December 18, 2024
ladki ki xxx chudai

हेलो दोस्तों मैं काजल हूं, आज मैं एक नई सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं जिसका नाम है “नीचे शादी चल रही और छत पर चुदाई –ladki ki xxx chudai” यह कहानी नितेश की है आगे की कहानी वह आपको खुद बताएँगे मुझे यकीन है कि आप सभी को यह पसंद आएगी।

दोस्तों मेरा नाम नितेश है।

ये बात अभी पिछले ठंडी की है जब मेरे चचेरे भाई की फरवरी में शादी थी। तो ढेर सारे कॉमन गेस्ट उनके यहाँ और मेरे यहाँ भी आये थे। गेस्ट इतने थे कि अकेले उनके घर पे जगह कम ही पड़ जा रही थी सभी के लिए।

उनके घर मे कई खूबसूरत खूबसूरत लड़कियां भी आई थी। जो कभी मेरे घर तो कभी उनके घर आना जाना लगा रखी थी। उनके सबको तो मैं पर्सनली जानता भी नही था। बीच बीच मे किसी बात पे हंसी मजाक भी घर मे होता रहता था खूब मन लग रहा था।

मैं यही सोचता कि ये सारी लड़कियां मेरे ही घर रुके बाकी बुजुर्गों को उनके घर रात में रुकाउ। पर मेरे बस में कुछ था नही बस इत्तिफाक ही हो सकता था। अब बात आई तिलक वाले दिन की।
तो रिश्तेदार जो अभी तक बचे थे वो सब भी आ गए।

मैं चुपचाप टेंट में गया और एक गद्दे पर लेट गया। मैं अपने मोबाइल पर कुछ देखने लगा।

तभी मैंने देखा कि दो लड़कियाँ ऊपर आईं और उनमें से एक ने फोन पर किसी से बात करना शुरू कर दिया। मैं थोड़ा अंधेरे में था इसलिए कोई मुझे नहीं देख सकता था।

दूसरी लड़की ने अपनी सलवार उतारी और नाली वाली जगह पर पेशाब करने बैठ गई। मैं अचानक उठ गया ताकि बाद में मैं गलत साबित न हो जाऊँ। लेकिन जहाँ वे दोनों थीं वहाँ रोशनी थी और हम अंधेरे में थे इसलिए वे देख नहीं पा रही थीं।

जब मैंने उनकी गोरी गांड देखी तो मेरे शरीर का हर अंग चमक उठा। वह उठकर अपने कपड़े ठीक करने लगी। तभी फोन पर बात करने वाली लड़की भी आई और अपनी लोअर और पैंटी खिसकाकर पेशाब करने बैठ गई। उसने लोअर और स्वेटर पहना हुआ था।

तो जब वह पेशाब कर रही थी तो रोशनी में उनकी गांड थोड़ी ज़्यादा दिख रही थी। मैं चुपचाप बिना हिले-डुले सब कुछ देख रहा था। मेरे साथ बहुत कुछ हो रहा था, मैंने किसी तरह खुद को नियंत्रित किया। उन दोनों की उम्र करीब 21, 23 साल रही होगी। ladki ki xxx chudai 

तो दोस्तों, समझ लीजिए कि उनका फिगर भी बहुत हॉट और सेक्सी लग रहा था। दोनों गोरी थी।


पर मैं उस टाइम अगर कुछ बोलता तो पक्का वो लड़किया कभी न पट पाती मुझसे। कुछ देर बात करके वो चली गई नीचे।

15 मिनट इंतज़ार करने के बाद मैं भी नीचे आ गया और करीब आधे घंटे तक बाहर सारा सामान समेटने के बाद सब सोने की तैयारी करने लगे। जिसे जहाँ जगह मिल रही थी, वो अपनी सीट रिजर्व कर रहा था। जब मैं नीचे आया, तो मैंने देखा कि दोनों लड़कियाँ मेरे कमरे में थीं।

मेरी माँ भी वहाँ थीं और एक-दो और महिलाएँ भी थीं। वो दोनों मेरी किताबें पलटने लगीं। मैं सब कुछ देख रहा था। उन्होंने माँ से कहा, “आंटी, ये किसकी किताबें हैं?” फिर माँ ने मेरी तरफ इशारा करके उन्हें मेरा नाम बताया।

मुझे देखकर वो अचानक चुपचाप बैठ गईं। दूर से वो दोनों बहुत फिट और सेक्सी लग रही थीं। और जब मैं अपने कमरे के करीब गया, तो मैंने देखा कि लड़कियों में से एक के होंठ नेचुरल रूप से काले थे। उसने मेरी तरफ देखा और मैंने भी उनकी तरफ देखा। मुझे वो अच्छी लगी।

पर ना नाम जानते थे न कुछ और। तो सोचने लगे क्या करें अब हम उसको पाने के लिए। तभी जिस भाई की शादी थी वो उन दोनों को खोजते खोजते आया। और हमसे पूंछा, “भइया रीना और अंजली है क्या? उनको मम्मी बुला रही है।“

तब मुझे पता चला कि मेरी लड़की का नाम अंजली है। नाम जानकर मैं खुश हुआ। लेकिन जब वो चली गई, तो मुझे अच्छा नहीं लगा। मैं सोच रहा था कि कुछ ऐसा हो कि वो आज मेरे घर सोने आए।

मैं निराश होकर छत पर टहलने चला गया। मैं अपने मोबाइल पर रील देखने लगा।

फिर थोड़ी देर बाद कुछ हलचल हुई और मैंने देखा कि कुछ बूढ़ी दादी और एक छोटा लड़का सीढ़ियों से ऊपर आए। और उन्होंने गद्दा निकालकर टेंट के अंदर रखना शुरू कर दिया। मैं सब देख रहा था, इसलिए वापस आकर मैंने मदद करना शुरू कर दिया। क्योंकि वो मेरे घर आई थीं, तो ये मेरा कर्तव्य था।

मैं उन दादी में से एक को जानता था। उन्होने मुझसे कहा, “नीरज बेटा, तुम्हारी पढ़ाई ठीक चल रही है?” तो मैंने हाँ कहा और बातचीत खत्म कर दी। और जब मैं उनके लिए रजाई लेने नीचे गया, तो मैंने देखा कि अंजली रजाई लेकर ऊपर आ रही है। मैं भी उनकी मदद करने लगा।

मैंने कहा, “अंजली रुको मैं इन्हें निकालता हूँ। फिर तुम इन्हें एक साथ पकड़कर हमारे साथ चल सकती हो।” उसने कहा ठीक है। मैंने जानबूझ कर 6 रजाई एक साथ निकाली और उन्हें एक साथ पकड़कर ऊपर जाने लगा। बीच में उसने कहा, “ये ज़्यादा भारी नहीं हैं।”

मैंने कहा, “इसीलिए तो मैं तुम्हारी मदद कर रहा हूँ वरना मैं अकेले ही उन्हें ले जाता।” फिर वो हँसी और मुझे अच्छा लगा कि कम से कम हमने बात तो की। अभी के लिए हमने रजाईयाँ लीं और दादियों को दे दीं। और उनमें से एक अंजली की असली दादी थीं। तो वो उनके पैरों की मालिश करने लगीं और मैं भी उनके पास बैठ गया।

मैं, उनकी दादी और अंजली बातें करने लगे। बातें करते-करते उनकी दादी सो गईं और फिर हम दोनों बातें करते रहे। कुछ देर बाद उसे भी वहीं सोना था। तो वो उठकर नीचे चली गई और 10 मिनट में वापस आ गई।

मैं समझ गया कि वो अभी यहाँ मेरे सामने पेशाब नहीं करने वाली थी इसलिए वो नीचे आ गई।

मैं वहीं बैठा रहा, वो आकर आखिरी जगह जहाँ जगह थी वहाँ लेटने लगी।

फिर वो मुझसे बोली, “तुम कहाँ लेटोगे, नीचे पूरा कमरा भरा हुआ है।

तुम्हारे पास भी कोई जगह नहीं है, इसलिए हम सब ऊपर आ गए।” मुझे लगा जैसे वह चाहती थी कि मैं उनके बगल में गद्दा बिछाकर छत पर लेट जाऊँ।

तो मैंने कहा, “देखता हूँ अगर जगह मिलती है तो।” और फिर उसने खुद को रजाई से ढक लिया।

मैं नीचे गया लेकिन कहीं भी जगह नहीं मिली, इसलिए मैं एक गद्दा और रजाई लेकर वापस ऊपर आ गया।

हम दोनों को छोड़कर सभी गहरी नींद में सो रहे थे। 

जब मैंने गद्दा टेंट के बाहर रखना शुरू किया, तो वह उठकर मेरे पास आ गई। उसने कहा, “आप इसे ठंड में बाहर क्यों रख रहे हैं? इसे टेंट के अन्दर रख लो, नहीं तो बीमार पड़ जाओगे।

वैसे मैं भी दिल से यही चाहता था और वही हो रहा था। ladki ki xxx chudai 

उसने मेरा गद्दा उठाया और अपने बगल में रख लिया।

मैंने उसे धन्यवाद दिया और कहा कि मैं कपड़े बदल कर आता हूँ।

अंजली बोली, ठीक है और छत की लाइट भी बंद कर देना।

मैंने कपड़े बदले, लाइट बंद की, ऊपर आया और अपने मोबाइल की टॉर्च जला कर अपनी जगह पर लेट गया। रात काफी हो चुकी थी।

अब वो मेरे बगल में थी और मैं समझ नहीं पा रहा था कि आज सो पाऊंगा या नहीं। उसने कहा कि रजाई पतली है और रात को ठंड लगेगी।

मैंने कहा कि मेरी ले लो। उसने कहा कि तुम क्या ओढ़ोगे। मैंने बोल दिया कि हम दोनों ही इससे ओढ़ लेंगे।

फिर वो शरमा गई। मेरी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और मैंने भी अपनी रजाई उस पर डाल दी। उसने धन्यवाद कहा और रजाई उठा कर मेरी तरफ बढ़ा दी। मैं भी खिसक कर उसके  करीब आ गया। अब मैं समझ गया था कि आग शरीर में भी उतनी ही जल रही थी। वरना इतनी जल्दी कुछ नहीं होता।

मैंने उनके कान में कहा, “अंजली उस समय हमने तुम दोनों को ऊपर पेशाब करते देखा था।” फिर उसने मुझे चिकोटी काटी और कहा, “बेशर्म तुमने कैसे देख लिया।” फिर मैंने उसे पूरी बात बताई, वह कसम से शर्मिंदा हो गई। उसने कहा, “तुम बहुत गंदे हो, अगर तुम हमें नहीं बता सकते थे तो हम रुक जाते। ladki ki xxx chudai 

मैंने कहा, “मुझे कोई दिक्कत नहीं थी, मैं क्यों बताता?” फिर उसने मुझे फिर से चिकोटी काटी। इस बार मैंने हिम्मत जुटाई और उनके गाल पर किस किया। वह चौंक गई और पूछा कि तुमने क्या किया। मैंने कहा,

“माफ करना गलती से हो गया।”

वह 2 मिनट तक चुप रही और फिर बोली कि गलती फिर से करो। तो मैंने उसे फिर से किस किया। वह वाकई बहुत खुश थी। फिर उसने कहा कि मैं कल चली जाऊंगी। मैंने कहा कि शादी तक रुको। उसने कहा कि एग्जाम हैं, दादी रहेंगी, हमें जाना है।

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे किस किया। अब वह पूरी तरह से मेरे कंट्रोल में थी।

मैंने अपनी उंगली उसके होंठों पर रखी और वो अपने दांतों से काटने लगी। मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ उसके गाल पर मारने के बाद नीचे की ओर बढ़ाना शुरू किया। जैसे ही मेरा हाथ उसके  चूचो पर लगा, वो जोर-जोर से साँस लेने लगी।

और वो बोली, “प्लीज ऐसा मत करो.” पर मैंने दोनों चूचो को ठीक से दबाया और उसके निप्पलों को चुटकी से दबाया. में  समझ गए कि उसने ब्रा नहीं पहनी है. तो वो बेचैन होने लगी. मैं धीरे से अपना हाथ उनके पेट पर ले गया और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.

पर मैं नहीं रुका. मैं खुद को रोक नहीं सका. मैं क्या कर सकता था?

उनके पेट को सहलाते हुए मैंने अचानक अपना हाथ उनकी चूत पर रख दिया.

 मैं आपको नहीं बता सकता कि कपड़ों के ऊपर से भी वो कितनी मुलायम लग रही थी.

वो जोर जोर से साँस लेने लगी. मुझे लगा कि शायद कोई जाग गया होगा, तो मैंने उसका मुँह दबा दिया. वो समझ गई, और अब वो शांत हो गई.

करीब 10 मिनट तक ऐसे ही ऊपर से उसे सहलाते हुए मैंने अचानक अपना हाथ उनकी सलवार में डालना शुरू कर दिया.

वो मुझे रोक नहीं सकी. अब मेरे हाथ उनकी सूजी हुई चूत को महसूस करने लगे, जो बहुत गर्म हो गई थी. उस पर बहुत हल्के बाल थे, तो पूरी चूत और भी कमाल की लग रही थी, एकदम गीली हो गई थी.

अब वो पूरी तरह से पागल हो गई थी. मैं समझ गया, मैंने उसे अपने बगल में लिटाते हुए उसका हाथ अपने लोअर में डाल दिया. वो भी करीब 10 मिनट तक मेरे लंड को सहलाती और हिलती रही।

उसे ऊपर नीचे करती रही।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। क्योंकि मैं उसकी चूत को सहला रहा था और वो मेरे लंड को। मेरे लंड से  भी काफी पानी निकल रहा था और वो उसके हाथ पर लग रहा था। अब मैंने उसके कान में धीरे से कहा, “अंजली , मुझे सेक्स करना है, प्लीज।” फिर वो बोली, “प्लीज अंदर मत डालना नीरज।” मैं समझ गया कि वो क्या कहना चाह रही थी। मैंने कहा, “उठो और अपने सारे कपड़े उतार दो। सब सो रहे हैं। मैं भी अपने कपड़े उतार रहा हूँ, किसी को पता नहीं चलेगा।”

उसने कहा ठीक है। अब हम दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगे हो गए और एक दूसरे से चिपक गए। और हम इतना जोश में थे कि 2 मिनट भी सेक्स कर लेते तो शायद झड़ जाते मैंने 10 मिनट तक खुद पर काबू रखा।

और उसके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और अपने लंड को उनके पेट पर रगड़ने लगा। ladki ki xxx chudai 

वो भी बार बार मेरे लंड को छूकर मज़ा ले रही थी। अब मैं अपने हाथ उसकी  दोनों सेक्सी गांड पर ले गया. वो काफी टाइट थी. मैंने दबाना शुरू किया और उसे भी मजा आने लगा.

वो बार बार मेरा हाथ पकड़ कर अपनी गांड दबवा रही थी. आखिर में मैंने उसकी  गांड को 8/10 मिनट तक बहुत कस कर दबाया. और बीच बीच में मैं उसकी  गांड के छेद में भी अपनी उंगली डाल देता था, लेकिन वो उसे पकड़ लेती थी. अब उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रगड़ने लगी.

तो मैं समझ गया कि इसे अब ladki ki xxx chudai करो वरना ये झड़ जायेगी बिना सेक्स किये।
मैं भी देर नही किया बगल में लेटे-लेटे साइड से ही उसकी टाइट चूत में लंड घुसाने लगा। चूत टाइट थी। पर पानी निकलने से इतना चिकना हो गया था कि थोड़ी से प्रयास से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।

वो अब तेजी से सांस लेने लगी. और मैं उसके  निप्पल चूस रहा था और अब मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया. वो भी आगे पीछे होकर मेरा साथ दे रही थी. पता नहीं वो क्या सोच रही थी. उसे बहुत मजा आ रहा था. मानो वो पागल हो गई हो.

वैसे मेरी हालत भी खराब थी. मेरा लंड एकदम टाइट था और चोदते समय पच पच की आवाज़ भी आ रही थी. उसकी चूत का रस गद्दे पर गिर रहा था. अब वो बोली कि प्लीज़ ऊपर से करो, तो मैं समझ गया.

रजाई अपने ऊपर लेकर मैं उनके ऊपर लेट गया. अब मैं समझ गया कि मैं भी झड़ने वाला हूँ, तो वो भी झड़ने वाली थी. मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. और मैं अपने हाथ से उनके चूचो को दबा रहा था और उसके  होंठों पर किस भी कर रहा था.

वो नशे में थी, वो कुछ और कहने के होश में नहीं थी. मैंने ऐसे ही 7/8 मिनट तक चोदा. वो मेरे सामने झड़ गई क्योंकि उसने मुझे कस कर पकड़ रखा था. तो हम समझ गए कि उसका काम तमाम हो गया है.

अब सच बताऊँ तो मुझे उसकी  चूत में ही झड़ना था. तो मैंने उसे बिना बताए ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. करीब 5 मिनट बाद मैंने भी अपना सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया. कसम से ठंड में हम दोनों पसीने से तर हो गए थे. ladki ki xxx chuda

बाद में मैंने अंजली को बताया कि मैंने अंदर ही छोड़ दिया और वो गुस्सा हो गई. फिर बाद में मैंने उनके गाल पर किस किया. उसने कहा कोई बात नहीं मैं कल गोलियाँ ले लूँगी तुम डरो मत। फिर मैं भी पूरी रात उनके साथ चिपका रहा और उस दिन 2 बार सेक्स किया। अलग-अलग तरीके से खूब मस्ती की।

बाद में जाते समय उसने मुझे अपना नंबर दिया ताकि हम फिर से कहीं कमरा किराए पर लेकर मिल सकें और एक दूसरे की प्यास बुझा सकें। 

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