November 24, 2024
गांड की खुजली अंकल ने मिटाई

हाय मेरा नाम राहुल है, दिखने में अच्छा हूँ गोरा रंग मेरा सबको आकर्षित करता है। इस कहानी में मैंने कैसे अपनी गांड की खुजली अंकल ने मिटाई। उम्मीद करता हूँ आपको मेरी हिंदी गे कहानी जरूर पसंद आएगी।

चलो अब हम आज की अपनी इस कहानी पर आते हैं, वे तो मैं उत्तर प्रदेश से हूं पर ये कहानी तब की है जब मैं एक बार दिल्ली परीक्षा देने के लिए गया था।

तो मेरे साथ वहां पर क्या हुआ, ये आपको मेरी इस कहानी में पता चलेगा। मैं एक गोरा और भरे हुए बदन वाला लड़का हूं, और मेरा वजन 60 किलो है। मेरी गांड गोल मटोल है, कोई भी मेरी गांड देखकर उसे जरूर मारना चाहेगा।

मेरे निप्पल थोड़े से बाहर निकले हुए हैं, जब मैं ट्रेन से जा रहा था। तो मैंने सेकेंड क्लास एसी में अपना टिकट करवाया था। मेरे सामने वाली सीट पर एक अंकल बैठे हुए थे।

सबसे पहले मैं आपको अंकल के बारे में आपको बता देता हूं। अंकल की उम्र कुछ 45 साल थी, पर अंकल देखने में मैं बहुत हैंडसम और जवान लग रहे थे।

उनके चेहरे पर एक अजीब सा ग्लो था, और वो थोड़े मज़ाकिया टाइप के भी थे। मैं तो उनकी आवाज पर ही फ़िदा हो गया था, वो मुझसे बात करते हुए बीच में बोले।

अंकल – यार तुम्हारे निप्पल तो बड़े मस्त हैं।

मुझे ये बात उनकी अच्छी लग रही थी, और हम दोनों हमारी बात पर एक साथ हंस रहे थे। बातो बातो में वो अपना लंड बार छू-छू कर मुझे इशारा कर रहे थे, कि उन्हें क्या चाहिए। (गांड की खुजली अंकल ने मिटाई)

पर मैं कुछ नहीं बोल रहा था, क्योंकि मैं चाहता था कि वो ही शुरू हो। पर थोड़ी देर के बाद उसने हमारी सीट वाला पर्दा लगा दिया।

अब वो मेरी सीट पर आ कर बैठ गए, और मुझसे कुछ इधर उधर की बातें करने लग गए। अचानक से उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया।

उसका लंड खड़ा हो गया था, शायद इसलिए वो कब से मचल रहा था। उसका लंड करीब 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा होगा, ऐसा मुझे हाथो से टच करके ही पता चल रहा था।

उसके बाद धीरे-धीरे मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर वो अपने लंड को दबाने लग गये। थोड़ी देर के बाद उसने पैंट से अपना लंड बाहर निकाला, और उसके बाद उसके ऊपर मेरा हाथ अपने हाथ से दबने लग गया।

अब मुझे अच्छा लग रहा था, और मेरा लंड भी अब तन कर खड़ा हो गया था। उसका लंड बाहर था और उसके लंड पर मेरा नरम हाथ था, उसके कड़क लंड से मैं धीरे धीरे मदहोश हो कर किसी और दुनिया में मदहोश हुआ जा रहा था।

कुछ देर ऐसे ही प्रोग्राम चलने के बाद उसने मेरे कान में आ कर बोला – इसे मुंह में लेगा?

मैं तो पहले से ही पागल हो रहा था, और मैंने उसे हां बोल दिया।

वो – ठीक है पहले मैं बाथरूम में जाता हूँ, फिर तुम भी मोका देख कर आ जाना।

ये बोल कर वो चला गया और कुछ देर के बाद मैं भी चला गया, और वो पहले से ही बाथरूम में घुसा हुआ था। जेसे ही मैं अंदर गया, तो उसने झट से दरवाजे को लॉक कर दिया।

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फ़िर वो मुझे किस करने लग गया, उसकी मुछे मुझे छू रही थी। फिर भी मैं किसिंग में उसका पूरा साथ दे रहा था, करीब 5 मिनट तक चुमने के बाद वो बोला।

वो – चलो अब इसे मुँह में ले कर इसका स्वाद लो।

जब मैंने नीचे देखा तो उसका लंड पहले से ही बाहर निकला हुआ खड़ा था। शायद उसने मुझे चूमते समय अपना लंड बाहर निकाल लिया था।

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उसका लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था, और उसका लंड मेरे मुँह के सामने था। मैंने धीरे-धीरे अपने मुँह में अंकल का लंड ले रखा था, क्योंकि मैं उसका पूरा लंड मुँह में नहीं ले सकता था।

क्योंकि वो इतना बड़ा था कि वो मेरे मुँह में नहीं आ रहा था, और मेरे मुँह से उसका लंड था। जिसकी वजह से चप-चप की आवाज मेरे मुँह से आ रही थी।

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वो आवाज हम दोनों को अपने-अपने काम में मस्त कर रही थी, अब हमें बाहर वालो की कोई फ़िकर नहीं थी। मैं उसका लंड चूस रहा था, और वो आहह आहह कर रहा था।

फ़िर 10 मिनट के बाद वो झड़ गया और उसके बाद मैंने उसके लंड चूसा और सारा पानी पी लिया। फिर अपने मैंने अपने मुँह को धोया और उसने अपने लंड को साफ किया।

फिर हम दोनों बाहर आये और अपनी सीट के पास बैठ गये, पर मैं अभी तक पूरा संतुष्ट नहीं हुआ था। मुझे अब अपनी गांड मरानी थी, और अपनी गांड की खुजली मिटवानी थी। और शायद उसे भी मेरी गांड मारनी थी।

वो – अच्छा तुम दिल्ली में कहाँ रहते हो?

मैं – मैं यहां परीक्षा देने आया हूं।

वो – अच्छा तुम मेरे साथ मेरे फ्लैट पर चलो, मैं वहां अकेला ही रहता हूं।

मैंने पहले तो उसे ना कह दिया, पर कुछ देर के बाद मैंने कुछ सोच कर उसे हां कह दिया। उसके बाद हम साथ में ही एक ही सीट पर एक दूसरे के साथ चिपक कर सो गए। (गांड की खुजली अंकल ने मिटाई)

सुबह 7 बजे हमारी ट्रेन दिल्ली स्टेशन पहुची, और हम ट्रेन से उतर गये। फिर हमने ऑटो बुक किया, और मैं उसके साथ उसके फ्लैट पर आ गया।

उसके बाद वो मुझे अपने कमरे में ले गया, हमने साथ में अपने कपड़े उतारे और बाथरूम में जा कर नहाने लग गए। उसके बाद हमने खाना खाया और साथ में ही सो गए।

फिर शाम को जब मैं उठे तो वो घर में नहीं था, वो कहीं बाहर गया हुआ था। जब वो बाहर से आया तो वो अकेला नहीं, बल्कि अपने एक दोस्त को साथ ले कर आया।

वो दोनों एक से बढ़ कर एक थे, एक ने तो आते ही मुझे अपनी बाहों में भर लिया।

मैं- ये क्या कर रहे हो?

वो- जानेमन हम दोनों आज तुझे प्यार करेंगे।

उसके बाद वो मुझे वेसे ही सब के सामने जोर से किस करने लग गया, और वो मेरे गालों को चूमने लग गया। अब मैं मदहोश होने लग गया, और तभी दूसरे ने आ कर मेरी गांड को दबाने लगा।

उसका दोस्त – भाई ये तो काफी हॉट लग रहा है, अब तुम आगे से हट जाओ। अब मुझे इसको पेलना है।

ये बोलते ही उसने मुझे अपने पास जोर से खींच लिया, और वो मुझे किस करने लग गया। मेरी तो हालत अब एक दम से ख़राब हो रही थी, मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मैं पागल हो जाऊंगा।

जब वो आदमी जो मुझे किस कर रहा था वो बोला – अब मेरी बंदूक को भी खुश कर दो, ताकि बाद में ये तुम्हें खुश कर सके।

उसके बाद मैंने नीचे जा कर उसकी पैंट खोलने लग गया, और जैसे ही मैंने उसकी पैंट खोली तो उसका 7.5 इंच का लंड एक दम से मेरे सामने आ गया।

उसका लंड एक दम कड़क था, और उसको देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं। उसके बाद मेरी गांड का छेद भी अब खुल गया, जो कल से लंड के लिए बेचैन हो रहा था। (गांड की खुजली अंकल ने मिटाई)

अब मैंने झट से उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया, और उसे मैं चूसने लग गया। उसका बड़ा लंड मेरे मुंह में पूरा नहीं आ रहा था, तो फिर उस आदमी ने मेरा सर पकड़ा और जोर जोर से अपना लंड मेरे मुंह में आगे पीछे करने लग गया।

उसके साथ ही वो आअहह आह कर रहा था, उसके लंड की खुशबू और स्वाद दोनो मुझे अब पागल कर रहे थे। मैंने उसके लंड को खूब मजे से चूस चूस कर उसे एकदम खुश कर दिया था।

ताकि वो मुझे अच्छे से खुश कर सके, और मेरी गांड की खुजली मिटा सके। फिर 15 मिनट के लिए बाद वो हटा और वो बोला – चलो अब तुम पेट के बाल सोफ़े पर लेट जाओ।

मैंने वेसे ही किया क्योंकि मेरी गांड में पहले से ही खुजली हो रही थी। फ़िर उसने मेरी गांड के छेद पर तेल लगाया, और उसके बाद उसने अपना 7.5 इंच का लंड मेरी गांड के छेद पर लगाया।

फिर एक जोरदार धक्के से अंदर डाल दिया, मैं दर्द के मारे पागल हो रहा था। अब मेरी हालत खराब हो गई थी, मैं दर्द के कारण आह आह कर रहा था।

मैं- आह्ह आहा प्लीज मत डालो मुझे दर्द हो रहा है।

पर उसके ऊपर चुदाई की हवा चढ़ी हुई थी, उसे मेरे दर्द से कोई मतलब नहीं था। वो बस अपनी धुन में मेरी गांड मारे जा रहा था। तभी पहले आदमी ने आकर अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।

अब मेरी आह आह कि आवाज हम्म उम्म में बदल गई थी, और वो दोनो अपनी अपनी तरफ से मेरी चुदाई करने में लगे हुए थे। करीब 10 मिनट के बाद वो दोनों एक साथ झड़ गए। (गांड की खुजली अंकल ने मिटाई)

एक मेरी गांड में तो दूसरा मेरे मुँह में, मैं अपना मुँह वाला सारा पानी पी गया। तभी वो ट्रेन वाले अंकल ने आ कर मेरी गांड मारी और अगले दो दिन तक मैं वहीं पर रहा और अपनी चुदाई का मजा लेता रहा।

आपको मेरी ये गे कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे कमेंट में जरूर बताना। धन्यवाद।

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