची निचे लेट गई और अपनी दोनो टांगे खोल कर। मुझे चुदाई के लिए आमंत्रित करने लग गई।

मैं भी पुरे जोश में था, मैंने अपना लंड एक दम से उनकी चूत के मुँह पर रखा। और एक धक्के में अपना आधा लंड उनकी चूत में डाल दिया। (चाची की चूत की खुजली मिटाई)

लंड अंदर जाते ही चाची की जान निकल गई, वो चिल्लाने लग गई। पर मैंने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया, और मैं उन्हें चोदने में लगा रहा।

उसके बाद करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद उन्हें मजा आने लगा। और फिर उनकी प्यासी चूत का पानी मेरे लंड पर निकल गया।

जब मेरा निकलने वाला था, तब मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल लिया। मैंने अपना लंड के मुँह में डाल दिया.

वो मेरे लंड का सारा पानी पी गयी। फिर मैंने उस रात उनकी 3 बार और चुदाई की, और इस बार मेरा सारा पानी उनकी चूत के अंदर ही गया।

मैंने एक महीने में उन्हें 20-25 बार और चोदा और फिर मैं बाप बन गया। आज मैं दो साल के बच्चे का बाप हूं।

दोस्तो आपको मेरी ये चाची की चुदाई सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताना।

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