October 12, 2024
वर्जिन गांड मरवाई

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक गे सेक्स स्टोरी सुनाने आई हूँ जिसका नाम "ओमेगल पर मिले दोस्त से अपनी वर्जिन गांड मरवाई" है।

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक गे सेक्स स्टोरी सुनाने आई हूँ जिसका नाम “ओमेगल पर मिले दोस्त से अपनी वर्जिन गांड मरवाई” है आगे की स्टोरी उस लड़के की ज़ुबानी।

नमस्ते, मेरा नाम महेश है… मेरी उम्र 22 साल है, मैं दिल्ली से हूँ। मुझे लड़कियों के कपड़े पहनना बहुत पसंद है।

मुझे शीशे में खुद को अपनी बहन की ब्रा और पैंटी पहने हुए देखकर शर्म आती है। मेरी गांड लड़कियों की तरह बड़ी और गोल है।

आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

बात उन दिनों की है।. जब मुझे मुंबई में नई नौकरी मिली थी। कंपनी ने मुझे रहने के लिए एक फ्लैट दिया था.. जहाँ मैं अकेला रहता हूँ।

मेरा अभी तक कोई दोस्त नहीं था इसलिए मैं नौकरी से आने के बाद इंटरनेट पर लड़कों से चैट किया करता था।

सभी लड़के मेरी नंगी गांड देखना चाहते थे और मैं भी उन्हें अपनी गांड दिखा कर खुश होता था।

ऐसे ही एक दिन मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई.. जिसका नाम राहुल था। वो भी मुंबई का रहने वाला था… उसने नेट पर अपना बड़ा लंड दिखाया।

उसका कोक देखते ही न जाने क्यों मेरी गांड में खुजली होने लगी। मैं उसे पॉटी करके अपनी गांड दिखा रहा था और वो जोर जोर से मुठ मार रहा था।

फिर उसने मुझसे कहा कि उसे मेरी गांड चाहिए।

मैं डर गया.. क्योंकि इससे पहले मैंने अपनी गांड किसी से नहीं मरवाई थी।

जब मैंने ये बात बताई तो उन्होंने मुझसे कहा- एनल सेक्स से डरने की कोई बात नहीं है.. मैंने पहले भी ऐसा किया है। मैं तुम्हें गांड मरवाना सिखाऊंगा।

मैंने कहा- ठीक है।

फिर मैंने अपना पता दिया…

उसने कहा- मैं 45 मिनट में पहुंच रहा हूं। (वर्जिन गांड मरवाई)

उसकी बात सुन कर मेरे दिल में उत्साह की वजह से सांसें फूलने लगीं।

मैं बाथरूम में गया.. और शेविंग क्रीम उठाई। फिर मैने उसे अपने पूरे शरीर पर लगाया और अपनी गांड पर भी लगाया। फिर उस्तरे से बाल हटा दिए।

मेरा चिकना बदन देख कर मुझे शर्म आने लगी। फिर में शॉवर में खड़ा था। मैं बाहर नहीं आया… तभी डोर बेल बजने लगी… मेरा दिल ढकने लगा।

मैंने तौलिया लपेटा और दरवाज़ा खोलने चला गया।

जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, मेरे सामने एक 24 साल का गोरा लड़का खड़ा था.. वो मुझे देख कर मुस्कुराया। शायद उसने मुझे पहचान लिया।

वह तुरंत मुझ पर झपटा और मेरे होठों पर चूमने लगा। मैं कुछ समझ पाता.. उससे पहले ही उसने डोर बंद कर दिया और फिर से मेरे होंठों को काटने लगा।

मैं बता नहीं सकता.. मुझे कितना मजा आ रहा था। फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और कमरे में ले गया… मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मुझे मारा।

उसने मेरा तौलिया खींच लिया… मुझे नंगा देख कर वो पागल हो गया और मेरे बदन को नोचने लगा।

वो अपने साथ एक बैग लाया था… उसने मुझे वो बैग देते हुए कहा- बैग से कपड़े निकालो और पहन कर आओ…

उस बैग में मेरी एक लाल ब्रा और काली पैंटी और एक लाल नाइटी थी।

मैं जल्दी से बाथरूम में गया और कपड़े पहनने लगा। जब मैं उसे इस्तेमाल करके बाहर आई तो वो मुझे देखता ही रह गया।

उस वक्त मैं किसी भी लड़की से ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। नाइटी के ऊपर से मेरी गोरी चिकनी जांघें दिख रही थीं जो कि लड़की जैसी दिख रही थीं।

वो मेरे पास आये और अपनी बहू को हामी भर कर चुनने लगे। मै स्वर्ग में पोहोच गयी थी। वो मेरे गदराए बदन पर अपना हाथ फिरा रहा था,

फिर धीरे से अपने एक हाथ मेरी पैंटी में डाल दी और मेरी चिकनी गांड को सहलाने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था।

वो बोला- आज मैं तुझे अपनी रंडी बना कर तेरी गांड चोदूंगा। (वर्जिन गांड मरवाई)

हम दोनों बिस्तर पर आ गये, अपने कपड़े उतार दिये…

मैं उसका लंबा काला लंड देख कर हैरान हो गई… इतना बड़ा लंड मेरी गांड में कैसे जाएगा… मैं सोच ही रही थी कि तभी उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और बोला- चलो चुसो,

मैं उसके पास घुटनों के बल बैठ गयी और उसके लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी।

मुझे उसके लंड का नमकीन स्वाद अच्छा लगा और मैं मजे से उसे चूस रही थी। वह मेरे सिर को धीरे-धीरे दबा रहा था।

मुझे बहुत मजा आ रहा था।. करीब 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा- चल खड़ा हो जा.. अब मैं तुझे चोदूंगा।

मैं खड़ा हो गया.. उसने अपने बैग से क्रीम की बोतल निकाली और बोला- चलो, कुटिया बन जाओ..

मैंने उसके सामने अपनी गांड खोल दी और मेरे हाथ और चेहरा झोपड़ी की तरह हो गये। उसने पिचकारी से मेरी गांड को सहलाया और फिर चुम लिया… मुझे बहुत मजा आया।

फिर क्रीम की बोतल खोली और सारी क्रीम उसने मेरी गांड के छेद पर लगा दी।

फिर अपनी एक उंगली मेरी गांड के छेद पर रखी और धीरे से अंदर डाल दी… मुझे थोड़ा दर्द हुआ… लेकिन मज़ा भी आया।

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वो और उंगली डालने लगा.. मुझे उसकी उंगली से बहुत मजा आ रहा था।

मैंने कहा- परेशान मत करो.. चलो अब मुझे चोदो..

उसने कहा- ठीक है.. ले लो..

फिर वो खड़ा हुआ और फिर से सारी क्रीम मेरी गांड पर लगा दी।

फिर उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया… उसका गर्म सुपारा मुझे गांड पर महसूस हो रहा था।

उसने अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रखे और फिर एक जोरदार धक्का लगा दिया।

‘आईईईईईईई…’ मेरे मुँह से चीख निकल गई… मैंने देखा कि उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी गांड के अंदर था… मुझे बहुत दर्द हो रहा था।

मैंने कहा- निकाल ले साले… मेरी गांड फट गई… आईई…।

उस दिन मुझे समझ आया कि गांड फटना किसे कहते हैं। (वर्जिन गांड मरवाई)

मैं दर्द के मारे ऐसा करती रही लेकिन उसने अपना लंड नहीं निकाला और दूसरा धक्का मार दिया।

मेरी तो जान ही निकल गई… मेरी आँखों से पानी निकलने लगा… मैंने उसका पूरा लंड, अपनी गांड में ले लिया था।

इधर मैं रो रही थी और वो धीरे-धीरे मेरी गांड को सहला रहा था… मैं उसके लंड को अपने ऊपर महसूस कर सकती थी।

करीब 5-6 मिनट तक हम ऐसे ही मिले… फिर उसने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और फिर जोर से धक्का मारा… मुझे फिर से दर्द हुआ…

अब वो धीरे-धीरे अपना लंड डाल रहा था… कुछ देर के बाद दर्द ख़त्म हो गया और मुझे मज़ा आने लगा।

मैं बोला- मुझे चोदो… और तेजी से चोदो…

ये कहते हुए उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से धक्के मारने लगा।

तो मुझे तो जैसे स्वर्ग मिल गया.. की आवाज मेरे मुँह से निकलने लगी।

‘आहह है… आआहह… आआहह… और जोर से आहह… चोद मुझे आअहह… मुझे अपनी रंडी बना दे आअहह… फाड़ दे मेरी गांड चोद… आआहह…’ मैं जैसे पागल हो गया था… मुझे नहीं पता था कि मैं क्या बोल रहा हूं।

उसने अपने एक हाथ से मुझे मेरी ब्रा दे दी और मेरे चूचे दबाने लगा और दूसरे हाथ से मेरी गांड पर ज़ोर से थप्पड़ मारा… मुझे अजीब सा मज़ा आया।

यह एक अजीब सा दर्द था। जिसका मैं आनंद ले रहा था। वो जोर जोर से मेरी गांड पर अपने हाथ से थप्पड़ मारने लगा, मेरी गांड लाल हो गयी थी लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था।

मैं चिल्ला रही थी- जोर से… और जोर से…

करीब 15 मिनट तक वो ऐसे ही झोंपड़ी से निकलता रहा और फिर एक ज़ोरदार धक्का देकर मेरी गांड में झाड़ गया।

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मेरी गांड में गर्म लावा डाल दिया हो। (वर्जिन गांड मरवाई)

बच्चा मेरी गांड के ऊपर चढ़ गया। 30 मिनट की जबरदस्त चुदाई से मैं भी थक गया था।

फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी बांहें देर से गईं… जब मैंने अपनी गांड देखी तो उसमें एक बड़ा सा छेद था और उसमें से थोड़ा सा खून भी निकल रहा था… मुझे पता नहीं क्यों शर्म आ रही थी।

हम करीब 20 मिनट तक ऐसे ही मिले और उसका लंड फिर से तन गया।

उसने कहा- एक राउंड और होने दो।

मैंने आँख मारी ।..वह समझ गया।

वो वैसे ही बिस्तर पर लेट गया.. मैंने उसके ऊपर चढ़ कर उसका लंड पकड़ा और अपनी गांड में ले लिया।

इस बार वो बहुत आराम से चला गया और मैं उसके ऊपर अपनी गांड पटक कर चुदाई करवाने लगी।

अब उसने मेरी नाइटी निकाली और ब्रा के अंदर हाथ डाल कर मेरी चूची दबाने लगा।

हम दोनों पसीने-पसीने हो गए थे… करीब 20 मिनट तक उसने मुझे चोदा और मेरे चेहरे पर झाड़ गया।

मैंने उसका सारा पानी पी लिया… अब मैंने अपनी पैंटी उतारी और नाइटी भी उतार ली और उसके साथ सो गयी।

सुबह जब हम उठे तो मुझसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.. तो मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और राहुल से कहा- आज तुम यहीं रुकोगे। हम खूब मस्ती करेंगे।

अगर आपको यह वर्जिन गांड मरवाई गे सेक्स स्टोरी पसंद आई तो हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

यदि आप ऐसी और गे सेक्स कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “Readxstories.com” पर पढ़ सकते हैं।

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