November 21, 2024
बॉस कि बेटी को पटाकर चोदा

दोस्तों आज की हमारी हिंदी सेक्स स्टोरी का शीर्षक बॉस कि बेटी को पटाकर चोदा हैं, और कहानी आपको बहुत पसंद आएगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर सांझा करें। और मेरी कहानी को अपना प्यार दें।

मेरा नाम दिलीप  है। मैंने इस साल अभी-अभी अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है और इस समय नौकरी की तलाश कर रहा हूँ। मैंने अपना बायोडाटा कई जगहों पर भेजा। कुछ दिनों बाद मुझे एक कंपनी से नौकरी का ऑफर मिला। मैं इंटरव्यू के लिए गया, और मेरा इंटरव्यू मेरे बॉस की बेटी ले रही थी। उसका फिगर बहुत ही कमाल का था, मोटे चुचे उसकी सर्ट पे साफ झलक रहे थे, जब वह चल रही थी तो मैं तो उसकी गांड देखकर पागल हो गया।

इंटरव्यू पास करने के बाद उन्होंने मुझे अच्छी सैलरी का ऑफर दिया तो मैंने हा कर दी कंपनी को जॉइन कर लिया। बॉस की बेटी का नाम कृतिका था। वह बेहद हॉट और सेक्सी थीं। उससे देखकर मैं बहुत खुश हो रहा था की क्या माल है एकदम बवाल।

बॉस की बेटी होने के कारण कोई भी उसे ज्यादा घूरता नहीं था और न ही उसे लाइन मारता था मैंने भी सोचा के मैं भी अपनी हद में रहू और अपने काम पे ध्यान दूँ।

मैंने अगले दिन ऑफिस में मेरा पहला दिन था और मेरा ऑफिस दिल्ली के महिपालपुर में था। वहां सभी से मेरा परिचय हुआ। मेरी ट्रेनिंग एक हफ्ते तक चली। मैं बहुत खुश था क्युकी यह का वातावरण काफी अच्छा था और सभी मिलकर काम करते थे ऊपर से बॉस के बेटी जिसने मुझे अपना दीवाना बना रखा था।

एक दिन मेरे हाथ एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट लगा जिसे देखकर मेरा बॉस काफी खुश था और उसने अपनी बेटी को मेरे साथ इस प्रोजेक्ट पे काम करने में लगा दिया और हम दोनों ने मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया। कृतिका और मैं काफी करीब आ गए थे, मैं तो उसे पहले दिन से ही चाहता था लेकिन अब वो भी मुझे चाहने लगी हैं।

एक दिन हम लंच पर बैठे थे। हम आपस में खूब बातें करने लगे। वह मेरे बारे में पूछने लगी तो मैंने उसे अपने बारे में सब बता दिया। और वह मुझ पर काफी ध्यान देने लगी थी और हमेशा मेरे साथ लंच करती थी।

एक दिन वह सफेद शर्ट पहनकर ऑफिस आई। और उसकी ब्रा साफ नजर आ रही थी। आते ही वह मेरे पास आकर बैठ गई। और मैंने उसकी ब्रा देख कर पागल हो गया उसके गदगदे बूब्स बहार निकल रहे थे।

मैं थोड़ा अनकंफर्टेबल महसूसकर रहा था, लेकिन मैं फिर भी उसकी ब्रा को बार बार देखे जा रहा था, मेरी नजर उसके बूब्स से हट ही नहीं रही थी। फिर उसे पता चल गया और बोली क्या हुआ बड़ा अनकंफर्टेबल फील कर रहे हो।

मैंने कहा: तुम्हारी ब्रा दिख रही है मेरा ध्यान नहीं लग रहा काम में।

उसने कहा: अरे इतना तो चलता हैं। इतना बोलने के बाद उसने अपनी शर्ट निकाल के अपनी ब्रा दिखाने लगी।

मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरा मूड पूरी तरह से खराब हो गया था।

मैंने कहा: ये गलत है तम अपनी शर्ट को पहन लो। लेकिन उसने नहीं पहना और मेरे पास आ के बैठ गयी।

मुझे अजीब लग रहा था। और वो मेरे इतने करीब थी की मैं काम में बिलकुल मन नहीं लगा पा रहा था। और लंड मेरी पैंट से बाहर आने को बेताब था, मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने जा के कृतिका को गले लगा लिया।

कृतिका: ये क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।

मैं: जब मैंने बोला के अपनी शर्ट पहन लो तो नहीं पहन रही थी अब क्या हुआ अब मैं नहीं छोड़ने वाला।

कृतिका: तुम्हे इसका अंजाम पता है।

मैंने बोला: देखा जायगा।

इतना कहकर मैंने उसके बाल पकडे और अपने पैंट की चैन खोलकर अपना तना हुआ लंड उसके मुँह में डालने लगा। पहले तो वो मना कर रही थी लेकिन जब मैंने उसके बालो को जोर से खींचा तो वो मेरा लंड खुद ही पकड़ के अपने मुँह में लेने लगी। और उसे मजे से चूसने लगी मैं एक हाथ से उसके चुचो को मसल रहा था। अब वो मेरा लंड बड़े मजे से चूस रही थी और उन्हें सहला-सहला के चाट रही थी।

अब मैं अपने लंड से उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा और अपना पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया और मेरे आंड उसके होठो से टकरा रहे थे मुझे बहुत मजा आ रहा था। इसके बाद हम एक कुर्सी पर बैठ गए।

मैंने कृतिका को अपनी गोद में बैठा लिया। अब मैं उसकी पैंट के बटन खोलने शुरू कर दिए। मैंने जल्दी से उसकी पैंट उतारी और देखा कि उसने नेट वाली पैंटी पहन रखी थी। उसकी पैंटी बहुत अच्छी लग रही थी।

मैंने बीच में से उसकी पैंटी पकड़ी और उसकी पैंटी फाड़ दी। अब मैं उसकी चिकनी चूत भी देख सकता था। वह कितनी कोमल और नाजुक थी। मैंने देखा तो दंग रह गया। मैंने कुर्सी पर बैठे-बैठे अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उन्हें ऊपर नीचे करने लगा।

मेरा लंड एकबार में ही उसकी चूत में घुस गया क्युकी वो पहले भी चुदवा चुकी थी। और उसकी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी, और मैं उसकी अच्छे से चुदाई कर रहा था और इस तरह बॉस कि बेटी को पटाकर चोदामुझे अब और भी अच्छा लग रहा है।

बॉस कि बेटी को पटाकर चोदा

वह मेरे ऊपर बैठ कर काफी देर तक ऊपर-नीचे होती रही और खुद ही चुदती रही जैसे की उसे बहुत मजा आ रहा हो। मैं उसकी गांड से उसकी चूत साफ देख सकता था। जब वो कुर्सी पे बैठे-बैठे ऊपर निचे हो रही थी तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा जा रहा था।

फिर मैंने उसे उठा कर घोड़ी बनाकर चोदने लगा जिसमे मुझे बहुत अच्छ महसूस हो रहा था क्युकी जब भी मैं जोर का झटका देता मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस जाता और उसकी गांड से टकराता एक दम गुद गुद जैसे कोई कोमल सा गद्दा हो और उसके बूब्स तो हवा में उछाल रहे थे।

अब मैं और जोर से कृतिका को चोदता। उसकी सेक्सी और मोती चूतड़ मेरे झटको से खूब हिल रही थी, जैसे समुंद्र में लहरे आ रही हो। वो भी अपनी गांड को आगे पीछे करके मेरा साथ देती।

अब मैं झड़ने वाला था और मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल के उसके मुँह में डाल के बोला “मेरी जान” मेरा माल निकलने वाला हैं उसका एक भी बून्द निचे नहीं गिरना चाहिए।

वो मजे से मेरा लंड चूसने लगी और मैंने अपने लंड का पूरा रस उसके मुँह में गिरा दिया, और वो बड़े मजे से मेरा रस पी रही थी। रस पीने के बाद उसने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटकर साफ किया और हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही बैठे रहे।

कृतिका बहुत खुश थी क्युकी मैंने उसे बहुत चोदा था ऐसे पहले किसी ने उसे नहीं चोदा था। और बोली मुझे फिर से चुदने का मन कर रहा है। उसके ऐसा कहते ही मैं उसकी चूत चाटने लगा, जब मैंने उसके बूब्स को मसलने लगा तो वह बिलकुल गर्म हो गई।

अब वो फिर से चुदने के लिय पूरी तरह तैयार थी, मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चूत में डाल दिया और उसे धक्का देना शुरू कर दिया, लेकिन उसकी चूत अभी भी बहुत टाइट लग रही थी। मुझे समझ नहीं आया कि उसकी चूत अभी तक ढीली क्यों नहीं हुई, पर मुझे बहुत मजा आ रहा था।

इस बार वो खुल के छुड़वा रही थी और जोर जोर से सिसकिया भी ले रही थी….. आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह आह ईएसएस ओहह अह्ह्ह् अह्ह्ह् अह्ह्ह् अह्ह्ह्ह उह्ह्… और जोर से और जोर से बार बार कह रही थी और खुद भी जोर जोर से धक्का दे रही थी ताकि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस सके और उसे पूरा मजा मिले।

चोदते-चोदते मुझे 15 मिनट हो चुके थे अब मैं कभी भी झाड़ सकता था तो मैंने अपने झटको को और तेज कर दिया और उसे चोदने लगा। वो मुझसे पहले ही झाड़ गयी और अपना पानी छोड़ दिया अब उसकी चूत और गीली हो चुकी थी और मेरा लंड सट-सट उसकी चूत में जा रहा था और पच-पच की आवाज आने लगी वो भी खूब मजे से चुदवा रही थी।

अब मैं झड़ने हि वाला था तो मैंने उसे बिना बताय उसकी चूत को अपने लंड के रस से भर दिया और उसकी चूत में लंड डाल के आराम करने लगा। उस दिन सच में मुझे बहुत मजा आया और ऐसे ही हम लगभग रोज चुदाई करने लगे। और मैं उसकी चूत का पानी निकालने लगा, वह मुझसे बहुत खुश थी।

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