November 21, 2024
कुंवारी गांड मोटे लंड से फड़वाई

हेलो दोस्तों मेरा नाम सिराज है. मेरी उम्र 21 साल है। मेरी हाइट 5′ 8″ है। मैं ज्यादा टाइम ना लेते हुए सीधी कहानी पर आता हूं। जिसमे मैंने अपनी कुंवारी गांड मोटे लंड से फड़वाई। मेरी कामुक गांड लंड की प्यासी शांत हुई।

मुझे पॉर्न देखने का बहुत शौक था। एक बार मेरी नज़र एक गे सेक्स वीडियो पर गयी। उसे देख कर मेरा मन भी बदलने लगा।

मेरा मन भी करने लगा कि मैं भी किसी का लंड अपने मुँह में लू और कोई मेरी भी गांड मारे। पर मेरी जानकारी में कोई भी ऐसा नहीं था जो मुझे अपनी बाहों में ले और मुझे अपनी रंडी बना कर चोदे।

तभी मुझे एक वेबसाइट का पता चला जहां मुझे मेरी चुदाई करने वाला कोई ना कोई तो मिल जाएगा।

मैं बहुत खुश हुआ और उस वेबसाइट पर अपना लंड खोजने लगा। ये काम उतना आसान नहीं था जितना मैंने सोचा था।

मेरी कई लोगों से बात हुई पर जब उनसे मिलने की बात आती तो मेरी फटने लगती थी। उनकी बात से ऐसा लगता था कि अगर मैं उन्हें मिला तो वो मुझे खा जायेंगे।

मुझे पहली बार गांड मरवाने में डर लग रहा था पर मुझे गांड मरवाने की तालाब भी लगी थी जो एक लंड से ही शांत हो सकती थी।

आख़िर मुझे एक लड़का मिला जो मुझे कुछ ठीक लगा। उसका नाम समीर और उम्र 23 साल थी, वो उम्र में मुझसे 2 साल बड़ा था।समीर- हाय सिराज तुम्हारी उम्र क्या है?

मैं- 21, और तुम्हारी उम्र क्या है?

समीर – 23, तुम्हें गांड मरवाना पसंद है या गांड मरना।

मैं- मुझे तो गांड मरवाना पसंद है और तुम्हें?

समीर- बढ़िया। मुझे गांड मरना पसंद है।

मैं- ओह्ह हो! तुम्हें लगता कि गांड मारने के लिए लंड तगड़ा है।

समीर- एक बार अपनी गांड में मेरा लंड ले लो तुम्हें पता चल जाएगा कि लंड का साइज क्या है।

मैं- अच्छा, वैसे अब तक कितनी गांड मार चुके हो। (कुंवारी गांड मोटे लंड से फड़वाई)

समीर- सच कहूं तो अब तक कोई गांड नहीं मारी।

मैं- गांड एक भी नहीं मारी पर बाते इतनी बड़ी। सिर्फ बड़ी-बड़ी बाते ही करना जानते हो।

समीर- सिर्फ बात नहीं कर रहा, मैंने कई लड़कों के मुंह में लंड डाला है पर उनसे कोई भी गांड में लेने को राजी ही नहीं हुआ। वो मुँह की चुदाई से ही डर के भाग गये।

मैं- रहने दो और कितना फेकोगे।

समीर- मैं फेक नहीं रहा, मैं तुम्हें दिखता हूं।

इतना कह कर समीर ने मुझे अपने लंड की फोटो भेजी। फोटो में उसका लंड सच में मस्त लग रहा था।

मैं- क्या सच है ये तुम्हारे लंड की यही फोटो है।

समीर – हा, ये मेरा ही लंड है और मैं फेक नहीं रहा था, सच में अब तक कोई भी मुझसे गांड मरवाने को राजी नहीं हुआ है। वैसे तुमने अब तक कितनी बार गांड मरवाई है।

मैं- सच कहूं तो मैंने भी अब तक गांड नहीं मरवाई है।

समीर- इसका मतलब तुम्हारी गांड अभी तक कुंवारी है। बहुत खूब।

मैं- हा, मैने कोशिस की पर मुझे डर लगता है और अब तक कोई पसंद नहीं आया।

समीर- कोई बात नहीं, क्यों ना तुम मेरा लंड ट्राई करो। तुम्हें भी पता चल जाएगा कि मैं फेक रहा था या नहीं।

मैं- गांड तो मैं भी मरवाना चाहता हूँ पर…

समीर- पर क्या, डरो मत। मेरा भी ये पहली बार होगा। मैं तुम्हारी कुंवारी गांड का पूरा ख्याल रखूंगा। और अगर तुम्हें मैं पसंद नहीं आया तो तुम मन कर देना। पर एक बार कोशिश करो तो देखो।

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मुझे समीर की बात पसंद आई। आख़िर मेरा भी मन था और कभी न कभी कोशिश करना ही था। और समीर मुझे सही लग रहा था।

मैं- ठीक है, मैं तैयर हू।

समीर- ये हुई ना कोई बात।

इसके बाद हम दोनों ने मिलने के लिए एक पास का सिनेमा घर चुना और तय समय पर हम जगह पाहुंच गए। मैं पहली बार किसी अंजान से मिलने गया था इसलिए थोड़ा डरा हुआ था।

मैं अभी भी सोच रहा था कि आगे क्या होगा तभी एक लड़का मेरे पास वाली सीट पर आया। उसका कद 5’8″, रंग गोरा था।

मेरा कद 5’10” और रंग सवाला था।

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वो कद में मुझसे हल्का छोटा था पर उसका शरीर एकदम भरा हुआ था। जबकी मेरा शरीर थोड़ा ढीला था।

वो मेरे पास आया और बोला – क्या तुम सिराज हो। (कामुक गांड लंड की प्यासी)

मैं- हा, और तुम समीर?

वो – हा मैं हाय समीर हू।

मैं- कैसी हो तुम।

समीर- अभी तक थोरा टेंशन में था पर तुम्हें देख कर अब खुश हूं।

मैं- क्यू?

समीर- मैंने सोचा था कि तुम कैसे होगे पर तुम तो बहुत खूबसूरत हो।

मैं (थोरा हेयरन और सरमते हुए) – धन्यवाद। तुम भी बढ़िया लग रहे हो।

समीर- मैं तो बढ़िया ही हूं, तुम जो मेरे पास हो।

इतना कह कर समीर ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे होठों पर किस करने लगा।

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मैंने तुरेंट खुद को उससे अलग किया और कहा – ये क्या कर रहे हो। हम अभी सिनेमा हॉल में हैं और कोई हमें देख लेगा।

समीर- मेरी जान जरा ठीक से देखो यहां किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन क्या कर रहा है।

मैंने देखा तो समीऱ सही कह रहा था। यहा जो भी था वो खुद तो चोदने आया था हां चोदने.

समीर- ज्यादा सोचो मत जान, मुझसे अब नहीं जा रहा है।

इसके बाद समीऱ ने मेरा हाथ अपने लंड पे रखा और मेरे होठों पे किस करने लगा। अब मैं उसका पूरा साथ दे रहा था।

कुछ देर बाद उसने मेरा शर्ट उतार दिया और मेरे निपल्स को चुनने लगा। मेरे निपल्स चूसते हुए वो मेरी गांड को भी दबा रहा था।

फिर कुछ देर बाद उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे अपने गोद में बैठा कर मेरे हाथ छूने लगा।

उसके गोद में बैठने की वजह से उसका लंड मेरी गांड में रगड़ रहा था। उसका लंड पूरा तरह गरम हो चुका था।

समीऱ ऐसा ही अपना लंड मेरी गांड में रगड़ कर मेरे होंठ और निपल्स को कुछ देर थका रहा है।

उसके हाथों ने मुझे कस कर पकड़ा था और मैं खुद को पूरी तरह से समीर के हवाले कर चूका था।

फ़िर समीऱ ने मुझे गोद से नीचे उतारा और घुटनो के बाल बैठने को कहा। मैंने वैसा ही किया

समीर ने अब अपना लंड बाहर निकाला, मैंने पहली बार असली में कोई लंड देखा था। मैं तो हैरान ही रह गया।

उसका लंड 7 इंच का था, जो मेरे लिए तो काफी बड़ा था। मैं तो लंड देख कर ही खो गया था।

पर समीर ने मुझसे कहा कि – क्या हुआ जान कहां खो गए। खाली देखते ही रहोगे या मेरे लंड को सेवा का मौका भी दोगे।

मैं- वो मैं..

समीर- बाते छोड़ो जानेमन, जल्दी से मेरे लंड को अपने मुँह में लो। (कुंवारी गांड मोटे लंड से फड़वाई)

मैंने चुप चाप समीर की बात मान ली और उसके लंड को अपने मुँह में लेने लगा। मुझे एक अजीब सा एहसास हो रहा था पर मजा भी आ रहा था।

धीरे-धीरे समीर का पूरा लंड मेरे मुँह में था। उसका लंड मेरे गले तक पहुँच रहा था।

वो कुर्सी पर बैठा था और मैं अपने लंड को अपने मुँह के अंदर बाहर कर रहा था।

फिर अचानक से समीर खड़ा हो गया और मैं घुटनो के बाल बैठा था। समीऱ ने मेरे सर को पकड़ा और अपना लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर करने लगा।

उसने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और तेजी से मेरे मुँह को चोदने लगा। मेरी तो सांसे ही अटक गई थी और मेरी आंखों में पानी आ गया था।

समीऱ – आआआअहह मेरी जान आज मैं तुझे नहीं छोड़ूँगा। आआह्ह्ह्ह क्या मस्त लंड चूसता है, आज तो तेरी जम कर चुदाई होगी, आआआहह।

मैं तो कुछ बोल ही नहीं पा रहा था। पर पता नहीं क्यों इस दर्द में भी मुझे मजा आ रहा था।

फिर कुछ देर थक गया मेरा मुँह चोदने के बाद समीऱ ने अपना पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया।

समीऱ- आआआआअहहहह सिराज जानेमन ये ले मेरा पानी. इसकी एक भी बूंद बेकार मत करना। ये अमृत है जान, इसे पूरा पी जा।

ये मेरी पहली बार था क्योंकि मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था पर मैंने बिना कुछ सोचे सिर्फ समीर की बात मानी और उसका पूरा पानी पी गया।

समीर- ये हुई ना कोई बात सारा।

मैं- सारा? ये कौन है।

समीर- तुम्हारा नया नाम जानेमन, अब से तुम सिराज नहीं बल्कि समीऱ की सारा हो।

मैं- बराबर..

इससे पहले कि मैं कुछ बोलता समीऱ ने मुझे उठाया और अपनी बाहों में कस कर मेरे होठों को छूने लगा।

वो मेरे होठों को चूमते हुए एक हाथ से मुझे पकाड़े हुए थे और दूसरे हाथ से मेरी गांड के छेद में उंगली करने लगा।

मुझे अब समझ में आ चुका था कि समीर अब मेरी एक भी नहीं सुनने वाला था। वो अब मेरी गांड को तैयार कर रहा था।

मैंने भी अब सोचना बंद कर दिया और खुद को सारा मान कर समीर के हवाले कर दिया। ये बस कुछ ही देर की बात थी जब समीर अपनी सारा की गांड फाड़ने वाला था।

फिर समीर ने मुझे सिनेमा हॉल की कुर्सी पर झुका के किसी कुतिया की तरह खड़ा किया और कुद मेरे पीछे आ कर मेरी गांड में उंगली करने लगा। (कामुक गांड लंड की प्यासी)

उसने अपनी थूक से मेरी गांड के छेद को गिला किया और धीरे-धीरे 3 उंगलिया मेरी गांड में अंदर बाहर करने लगा।

मैं- आआअहह अहह समीर आराम से करो, आआहह।

समीर- थोड़ा सह लो सारा जानू, आगे अब सिर्फ आराम और मजा ही है, वैसे तेरी कुंवारी गांड बहुत मस्त है। मुझसे अब इंतज़ार नहीं हो रहा।

इतना कह कर समीर ने अपने लंड से अनपा लंड और मेरी गांड को गिला किया फिर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख कर रगड़ने लगा।

मुझे अभी बहुत मजा आ रहा था। फिर समीर ने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख कर एक झटका दिया।

उसका आधा लंड मेरी गांड में चला गया। मेरी तो चीख निकल गयी, पर समीऱ को पता था कि मेरी चीख़ निकल जायेगी।

इसलिए उसने पहले ही मेरे मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया था। फिर वो अपना आधा ही लंड धीरे-धीरे मेरी गांड में अंदर बाहर करने लगा।

मेरा भी दर्द कुछ कम हुआ और मुझे कुछ राहत मिली। पर ये राहत कुछ ही देर की थी क्योंकि फिर समीर ने मेरे मुँह से हाथ हटाया और दोनों हाथों से मेरी गांड को पकड़ लिया।

इस बार उसने मेरी गांड को कस के पकड़ा और एक जोर के झटके के साथ अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।

मैं इस बार जोर से चिल्लाया – आआआआअह्हह्हह सम्मीयरररर।

मेरी चीख से आस-पास के लोग भी हमें देखने लगे। पर मैं अभी होस में ही नहीं था और समीर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। (कुंवारी गांड मोटे लंड से फड़वाई)

अब समीर पूरे जोश में था और उसने मेरी गांड का बजाना शुरू कर दिया था। आख़िरकार मेरी गांड की अब जम के चुदाई हो रही थी।

मैं- आआआह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह सम्मीयरररर आआआह्ह्ह्ह।

समीऱ – आआहहह सारा क्या मस्त कुतिया है तू, आआह्ह्ह्ह आज मैं तेरी गांड फटने तक तुझे चोदुगा। आआह्ह्ह्ह।

सुरू में मुझे दर्द हो रहा था पर अब मुझे मजा आने लगा। मैं अब जैसे जन्नत में था।

मैं- आआअहह आह्ह्हह्ह ऐसे ही जाम कर चोद मुझे, आआअहह मेरी गांड तेरे ही लंड की प्यासी है, और तेजी से चोद मेरी जान।

समीऱ अब और जोश में आ गया था – आअहह साली रंडी कुतिया। अब तक गांड चोदने के नाम से डर रही थी अब तुझे और चोदना है। तो और ले मेरी जान।

इतना कह कर समीऱ ने अपनी रफ़्तार और बदाई। अब हम दोनो ही तेज़ आनहे भर रहे थे। हमारे आस-पास वाले अपना छोड़ कर हमरी चुदाई देखने लगे।

शुद्ध सिनेमा हॉल में हमारी आवाज गूंज रही थी। हम दोनों अब अपने चरम पर थे। फ़िर समीऱ ने मुझे और कस के पकड़ा और अपनी रफ़्तार और बधाई। (कामुक गांड लंड की प्यासी)

इस बार 4-5 बड़े झटके के साथ समीर ने अपना पूरा पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी गांड में समीर के लंड के पानी की सुनामी आ गई हो।

समीऱ- आआआ आह्ह्ह्ह अहह आह्ह । मजा आगे साली तेरी गांड मरकर, मैं बहोत लकी हू जो तेरी कुंवारी गांड मुझे मिली।

मैं- लकी तो हूं जो मेरी गांड सबसे पहले तुम्हारे लंड ने फाड़ी, मैं बेकार ही डर रहा था, मुझे नहीं पता था कि गांड चोदने में इतना मजा आएगा।

दोस्तों मेरी गे कहानी पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद उम्मीद करता हूँ आपको कहानी पसंद आई होगी।

दोस्तों आपको ये कहानी कैसी लगी ये फीडबैक कमेंट बॉक्स में जरूर दे।

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