मेरी सभी सेक्सी भाभियों, लड़कियों और हॉट आंटियों को नमस्कार। मैं रोहित दिल्ली ( बाराखंभा रोड ) से हूं, अपनी लाइफ की और एक हिंदी सेक्स कहानी के बारे में बताने जा रहा हूं।
मैंने मेरे सामने वाली Aunty ki Chudai । कोई भी आंटी या भाभी जो मुझसे सेक्स करना चाहती है वो मुझे मेरे मेल पे मैसेज करे।
मैं इस बारे में राज़ रखूंगा. मैं शादीशुदा महिलाओं का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं.
आज में जो कहानी शेयर कर रहा हूं ये एक वास्तविक घटना है.. जो मेरे और मेरी सामने वाली आंटी के बीच हुआ है।
मुझे 9वीं कक्षा से मूंठ की आदत है और उसके कारण मेरा लंड भी बड़ा है।
साइज 7 इंच और चौड़ा भी है और मेरे घर के आमने सामने वाली भाभियों और सेक्सी आंटी को इमेजिन करके मुठ मारता था। लेकिन इस आंटी ने मुझे चुदाई का चस्का लगा दिया।
अब सीधे कहानी पर आते है। हमरे घरके सामने में एक परिवार किराय से रहने आई थी।
कुल 4 सदस्य थे. अंकल आंटी और दो बेटे.
आंटी की उम्र करीब 32 साल थी और अंकल की 40. आंटी दिखने में एकदम माल थी।
5 फीट 4 इंच ऊंचाई वाली आंटी का नाम था जानवी भरे हुए सुडोल स्तन और सेक्सी गांड। देख कर ही चोदने का जी करता है..
फोन पे दोस्त के साथ बात कर रहा था तब सेक्सी आंटी के दर्शन हुए। तबसे में उनको देखने के बाद भी नहीं आता था।
अंकल शॉप जेन के बाद आंटी कभी-कभी बाहर दरवाजे के पास बैठती थी।
मुझे हमेशा कुछ ना कुछ बहाना करके उनको देखने जाता था।
उनके स्तन और गांड को देखा था और कभी-कभी उनके सामने अपने लंड को हाथ लगता था और सेट कर दिया था।
आंटी भी कभी-कभी तिरछी निगाहों से देख लेती थी और शायद उनको पता चल गया कि मैं निगाहे कहाँ रखता था।
एक दिन वो झाड़ू मर रही थी और मैं दोस्त के साथ मोबाइल पर बात कर रहा था तब झाड़ू मारने के लिए झुकने के बाद उनके क्लीवेज देखने लगे।
( Aunty ki Chudai )
क्या सेक्सी दिख रही थी आंटी साड़ी में एक दम सेक्सी। जी करता था कि अभी चोद दूं. लेकिन मैं कंट्रोल कर सकता था।
लेकिन मेरा लंड आंटी को एक सलामी दे चूका था। वो देख के एक दम 440 वोल्ट का ज़टका लगा और मैं आंटी के स्तन घूरने लगा ।
और घूरते घूरते लंड पर हाथ फेरने लगा। (असल में मेरा घर एक छोटी सी गली में है तो वहां कोई अता जाता नहीं है) ।
और उनको मुझे ये सब करते हुए देख लिया और मेरे लंड का उपहार भी भांप लिया और गुस्सा होके चली गई।
अगले दिन सुबह में क्रिकेट खेल रहा था तो आंटी के घर बॉल गया। मैं बॉल लेने गया तो आंटी नहाके निकली थी बाल खुले हुए।
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गिला बदन. बहुत सेक्सी लग रही थी. तब में पागल हो गया और उन्हें घूरने लगा ।
वो देख कर मुझमें कसम से हिम्मत आ गई क्या पता मैंने सीधा आंटी के पास जाकर उन्हें दबा लिया और हिम्मत कर के आंटी को पीछे से पकड़ लिया।
तब आंटी बहुत गुस्सा हुई और मुझे घर से निकल दिया और बोली घर पर बता दूंगी।
मैं डर गया और वहां से निकल गया। तो 4-5 दिन में मैंने कुछ किया और दिन ऐसे ही बीत गए।
फिर एक दिन आंटी मेरे घर आई और घर पे मम्मी को बोली कि उन्हें कुछ सामान शिफ्ट करना है तो मुझे उनके घर भेज दे।
तो मम्मी ने कहा और मुझे उनका घर भेज दिया और मैं बहुत खुश हुआ।
तो मैं घर गया तो वाहा आंटी के अलावा कोई नहीं था।
आंटी ने साड़ी नाभि के नीचे पहनी थी और मैरून साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
मैंने पूछा सब कहा गई तो आंटी ने कहा अंकल बाहर चले गए और उनके बच्चे मामा के यहां।
तो मैंने सोचा मोका अच्छा है फ़ायदा उठा लेते हैं।
लेकिन मेरी फट भी रही थी कि मैं कुछ करू और आंटी घर पे बाद में बताना दे।
मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए हमने सामान इधर उधर हटाना शुरू कर दिया।
समान हटाने में मदद कर रहा था तो अचानक आंटी का पल्लू नीचे गिर गया और उनकी क्लीवेज दिखने लगी और मैं उनकी क्लीवेज को घूर के देख रहा था।
तो आंटी ने उनके स्तन घूरते हुए पकड़लिया। मुझे कहा क्या देख रहे हो तो मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
उस समय आंटी के स्तन ब्लाउज से बाहर एक को तड़प रहे थे।
फिर आंटी ने कहा.
आंटी: मुझे पता है तुम क्या देख रहे हो।
( Aunty ki Chudai )
मैं: क्या?
आंटी: चूसो गे क्या? और मैं एक दम पागल हो गया।
मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया. मैं एक दम से आंटी की तरफ गया और उनके स्तन ऊपर से ही चूसने लगे।
फिर आंटी ने कहा रुको पहले दरवाजा बंद करके आओ।
मैं भागते हुए दरवाजा बंद करने गया और वापस आया तब आंटी के साड़ी निकलने लगा और साड़ी निकाल के साइड में फेंक दी।
अब आंटी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट पे थी.. एक और से ब्रा भी नई पहनी थी।
लगता है उनको पहले से मूड बना लिया था चुदाई का। तो मैं बूब्स चूस रहा था और एक बूब्स चूस रहा था और दूसरा दबा रहा था। बूब्स बहुत मुलायम थे।
मैं स्तन चूस रहा था और आंटी सिसकारियाँ ले रही थी और बीच बीच में मेरे दूध को काट रही थी।
आंटी एक दम से पागल हो रही थी। फिर मैंने आंटी के ब्लाउज खोल दिए और उनको बड़े स्तनों को आज़ाद कर दिया और उनके पेटीकोट को अलग कर दिया।
आंटी को अब गोदी में उठा के बिस्तर पर पटक दिया और जोड़े चुस्ते चुस्ते उनकी पैंटी तक गया और ऊपर से ही उनकी चूत लीक करने लगा।
अब आंटी एक दम पागल होके मेरा सर चूत में दबा रही थी और जोर जोर से सिस्कारिया ले रही थी।
आंटी की सिसकारियाँ कि आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी और मुझे जोश में ला रही थी।
फ़िर आंटी की पैंटी निकले उनकी चूत को आज़ाद किया और फिंगरिंग करने लगा।
और उनकी कराह की आवाज खराब हो रही थी। प्योर रूम में आहा आअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह की आवाज आ रही थी और आंटी मेरे नाम से चिल्ला रही थी।
और जल्दी चोदो मुझे मेरी प्यास बुझा दो आआआआआआआआआआआआआआआआआ। फ़िर उसके बाद उनका पूरा बदन चटने लगा।
उनकी नाभि में जिभ डालके पूरा चूसने लगा। इतना मजा जिंदगी में कभी नहीं आया था।
आंटी की आवाज मुझे पूरा जोश में ला रही थी। आंटी के पूरे बदन पे में जिभ फेरने लगा और वो भी जोश में आगयी थी और वो भी मेरी अंडरवियर निकल के लंड के साथ खेलने लगी और फिर चूसने लगी।
मेरा लंड एक दम सलामी देने लगा और आंटी लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी।
5 मिनट चुसे के बाद आंटी उसका पूरा रस पी गई। अब उनको नरम नरम ओथो की बारी थी।
उनके होठ बहुत रसीले थे. 5 मिनट और चूसने के बाद आंटी बोली,
अब इतना तड़पा मत जल्दी मेरी आग ठंडी करो और 15-20 मिनट के फोरप्ले के बाद आंटी की चूत की बारी थी।
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आंटी ने मेरा लंड चूसा और वो चुदाई के लिए एकदम तैयार कर दिया।
मैं नया था, थोड़ा कॉन्फिडेंट नहीं था, लेकिन बीएफ देखने से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ था।
फिर आंटी की चूत में मेरा गरम गरम लंड रखा और थोड़े फोर्स लगाके अंदर डाला।
तो थोड़ा और गया आंटी की चूत बहुत कैसी हुई थी। लग रहा था कि साल भर से आंटी की दमदार चुदाई नहीं हुई थी।
फिर मैंने और जोर से झटके मारे और पूरा लंड अन्दर चला गया और जैसे कि मेरा पहली बार था तो मैं जल्दी झड़ गया।
फ़िर आंटी ने मेरा लंड बाहर निकलने को बोला और पूरा साफ़ करके चूसने लगी और मेरा वीर्य क्रीम की ट्रे चैट कर रही थी।
मैं अब तक दो बार झड़ चुका था। आंटी ने फिर से लंड चूसा एक बार फिर से तैयार हो गया।
5 मिनट बाद मेरा लौड़ा फिर से तैयार हो गया और आंटी की चुदाई करने लगा।
आंटी जोर जोर से चिल्ला रही थी.. आआहा आआहा बुझा तेरे आंटी की प्यास मिटा दे उसकी ख़ुशी।
आंटी का आवाज सुनने में जोश में आ गया और जोर जोर से चोदने लगा और कम से कम 15 मिनट की चुदाई के बाद आंटी छूट गई और गरम गरम पानी मेरे लंड पे चोद दिया।
मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और आंटी ने मुझे कसके पकड़ा और फिसरे एकबार पानी छोड़ दिया।
उस दिन में चार बार ज़द चूका था। मैं पूरा थक चूका था। इसी तारा आंटी को बहुत बार चोदा।
( Aunty ki Chudai )
उस दिन 12 से तीन बजे तक आंटी और मेरी रासलीला चली।
आंटी चार बार पानी चोद दिया और मेरा तो बहुत बुरा हाल था।
सेक्स होने के बाद आंटी के चूत चाटी और बाद में ओथ का रस पि लिया और आधा घंटा स्तन और आंटी के पूरे शरीर को चूसने के बाद घर में निकल गया और सो गे तो सीधा शाम 6 बजे ही सो के उठा।
आंटी ने मेरा पूरा पानी निकल लिया था। लेकिन मुझमें भी कुछ काम नहीं था। आंटी को पूरा संतुष्ट करके ही उनका घर निकला था।
क्या उस दिन हमारी जोरदार चुदाई हुई थी और इसके बाद मुझे भी मौका मिला था तो आंटी की चूत मरती थी ।
और आंटी अब पूरी तरह से संतुष्ट थी। आंटी को मेरे लंड से और मुझे आंटी के चूत से प्यार हो गया था।
अब जब भी मैं घर जाता हूँ आंटी को चोदके ही आता हूँ।
उसके बाद आंटी को बीएफ दिखाके हर तरह पोज़ में चोदा और वो पूरी संतुष्ट होगी और मैंने आंटी की गांड भी मारी।
आंटी को डॉगी स्टाइल में बहुत बार चोदा है और डॉगी स्टाइल में मेरा और आंटी का पसंदीदा पोज़ बन गया और उसके बाद आंटी की वर्जिन गांड भी चोदी।
तो दोस्तो, मैं आंटी को बहुत बार चोद चुका हूँ और जब भी मौका मिलता है चोदता हूँ।