November 24, 2024
प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया

हेलो दोस्तो, मैं हूं रोमिका। प्यार से सब मुझे काजू बुलाते हैं। मैं दिल्ली की रहने वाली हूं. मेरी उमर 23 साल है, और मैं एक एमएनसी में नौकरी करती हूं। इस कहानी में मेरी प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया और मुझे असली चुदाई का मजा दिया।

मेरी हाइट 5’6″ है और फिगर 34″28″36″ है.मैं इतनी मस्त दिखती हूं, कोई भी मर्द मुझे बिना देखे पास से नहीं गुजरता। मेरा रंग ज़्यादा गोरा नहीं है, इसके बावज़ूद भी मैं मर्दों के दिल की धड़कन तेज़ कर देती हूँ।

4 महीने पहले मेरी शादी हुई है, और उसके बाद मैंने वो किया, जो कभी सोचा भी नहीं था। 

तो चलिए अपनी सेक्स कहानी शुरू करते हैं…………..

मेरे परिवार में मम्मी, पापा और एक बड़ी बहन हैं। मेरी बड़ी बहन मुझसे 1 साल बड़ी है, और उसकी शादी 2 साल पहले हो चुकी है। मेरे जीजा जी का परिवार गाँव में है, और वो और दीदी दिल्ली में ही रहते हैं। जीजा जी का नाम दिलीप है और दीदी का संजू है।

मेरा उन दोनो के साथ बहुत प्यार है, और शादी से पहले मैं कभी भी उनके घर चली जाती थी। वो दोनों बड़े खुश थे, और एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते थे।

बस ऐसा समझ लीजिए कि उनकी जोड़ी रब ने बनाई थी। जीजा जी मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे, और मैं भी उनको भाई मानती थी।

फिर मेरी शादी तिलक के साथ हो गई। तिलक मेरी ही कंपनी में ही नौकरी करता था, और मैं उसको पहले से जानती थी। लेकिन ये लव मैरिज नहीं थी, तिलक ने अपनी फैमिली से बोल कर मेरी फैमिली को अप्रोच किया था।

कामुक प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया

लड़का अच्छा था, तो घरवाले भी मान गये। फिर हमारी शादी हो गई, और हम हनीमून पर आ गए। हनीमून पर जाके मुझे पता चला, कि मेरी तो किस्मत ही फूट गई थी।

तिलक का लंड सिर्फ 4 इंच का था, और ऊपर से वो ज्यादा देर तक टिक भी नहीं पता था।

10 दिन के हनीमून पर तिलक ने तो खूब मजा किया। लेकिन मुझे तनिक भी आनंद नहीं मिला। फिर हम वापस आ गये, वापस आते ही दीदी ने हम दोनो को डिनर पर बुलाया।

प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया

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फिर मैं और तिलक दीदी के घर पहुँच गए।जब हम डिनर की टेबल पर बैठे थे, तो जीजू दीदी के साथ शरारत कर रहे थे। उनकी शरारतें देख कर मुझे उनके लिए खुशी, और अपने लिए दुख हो रहा था।

डिनर के बाद हम घर आ गए। रात को तिलक और मेरे बीच सेक्स हुआ, लेकिन हर बार की तरह सिर्फ वो ही शांत हुआ, और मेरी चूत की गर्मी शांत नहीं हो सकी। (प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया)

जब तिलक सो गया, तो मैं बाथरूम में चली गई। वहा जाके मैंने फिंगरिंग करने का फैसला किया। मैं पॉट पर बैठ गई, और मैंने अपनी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी। तभी पता नहीं क्यों मेरे मन में जीजू का ख्याल आया।

उनका ख्याल आते ही मैं और भी उत्तेजित हो गई, और चूत सहलाती रही। कुछ देर के बाद मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ा। ये पानी मेरे जीजू के नाम का था।

फिर मैंने सोचा, कि क्यों न मैं अपने जीजू से अपनी चूत की गर्मी को शांत करवा लू और मजे कर लूँ। और उस दिन मेरी चूत की आग मेरे दिल और दिमाग पर हावी हो गई।

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अगले दिन से मैं जब भी जीजू से मिलती थी, तो उनको कामुक नजरों से देखती थी। मैं उनको कभी अपने बूब्स दिखाती, तो कभी झुक कर अपनी मस्त गांड के दर्शन करवाती।कुछ ही मुलाक़ातों में जीजू को भी इस बात का एहसास हो गया था।

फिर वो दिन आ गया, मैं ये जानती थी, कि हर बुधवार को जीजू किराना का सामान लेने मॉल में जाते थे। वो अकेले ही जाते थे, तो मैं भी वहां पहुंच गई।

मैंने फॉर्मल ट्राउजर और शर्ट पहन ली थी, और जीजू के सामने जाने से पहले मैंने अपनी शर्ट के 2 बटन खोल दिए, ताकि उनको मेरी चुचो के क्लीवेज के दर्शन हो जाएं। फिर मैं उनके सामने आ गई।

मैं: हाय जीजू।

जीजू: काजू, तुम यहाँ कैसे हो?

मैं: वैसे ही कुछ शॉपिंग करनी थी।

फिर मैंने जीजू की ट्रॉली में ही सामान डालना शुरू कर दिया। मैं बार-बार उनके हाथ पर हाथ रख देती हूं, और जब वो मेरी तरफ देखती है, तो मैं स्माइल पास कर देती हूं। अंत में जीजू बोले-

जीजू: काजू ये क्या हो रहा है?

मैं: क्या जीजू?

जीजू: भोली मत बनो, तुम्हें सब पता है।

मैं: आपको अच्छा क्यों नहीं लगा?

जीजू: मैं तुम्हारा जीजा हूं, तुम्हारी बहन का पति।

मैं: हां पता है। लेकिन मेरे बॉयफ्रेंड तो बन ही सकते हो?

जीजू: काजू तुम्हारी अभी-अभी शादी हुई है।

मैं: लेकिन ऐसे पति का क्या फायदा, जो आपको खुश न कर सके।

जीजू: मतलब तुम दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है?

मैं: उसके लिए तो सब ठीक है, लेकिन मेरे लिए कुछ भी नहीं।

फिर मैंने जीजू को अपनी बाहों में पकड़ लिया और बोली-

मैं: जीजू प्लीज़ मेरी मदद करो, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।

जीजू: काजू कोई देख लेगा।

मैं: मुझे किसी की परवाह नहीं है।

जीजू: चलो तुम कल शाम को मुझसे मिलना। तुम्हारी दीदी दोस्त के घर जाने वाली है, तो हम आराम से बात करेंगे।

मैं: ठीक है। (प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया)

फिर अगली शाम मैं तैयार होके जीजू के घर चली गई। मैंने ब्लैक जीन्स और ब्लू टॉप पहनी थी। तिलक को मैं किसी काम का बहाना करके आयी थी।

जीजू ने दरवाजा खोला, और मुझे सोफे पर बैठने को कहा। फिर जीजू अन्दर चले गये, तभी लाइट चली गई, और अंधेरा हो गया।

मुझे कुछ नज़र नहीं आ रहा था, तो मैंने जीजू को आवाज़ दी। तभी मुझे अपने कमर पर किसी के हाथ महसूस हुए। वो हाथ जीजू के थे।

जीजू ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, और मेरी पीठ पर किस करने लगे। मैं तो पहले ही सेक्स के लिए तड़प रही थी, तो मैंने उनको रोका नहीं। फ़िर जीजू मेरे बूब्स को दबाने लगे। वाह, क्या मज़बूत पकड़ थी उनकी।

जीजू ने मुझे अपनी तरफ घुमाया, और किस करने लग गए। मैं भी उनका पूरा साथ देने लगी। वो मुझे किस कर रहे थे, और मेरी गांड ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे।

तभी लाइट आ गई। जीजा बस तौलिये में थे, और उनका खड़ा हुआ लंड तौलिये में तम्बू बना रहा था। मैं तो उनको ऐसे देख कर खुश हो गयी।

प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया

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मेरी चूत उनके लंड को आवाज देने लगी, मैंने झट से उनका तौलिया उतार दिया, और उनका 7 इंच का लंड मेरे सामने आ गया। मैं उनका मोटा लंड देख कर खुश हो गयी।

मैं उसका वक्त अपने घुटनों पर बैठ गई, और मैंने जीजू का लंड पकड़ लिया। फिर मैंने उनको देख कर स्माइल की, और लंड मुँह में डाल कर चुसने लगी। क्या मजा आ रहा था उनका लंड चूस कर।

जीजू ने मेरे सर को बालों से पकड़ा, और मुँह में ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगे। वो बार-बार मुझे चोद रहे थे, लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। (प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया)

फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया, और मुझे घुमा लिया। उन्हें पीछे से मेरी टॉप उतार दी, और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया।

फिर उन्हें मेरे खूबसूरत बूब्स पर हाथ डाले, और उनको ज़ोर से दबाने लगे। हाय! क्या सुकून मिल रहा था मुझे, फिर उन्हें मैंने अपनी तरफ घुमाया, और वो मेरे बूब्स को जोर से चूसने लगे।

वो इतने ज़ोर से बूब्स चूस रहे थे, कि मेरे निपल्स लाल हो गए थे। फिर उन्होंने मुझे ज़ोर से धक्का दिया, और मैं बिस्तर पर गिर गई।

वो मेरे ऊपर आये, और मेरी जीन्स उतार दी। फ़िर उन्हें मेरी पैंटी उतारी, मेरी चूत को चाटने लगे। मुझे आज असली मजा मिल रहा था, जो एक मर्द ही दे सकता था।

फिर वो मेरी टांगो के बीच आये, और अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं अब उनका लंड लेने को तैयार थी।

फिर उन्हें एक ज़ोर का धक्का मारा, और उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया। मेरी ज़ोर की गाल निकल गयी, और जीजू ने मेरा मुँह अपने मुँह से बंद कर लिया।

उन्होंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के दे-दे कर मेरी चूत पूरी फाड़ दी, और उनका पूरा लंड अब मेरी चूत में घुस गया था। दर्द से मेरी आँखें बहार आ गयी थी।

2-3 मिनट में मेरी चूत एडजस्ट हो गई, और मुझे मजा आने लगा। फिर मैं जीजू की गांड पर हाथ रख कर उनको अपनी तरफ खींचने लगी। जीजू की स्पीड बढ़ गई, और मजा भी बढ़ गया।

आज मेरी चूत को बहुत सुकून मिल रहा था। जीजू मेरी गर्दन और बूब्स पर किस कर रहे थे, और दांतों से काट रहे थे। आज एक असली मर्द मुझे चोद रहा था। (प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया)

10 मिनट में मैं झड़ गई, लेकिन जीजू अभी नहीं झड़े थे। फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया, और मेरी गांड देख कर खुश हो गए। अनहोने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और बोले-जीजू: क्या कमाल की गांड है तेरी, कब से मेरी नज़र इसपे थी।

मैं बोली: क्या मतलब जीजू?

जीजू: अरे इतनी मस्त गांड का मजा हर कोई लेना चाहेगा।

तब मुझे पता चला, कि जीजू पहले से ही मुझे चोदना चाहते थे। फिर जीजू ने अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया। मैं चीख रही थी, और दर्द से मेरी जान निकल रही थी।

मेरी गांड से खून भी निकल आया था, लेकिन जीजू मुझ पर बिना रहम किये मुझे चोदते रहे। जीजू ने मुझे इतना चोदा, कि मेरी बरसो की प्यास बुझा दी।

अंत में जीजू ने अपना पानी मेरी गांड में ही निकाल दिया। फ़िर वो बोले-

जीजू: आज से तू मेरी रंडी है काजू।

मैं: हा जीजू, आज से मैं आपकी रंडी हूँ। आप जब चाहो मुझे चोद सकते हो।

और इस तरह से मैं अपने जीजू की रंडी बन गयी। और उनके लंड से अपनी चूत की आग को बुझाने लगी, जिससे मुझे चुदाई का पूरा मजा मिलता। (प्यासी चूत को जीजू ने शांत किया)

दोस्तों कैसी लगी मेरी हिंदी सेक्स कहानी आप लोगो को मुझे कमेंट में बताये। धन्यवाद।

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